अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रतिवर्ष 8 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य शिक्षा के अधिकार और साक्षरता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
प्रमुख बिन्दु:
अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 की थीम- “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा देना”
8 सितम्बर की तिथि को वर्ष 1966 में UNESCO ने अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया था।
इस दिवस को पहली बार वर्ष 1967 में मनाया गया था।
भारत में साक्षरता से संबंधित प्रयास:
समाज में साक्षरता का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से यह दिवस भारत में बड़े स्तर पर मनाया जाता है।
भारत का सर्व शिक्षा अभियान, मिड डे मिल, प्रौढ़ शिक्षा इस दिशा में सराहनीय कदम हैं।
भारत सरकार द्वारा वर्ष 1988 में "राष्ट्रीय साक्षरता अभियान" शुरू किया गया था।
इसका उद्देश्य निरक्षरता को समाप्त करना और प्रौढ़ शिक्षा को कार्यात्मक साक्षरता और आजीवन शिक्षा प्रदान करना था।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रौढ़ शिक्षा और आजीवन सीखने की सिफारिशें शामिल हैं।
सरकार ने ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ और 2021-22 की बजट घोषणाओं के अनुरूप वयस्क शिक्षा के सभी पहलुओं को कवर करने के लिए वित्त वर्ष 2022-2027 की अवधि के लिए "न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम" को मंजूरी दी है।
इसका उद्देश्य न केवल आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता प्रदान करना है, बल्कि 21वीं सदी के नागरिक के लिए आवश्यक अन्य घटकों को भी शामिल करना है, जैसे-
महत्वपूर्ण जीवन कौशल (वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, वाणिज्यिक कौशल, स्वास्थ्य देखभाल और जागरूकता सहित, शिशु देखभाल तथा शिक्षा एवं परिवार कल्याण)
व्यावसायिक कौशल विकास (रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से)
बुनियादी शिक्षा (प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तर की समकक्षता सहित)
सतत शिक्षा (कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, संस्कृति, खेल और मनोरंजन में समग्र प्रौढ़ शिक्षा पाठ्यक्रम
प्रश्न. अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस किस तिथि को मनाया जाता है ?