New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June.

मालाबार विद्रोह

 (प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ; भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन)

चर्चा में क्यों  

हाल ही में, केरल उच्च न्यायालय ने मलयालम फिल्म ‘पुझा मुथल पुझा वारे’ (Puzha Muthal Puzha Vare) को दूसरी पुनरीक्षण समिति के पास भेजने के केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के निर्णय को अवैध करार दिया है। यह फिल्म वर्ष 1921 के ‘मालाबार विद्रोह’ पर आधारित है। 

मालाबार विद्रोह 

प्रारंभ 

  • मालाबार विद्रोह को मप्पिला या मोपला विद्रोह भी कहते हैं। इसकी शुरूआत वर्ष 1921 में केरल के मालाबार क्षेत्र में हुई थी। यह एक सशस्त्र विद्रोह था जिसका नेतृत्व वरियामकुन्नाथु कुन्हाहमद हाजी ने किया था।
  • वरियामकुन्नाथु हाजी एक कट्टर मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता को सांप्रदायिक दंगों के लिये मक्का निर्वासन का सामना करना पड़ा था। 

कारण

  • इसका तात्कालिक कारण वर्ष 1920 में कांग्रेस द्वारा शुरू किया गया खिलाफत एवं असहयोग आंदोलन था। इन आंदोलनों से प्रेरित ब्रिटिश-विरोधी भावना से दक्षिण मालाबार के मुस्लिम मप्पिलाओं को प्रोत्साहन मिला। 
  • यह विद्रोह अंग्रेजों के उस काश्तकारी कानून के विरोध में शुरू हुआ था, जो ज़मींदारों के पक्ष में था। इसमें किसानों के लिये पहले की अपेक्षा कहीं अधिक शोषणकारी व्यवस्था थी। 
  • नए कानून ने किसानों को भूमि एवं उसकी उपज के सभी गारंटीकृत अधिकारों से वंचित कर भूमिहीन बना दिया।
  • इसमें अधिकांश ज़मींदार नंबूदरी ब्राह्मण थे, जबकि अधिकांश काश्तकार मप्पिला मुसलमान थे। इस कारण यह विद्रोह सांप्रदायिक हो गया।

मालाबार विद्रोह की पृष्ठभूमि

  • अरब सागर के माध्यम से मुस्लिम व्यापारी केरल पहुंचे। वे स्थानीय महिलाओं से विवाह करके केरल में बस गए। ऐसे मुस्लिम व्यापारियों के वंशज को मोपला कहा जाता है। 
  • 18वीं सदी में हैदरी अली ने इस क्षेत्र पर आक्रमण कर दिया। धर्मांतरण एवं उत्पीड़न से बचने के लिये कई हिंदू ज़मींदार पड़ोसी क्षेत्रों में चले गए। इससे मोपलाओं को भूमि स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो गया। 
  • वर्ष 1799 में टीपू सुल्तान की मृत्यु के बाद मालाबार ब्रिटिश शासन का हिस्सा बन गया। ऐसे में हिंदू ज़मींदारों ने भूमि पर अपना स्वामित्व पुन: प्राप्त करने की कोशिश की। इस कारण विद्रोह से पूर्व भी कई दंगे हुए। 

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड 

  • यह सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है जो सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 तथा सिनेमैटोग्राफ (प्रमाणन) नियम, 1983 के प्रावधानों के तहत फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन का विनियमन तथा स्वस्थ मनोरंजन को सुनिश्चित करता है। 
  • इसके प्रमाणन के बिना किसी फिल्म का भारत में सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता है। इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है तथा इसके नौ क्षेत्रीय कार्यालय हैं।  
  • इसके बोर्ड में गैर-सरकारी सदस्य व एक अध्यक्ष होता है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। बोर्ड में एक सलाहकार पैनल भी होता है। 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR