New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

किस एंड कैप्चर घटना

(प्रारंभिक परीक्षा : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)
(मुख्य परीक्षा, सामने अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नई प्रौद्योगिकी का विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष)

संदर्भ 

नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित एक नए सिद्धांत से पता चलता है कि सौरमंडल में प्लूटो के उपग्रह चारोन का उद्भव प्लूटो एवं उसके पाँच ज्ञात उपग्रहों में से सबसे बड़े उपग्रह के बीच एक भयंकर टक्कर से हुआ था। इसको विशेषज्ञों ने ‘किस एंड कैप्चर’ (Kiss-and-Capture) घटना कहा है।

किस एंड कैप्चर घटना के बारे में 

  • यह ‘किस एंड कैप्चर’ घटना किसी ग्रह द्वारा अपने उपग्रह पर नियंत्रण करने और ब्रह्मांडीय टकराव के एक नए सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करती है। 
  • हालिया शोध के अनुसार, कुइपर बेल्ट में स्थित दो शीत ग्रह, सौर मंडल के किनारे पर अरबों वर्ष पहले आपस में टकराए थे।
    • कुइपर बेल्ट नेपच्यून (वरुण) की कक्षा से परे हमारे सौर मंडल के ठंडे, बाह्य क्षेत्र में एक बड़ा क्षेत्र है। इसे सौर मंडल का ‘तीसरा क्षेत्र’ भी कहा जाता है।

  • एक दूसरे को नष्ट करने के बजाय, दोनों पिंड एक साथ घूमते हुए ब्रह्मांडीय हिमग्रह (Cosmos Giant) के रूप में एकत्रित हो गए।
  • ये पिंड अपेक्षाकृत जल्दी अलग हो गए, हालांकि प्लूटो/चारोन परिक्रमा प्रणाली का निर्माण करने के लिए आपस में एक कक्षा में जुड़े रहे, अर्थात साथ मिलकर, दोनों ने ग्रह एवं उपग्रह के संबंधों की परंपराओं को तोड़ दिया और अपना स्वयं का नया परिक्रमा संबंध स्थापित किया।
  • इस नए परिक्रमा संबंध में पृथ्वी के विपरीत (जिसका चंद्रमा/उपग्रह अपने ग्रह की परिक्रमा करता है) प्लूटो एवं चारोन कुइपर बेल्ट में एक-दूसरे की परिक्रमा करते हैं।
  • यह शोध वैज्ञानिकों को कुइपर बेल्ट में ठंडे, बर्फीली दुनिया की संरचनात्मक शक्ति के बेहतर परीक्षण करने में भी मदद कर सकता है।

प्लूटो और चारोन के बारे में

  • प्लूटो : यह सौर मण्डल का सबसे बड़ा बौना ग्रह (Dwarf Planet) है।
    • प्लूटो का वायुमंडल बहुत विरल है जिसमें नाइट्रोजन, मीथेन एवं कार्बन मोनोऑक्साईड गैसें प्रमुखता से उपस्थित हैं।
    • सौरमंडल में इसकी खोज क्लाइड टॉमबॉ ने 1930 ई. में की थी।
    • वर्ष 2006 में अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था।
  • चारोन : यह प्लूटो के पाँच ज्ञात प्राकृतिक उपग्रहों में सबसे बड़ा है।
  • प्लूटो के अन्य चार उपग्रह : निक्स, हाइड्रा, केर्बेरोस एवं स्टाइक्स
  • न्यू होराइजन्स : यह मानव द्वारा प्रेषित एकमात्र ऐसा अंतरिक्ष यान है जो वर्ष 2015 में प्लूटो प्रणाली का दौरा कर चुका है।
    • इस यान द्वारा ली गई तस्वीरों में बर्फ के पहाड़, नाइट्रोजन ग्लेशियर, एक विशिष्ट हृदयाकार क्षेत्र और एक दुर्लभ वातावरण का पता चलता है, इस क्षेत्र को अंतरिक्ष यात्रियों ने अनौपचारिक रूप से टॉमबॉग रेजियो (Tombaugh Regio) नाम दिया है।

इसे भी जानिए!

बौने ग्रह (Dwarf Planets)

  • हमारे सौरमंडल में अभी तक ज्ञात पाँच बौने ग्रह हैं।
  • सूर्य से दूरी के अनुसार इनका क्रम : सेरेस, प्लूटो, ह्यूमिया, माकेमेक एवं एरिस
  • प्लूटो एवं अन्य बौने ग्रह सामान्य ग्रहों की तरह ही हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) ने वर्ष 2006 में ग्रह की परिभाषा दी थी।
  • IAU के अनुसार, ग्रह की परिभाषा में शामिल तीन बिंदु :
    • अपने मेजबान तारे की परिक्रमा करता हो (हमारे सौरमंडल में यह तारा सूर्य है)।
    • उसका आकार अधिकांश गोल हो।
    • उसका आकार इतना वृहद् हो कि उसका गुरुत्वाकर्षण सूर्य के चारों ओर उसकी कक्षा के पास स्थित समान आकार की अन्य वस्तुओं को दूर कर दे।
  • प्लूटो जैसे बौने ग्रहों को ऐसे पिंडों के रूप में परिभाषित किया गया है जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं तथा लगभग गोलाकार हैं किंतु अपनी कक्षा से मलबा (Debris) नहीं हटा पाए हैं।
  • अब तक IAU ने केवल पाँच बौने ग्रहों की पहचान की है। हालाँकि, IAU का कहना है कि कई अन्य बौने ग्रह हो सकते हैं जिनकी संख्या सौ से अधिक हो सकती है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR