(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप तथा उनके अभिकल्पन व कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय) |
संदर्भ
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension Scheme: NPS) से नई शुरू की गई एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme: UPS) में स्थानांतरित होने के लिए एकमुश्त अवसर खोला है और इस विकल्प (अवसर) का उपयोग करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर, 2025 है।
क्या है एकीकृत पेंशन योजना
- इसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2024-25 में की गई थी। इसे पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme: OPS) और एन.पी.एस. के बीच एक मध्य मार्ग के रूप में डिज़ाइन किया गया।
- 1 जनवरी, 2004 से पहले नियुक्त केंद्र सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना (OPS) के अंतर्गत थे जो एक निश्चित पेंशन की गारंटी देती है, जबकि उसके बाद नियुक्त कर्मचारी एन.पी.एस. के अंतर्गत थे, जो बाज़ार से जुड़ी है।
- 1 जनवरी, 2004 से सेवा में आने वाले केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए एन.पी.एस. अनिवार्य था, जबकि यू.पी.एस. वैकल्पिक है।
- इसका उद्देश्य सुनिश्चित पेंशन सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता दोनों प्रदान करना है। इस योजना को पिछले अगस्त में कैबिनेट ने मंजूरी दी थी और यह इस वर्ष 1 अप्रैल से लागू हुई है।
- पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के अनुसार, 15 सितंबर तक एन.पी.एस. के अंतर्गत आने वाले लगभग 23.94 लाख कर्मचारियों में से केवल 40,000 ने ही यू.पी.एस. का विकल्प चुना था।
- विभाग ने 2 सितंबर को यू.पी.एस. चुनने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के सेवा मामलों को विनियमित करने के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के अंतर्गत एकीकृत पेंशन योजना का कार्यान्वयन) नियम, 2025 को अधिसूचित किया।
मुख्य विशेषताएँ
- न्यूनतम गारंटीकृत पेंशन: अंतिम प्राप्त मूल वेतन का 50%
- कर्मचारी योगदान: मूल वेतन + महँगाई भत्ता (Dearness Allowance : DA) का 10% (एन.पी.एस. के समान)
- सरकारी योगदान: मूल वेतन + डी.ए. का 10%
- लचीलापन: कर्मचारी स्वेच्छा से यू.पी.एस. का विकल्प चुन सकते हैं यह स्वचालित रूप से लागू नहीं।
- कवरेज: 1 जनवरी, 2004 या उसके बाद भर्ती हुए केंद्र सरकार के कर्मचारी (वर्तमान में एन.पी.एस. के अंतर्गत)
- अंतिम तिथि: 30 सितंबर, 2025 (एकमुश्त स्विच विकल्प)।
- यह योजना न्यूनतम 25 वर्षों की सेवा के लिए सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम 12 महीनों में कर्मचारी द्वारा प्राप्त औसत मूल वेतन का 50% सुनिश्चित भुगतान देती है।
- पेंशनभोगी की मृत्यु होने पर, उसके जीवनसाथी को प्राप्त पेंशन का 60% तक सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी।
- यू.पी.एस. के तहत 10 साल की सेवा के बाद न्यूनतम 10,000 रुपये प्रति माह का भुगतान सुनिश्चित है।
- हालाँकि, सेवा से बर्खास्त किए गए कर्मचारी इस सुनिश्चित भुगतान के पात्र नहीं होंगे।
ओ.पी.एस. और एन.पी.एस. में अंतर
- ओ.पी.एस.: पूरी तरह से सुनिश्चित पेंशन के साथ-साथ अंशदायी नहीं है किंतु वित्तीय रूप से बोझिल है।
- एन.पी.एस.: बाजार से जुड़ा रिटर्न और कोई सुनिश्चित पेंशन नहीं है।
- यू.पी.एस.: राजकोषीय तनाव को कम करने के लिए अंशदायी डिज़ाइन के साथ हाइब्रिड मॉडल और सुनिश्चित पेंशन है।
एन.पी.एस. व यू.पी.एस. में अंतर
विकल्प के रूप में यू.पी.एस.
- पहला बड़ा अंतर यह है कि एन.पी.एस. अनिवार्य था, जबकि यू.पी.एस. वैकल्पिक है।
- विभाग द्वारा अधिसूचित नियमों के अनुसार, 30 सितंबर तक यू.पी.एस. चुनने वाले कर्मचारी सेवानिवृत्ति से एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना चुनने से तीन महीने पहले तक इस विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- एक बार यह विकल्प चुनने के बाद कर्मचारी दोबारा यू.पी.एस. नहीं चुन सकता है।
नियोक्ता द्वारा योगदान
- एन.पी.एस. के तहत स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या (Permanent Retirement Account Number: PRAN) के माध्यम से पेंशन खाते में कर्मचारी द्वारा मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10% तथा नियोक्ता द्वारा 14% योगदान दिया जाता है।
- यू.पी.एस. के लिए पी.आर.ए.एन. योगदान कर्मचारी एवं नियोक्ता दोनों के लिए मूल वेतन व महंगाई भत्ते का 10% है।
भुगतान के लिए पूल कोष का प्रावधान
- यू.पी.एस. के तहत 25 वर्ष की सेवा पूरी होने पर पिछले 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% का सुनिश्चित भुगतान मिलता है।
- इस सुनिश्चित भुगतान के लिए यू.पी.एस. में एक पूल कोष का प्रावधान है जो मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 8.5% के सरकारी अंशदान से बनेगा।
- एन.पी.एस. में कोई सुनिश्चित राशि नहीं होती है; यह संचित कोष पर आधारित होती है।
एकमुश्त भुगतान
एन.पी.एस. में एकमुश्त भुगतान नहीं होता है जबकि यू.पी.एस. में प्रत्येक छह महीने की सेवा के लिए अंतिम मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 1/10वां हिस्सा मिलता है।
महत्त्व
- ओ.पी.एस. में वापसी की मांग कर रहे कर्मचारियों के बीच असंतोष को दूर करने का प्रयास।
- सरकारी वित्त की अंतर-पीढ़ीगत समानता और स्थिरता सुनिश्चित करने का प्रयास।
- यह राज्य सरकारों के लिए एक आदर्श के रूप में काम कर सकता है जिनमें से कई पेंशन-संबंधी राजकोषीय तनाव का सामना कर रही हैं।