चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारतीय नौसेना ने पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता वाले शैलो वाटर क्राफ्ट श्रृंखला के आठवें और अंतिम युद्धपोत ‘INS अजय’ को जलावतरण किया।

प्रमुख बिंदु:
- कोलकाता स्थित गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा स्वदेशी रूप से निर्मित यह जहाज,‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं में बड़ी उपलब्धि का प्रतीक है।
- यह कार्यक्रम INS अर्नाला के जलावतरण के केवल एक महीने बाद हुआ है।
- इसके साथ ही,श्रृंखला का दूसरा पोत INS एंड्रोथ समुद्री परीक्षणों के बाद आपूर्ति के लिए तैयार है।
स्वदेशी निर्माण और डिजाइन
- INS अजय को पूरी तरह भारत में डिज़ाइन और निर्मित किया गया है।
- इसकी 80% से अधिक सामग्री स्वदेशी है।
- यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत नौसैनिक जहाज निर्माण की दिशा में उल्लेखनीय कदम है।
- GRSE की ऐतिहासिक भूमिका:
- GRSE ने 1961 में भारत का पहला स्वदेश निर्मित युद्धपोत (INS अजय) बनाया था।
- नया INS अजय उसी विरासत का आधुनिक प्रतीक है।
तकनीकी क्षमताएं और भूमिका
विशेषता
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विवरण
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प्रमुख कार्य
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पनडुब्बी रोधी युद्ध, तटीय निगरानी, जल-जागरूकता
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सेंसर
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पतवार पर लगा सोनार, कम आवृत्ति वाला परिवर्तनशील गहराई वाला सोनार (LFVDS)
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हथियार प्रणाली
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टॉरपीडो, ASW रॉकेट, NSG-30 गन, 12.7 मिमी स्थिर रिमोट नियंत्रित गन (SRCG)
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अतिरिक्त क्षमता
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बारूदी सुरंग बिछाने की दक्षता
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प्रणोदन प्रणाली और आधुनिक तकनीक
- INS अजय डीजल इंजन से संचालित है और वाटरजेट प्रणोदन से लैस है।
- यह प्रणाली उथले पानी में उच्च गति और चपलता प्रदान करती है।
- इसमें उन्नत संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ भी हैं जो हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक भूमिका को सशक्त बनाती हैं।
सामरिक महत्व
- INS अजय तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बी खतरों की पहचान,ट्रैकिंग और मुकाबले में सक्षम है।
- इससे भारतीय नौसेना की तटीय रक्षा क्षमताएं और समुद्री निगरानी क्षमता मजबूत हुई है।
- यह पोत भारत की रणनीतिक समुद्री सुरक्षा रणनीति को और अधिक आत्मनिर्भर और प्रभावी बनाता है
प्रश्न. INS अजय का निर्माण किसने किया है ?
(a) मझगांव डॉक लिमिटेड
(b) कोचीन शिपयार्ड
(c) गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE)
(d) DRDO
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