| (प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) |
संदर्भ
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रकाशित सामग्री से संबंधित नियमों में नई जवाबदेही व्यवस्था लागू करने की घोषणा की है।
मुद्दा क्या है
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कहा है कि अब सोशल मीडिया पर कंटेंट हटाने या चेतावनी देने वाले अधिकारियों को अधिक ‘उत्तरदायी’ बनाया जाएगा।
- यह कदम सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन के रूप में लाया जा रहा है।
- सरकार का मानना है कि कई बार अधिकारियों द्वारा जारी की गई सामग्री चेतावनी या हटाने संबंधी नोटिसों में स्पष्टता की कमी होती है, जिससे ‘सेफ हार्बर’ (कानूनी सुरक्षा) का दुरुपयोग होता है।
MeitY के नए सुरक्षा उपाय
- नोटिस जारी करने वाले अधिकारी को अब स्पष्ट कारण सहित लिखित स्पष्टीकरण देना होगा।
- सभी आदेश उच्च अधिकारी स्तर (संयुक्त सचिव और उससे ऊपर) से जारी होंगे।
- नोटिस में यह साफ लिखा होगा कि यह कानूनी चेतावनी है, न कि तुरंत हटाने का आदेश।
- इस संशोधन से सरकारी पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी।
आई.टी. नियम की धारा 3(1)(d) क्या है!
यह प्रावधान सरकार को यह अधिकार देता है कि यदि किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या अन्य संवेदनशील हितों के लिए हानिकारक मानी जाए, तो संबंधित अधिकारी उसे चिन्हित (flag) कर सकता है। इस स्थिति में प्लेटफॉर्म ‘सेफ हार्बर’ संरक्षण (Safe Harbour Protection) नहीं ले सकता, यानी उसे उपयोगकर्ता की सामग्री के लिए भी कानूनी जिम्मेदारी उठानी पड़ेगी।
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आवश्यकता क्यों
- सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़, घृणा भाषण और गलत सूचना तेजी से फैलती है।
- अधिकारियों के मनमाने आदेशों से सेंसरशिप या शक्ति के दुरुपयोग की संभावना बनी रहती है।
- इसलिए नई व्यवस्था से यह सुनिश्चित होगा कि नियमों का प्रयोग जिम्मेदारी और पारदर्शिता के साथ किया जाए।
संबंधित चिंताएँ
- विशेषज्ञों का कहना है कि प्रशासनिक शक्ति का अत्यधिक केंद्रीकरण स्वतंत्र अभिव्यक्ति पर प्रभाव डाल सकता है।
- नोटिस और चेतावनी के बीच की रेखा अभी भी कानूनी अस्पष्टता पैदा कर सकती है।
- तकनीकी कंपनियों का मानना है कि इससे उनके परिचालन खर्च और अनुपालन भार बढ़ेगा।
आगे की राह
- सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह व्यवस्था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और डिजिटल अधिकारों का उल्लंघन न करे।
- न्यायिक निगरानी और स्वतंत्र समीक्षा तंत्र की स्थापना आवश्यक है।
- सोशल मीडिया कंपनियों को भी एल्गोरिदमिक पारदर्शिता और जिम्मेदार सामग्री मॉडरेशन की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
निष्कर्ष
MeitY द्वारा प्रस्तावित यह संशोधन डिजिटल गवर्नेंस में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि सरकार नियंत्रण और स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे बनाए रखती है।