भारत में निवेशकों की सुरक्षा और वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए ‘निवेशक शिविर’ पहल की शुरुआत की गई।
निवेशक शिविर पहल के बारे में
- परिचय : यह ‘निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण निधि प्राधिकरण (IEPFA)’ और भारतीय ‘प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)’ की एक संयुक्त पहल है।
- नोडल मंत्रालय : कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय
- प्रमुख उद्देश्य :
- निवेशकों को अनक्लेम्ड डिविडेंड व शेयर की वापसी की प्रक्रिया को सरल बनाना
- वित्तीय साक्षरता व निवेश जागरूकता को बढ़ाना
- बिचौलियों पर निर्भरता को कम करना तथा प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करना
- प्रथम चरण में शामिल शहर : मुंबई व अहमदाबाद (मई 2025 से)
- शामिल संस्थाएँ :
- IEPFA (Investor Education and Protection Fund Authority)
- SEBI (Securities and Exchange Board of India)
- NSE, BSE, NSDL, CDSL, Link Intime, KFin Technologies, आदि
लाभ व महत्व
- दावा प्रक्रिया में पारदर्शिता व सरलता
- निवेशकों का सशक्तिकरण व अधिकारों की रक्षा
- डिजिटल साक्षरता और वित्तीय अनुशासन का विकास
- निवेशकों की समस्याओं का त्वरित समाधान
निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष प्राधिकरण (IEPFA)
- परिचय : निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष के प्रशासन के लिए यह भारत सरकार के कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है जिसका गठन निवेशकों की रक्षा, शिक्षा व सशक्तिकरण के लिए किया गया था।
- स्थापना : इसकी स्थापना कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 125 के तहत 7 सितंबर, 2016 को की गई थी।
- उद्देश्य :
- निवेशकों को अशोधित लाभांश, शेयर, परिपक्व डिबेंचर्स, बॉन्ड्स, डिपॉजिट्स, आदि की वसूली में सहायता करना
- निवेशकों के बीच वित्तीय साक्षरता व जागरूकता प्रसार
- निवेश प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाना
- बिचौलियों की भूमिका को कम करना और सीधे दावे की प्रक्रिया को बढ़ावा देना।
|
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI)
- परिचय : वर्ष 1992 में स्थापित यह भारत सरकार का एक वैधानिक निकाय (Statutory Body) है।
- उद्देश्य : इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय पूंजी बाजार (Capital Market) को नियंत्रित करना, निवेशकों के हितों की रक्षा करना और बाजार में पारदर्शिता बनाए रखना है।
- मुख्यालय : मुंबई, महाराष्ट्र
- गठन : इसका गठन एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में 1988 में किया गया था। हालाँकि, बाद में ‘सेबी अधिनियम, 1992’ के तहत इसे वैधानिक निकाय बनाया गया।
|