भारत सरकार की मंत्रिमंडल की आर्थिक कार्य समिति (CCEA) ने बिहार राज्य की कोसी-मेची संपर्क परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के अंतर्गत त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP) में सम्मिलित करने की स्वीकृति प्रदान की है।
कोसी-मेची नदी संपर्क परियोजना
कोसी-मेची नदी संपर्क परियोजना, बिहार में कोसी नदी के अतिरिक्त जल को महानंदा बेसिन में मेची नदी तक पहुंचाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है।
इस परियोजना का संचालन जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया जाएगा, जो देशभर में जल संसाधन विकास और प्रबंधन से संबंधित नीतियों और योजनाओं को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
इस परियोजना में दो मुख्य कार्य किए जाएंगे:
पूर्वी कोसी मुख्य नहर (EKMC) की 0.00 किलोमीटर से 41.30 किलोमीटर तक की लंबाई को पुनर्गठित किया जाएगा।
पुनर्गठित नहर को 41.30 किमी से आगे बढ़ाकर 117.50 किलोमीटर तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे यह मेची नदी से जुड़ेगी।
इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत ₹6,282.32 करोड़ निर्धारित की गई है। इसमें से ₹3,652.56 करोड़ का योगदान केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा, जबकि शेष राशि राज्य सरकार तथा अन्य स्रोतों से आएगी।
यह वित्तीय सहायता प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत दी जा रही है।
इस परियोजना को मार्च 2029 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें निर्माण, नहर विस्तार, पुनर्निर्माण और जल प्रबंधन से संबंधित सभी कार्य पूरे किए जाएंगे।
इस परियोजना के पूरा होने पर बिहार राज्य के चार प्रमुख जिलों को इसका लाभ मिलेगा। ये जिले हैं:
अररिया
पूर्णिया
किशनगंज
कटिहार
इन जिलों में कुल मिलाकर 2.15 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि को स्थायी और नियंत्रित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
परियोजना का महत्व
कोसी और मेची नदियाँ बिहार में बाढ़ की सबसे अधिक त्रस्त करने वाली नदियों में गिनी जाती हैं; कोसी नदी को 'बिहार की शोक' कहा जाता है।
यह परियोजना कोसी नदी के अधिशेष जल को मेची नदी की ओर मोड़कर उसका नियंत्रित वितरण सुनिश्चित करेगी, जिससे हर वर्ष आने वाली बाढ़ की तीव्रता में कमी आएगी और आसपास के क्षेत्रों को राहत मिलेगी।
यह परियोजना न केवल कृषि उत्पादकता में वृद्धि करेगी, बल्कि ग्रामीण रोजगार और जल संसाधन प्रबंधन को भी सुदृढ़ बनाएगी।
यह पूर्वोत्तर बिहार के सिंचाई व जल संकट से प्रभावित क्षेत्रों में सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी।
यह परियोजना जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने में भी सहायक होगी, क्योंकि यह जल की उपलब्धता और उपयोग को संतुलित करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
प्रश्न. कोसी-मेची नदी संपर्क परियोजना किस राज्य से संबंधित है ?