New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Festive Month Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 30th Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर 

चर्चा में क्यों 

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider) ने 5 जुलाई, 2022 से अभी तक के ज्ञात सबसे छोटे कण प्रोटॉन को तोड़ने का कार्य प्रारंभ कर दिया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी सहायता से भौतिकी के मूलभूत सवालों के जवाब मिल सकते हैं।

लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर

  • लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) एक विशाल एवं जटिल मशीन है। इसे भौतिकी के मौलिक कणों या सबसे छोटे ज्ञात निर्माण ब्लॉक कणों का अध्ययन करने के लिये बनाया गया है।
  • संरचनात्मक रूप से यह 27 किमी. लंबी ट्यूब के समान है, जो स्विट्ज़रलैंड और फ्रांस की सीमा पर 100 मीटर की गहराई पर स्थित है।
  • यह विश्व का सबसे शक्तिशाली पार्टिकल कोलाइडर है। 

पृष्ठभूमि

  • 4 जुलाई, 2012 को सर्न (CERN) के वैज्ञानिकों ने एल.एच.सी. के पहले चरण के दौरान हिग्स बोसोन या 'गॉड पार्टिकल' की खोज की घोषणा की थी।
  • इसके कारण पीटर हिग्स और उनके सहयोगी फ्रांस्वा एंगलर्ट को वर्ष 2013 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। माना जाता है कि हिग्स बोसोन और इससे संबंधित ऊर्जा क्षेत्र ने ब्रह्मांड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • एल.एच.सी. के वर्तमान चरण (तीसरा चरण) में ब्रह्मांड के सबसे प्राथमिक निर्माण खंडों और उनके बीच के संबंधों का अध्ययन करने तथा ‘डार्क मैटर’ को समझने में सहायता मिलेगी।
  • डाटा के विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिक 'नई भौतिकी' या कण भौतिकी के मानक मॉडल के अतिरिक्त नए साक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं। इसके निष्कर्ष यह समझाने में सहायक होंगे कि किस प्रकार चार मूलभूत बलों की सहायता से निर्मित पदार्थ के बुनियादी निर्माण खंड आपस में अभिक्रिया करते हैं।

हिग्स बोसोन 

  • हिग्स बोसोन, हिग्स क्षेत्र से जुड़ा मूलभूत कण है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो अन्य मूलभूत कणों,जैसे- इलेक्ट्रॉनों और क्वार्कों को द्रव्यमान प्रदान करता है।
  • हिग्स बोसॉन का प्रस्ताव वर्ष 1964 में पीटर हिग्स, फ्रांकोइस एंगलर्ट और चार अन्य वैज्ञानिकों ने दिया और यह स्पष्ट किया कि निश्चित कणों में द्रव्यमान क्यों होता है। वैज्ञानिकों ने वर्ष 2012 में एल.एच.सी. की सहायता से इसकी पुष्टि की थी।
  • विदित है कि सभी मूलभूत कणों में द्रव्यमान नहीं होता है। उदाहरण के लिये विद्युत चुम्बकीय बल का वहन करने वाले फोटॉन कण का कोई द्रव्यमान नहीं होता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X