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डेंगू के खिलाफ भारत की पहली DNA वैक्सीन

प्रारम्भिक परीक्षा : डेंगू बीमारी , DNA वैक्सीन
मुख्य परीक्षा :  सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:2 &3- स्वास्थ्य,  विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव

चर्चा में क्यों ?

  • भारत, अफ्रीका और अमेरिका के 9 संस्थानों के सहयोग से नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (NCBS), बेंगलुरु के शोधकर्त्ताओं द्वारा 2019 से DNA वैक्सीन विकसित की जा रही है, जिसमें आशाजनक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। 

प्रमुख बिन्दु  

  • शोधकर्त्ताओं द्वारा चूहों पर शुरुआती परीक्षणों में इसकी मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देखी गई और बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी  जीवित रहने की दर में वृद्धि हुई है।
  • वर्ष 2021 में, भारत ने डेंगू के 110,473 मामले दर्ज किए, जो सबसे बुरी तरह प्रभावित देशों में चौथे स्थान पर है।

DNA वैक्सीन के बारे में

  • यह प्रतिरक्षित होने वाले व्यक्ति की कोशिकाओं में एंटीजन के डीएनए अनुक्रम को शुरू करके किया जाता है।
  • इसमें DNA के एक छोटे से हिस्से का उपयोग किया जाता है और DNA को सीधे शरीर की कोशिकाओं में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे कोशिकाएं एंटीजन बना सकें।  
  • बैक्टीरिया, परजीवियों और वायरस से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को त्वरित करने के लिये एक विशिष्ट एंटीजन कोड किया जाता है।
  • इसमें डीएनए प्लास्मिड का उपयोग किया जाता है।  
  • इसे टीकों की तीसरी पीढ़ी के रूप में भी जाना जाता है।
  • दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन "ZyCoV-D" भारत में ज़ाइडस कैडिला द्वारा कोविड के लिए विकसित किया गया था और इसे 2021 में आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया था।

महत्त्व 

  • डीएनए वैक्सीन बाह्य कोशिकीय क्षरण को रोकेगा और यह दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करने के लिए लक्ष्य कोशिकाओं के केंद्रक में सफलतापूर्वक प्रवेश करेगा। 
  • यह पारंपरिक टीकों की तुलना में अधिक स्थिर, लागत प्रभावी और सुरक्षित है। 

डेंगू 

  • डेंगू एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है जो दुनिया भर में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में पाया जाता है और यह जीनस फ्लेवीवायरस के कारण होती है।  
  • ज्यादातर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोग फैलाने वाले प्राथमिक रोगवाहक एडीज एजिप्टी मच्छर हैं।
    • इस मच्छर के कारण चिकनगुनिया (Chikungunya) और जीका संक्रमण (Zika Infection)  भी होता है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार यह वायरस गर्भवती मां से बच्चे में भी फैल सकता है। 
  • डेंगू/गंभीर डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है।

लक्षण

  • सिर दर्द, आंखों में दर्द, अचानक तेज़ बुखार, हड्डी, जोड़ और मांसपेशियों में तेज़ दर्द आदि। 

चुनौती 

  • डेंगू के 4 प्रकार होते हैं: डेन-1, डेन-2, डेन-3 और डेन-4 । भारत में सबसे आम स्ट्रेन डेन-2 है। डेंगू के टीकों का निर्माण इतना कठिन क्यों है इसका कारण यह है कि उन्हें सभी 4 उपभेदों पर प्रभावी होने की आवश्यकता है। 
  • अब तक, केवल डेन-2 डेंगू टीकों को उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है।
  • Dengvaxia: इसे फ्रांसीसी कंपनी Sanofi द्वारा निर्मित किया गया है । हालाँकि, इसका उपयोग केवल उन लोगों के लिए किया जा सकता है जिन्हें पहले डेंगू हो चुका है या जो ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ बहुसंख्यक आबादी पहले संक्रमित हो चुकी है। जिन लोगों को कभी संक्रमण नहीं हुआ है, उनमें यह टीका गंभीर डेंगू के खतरे को बढ़ा सकता है।
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