New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

10 छावनियों के नागरिक क्षेत्रों का स्थानीय निकायों में विलय

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, छावनी बोर्ड
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 (स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ), पेपर -3 (सुरक्षा बल तथा उनके अधिदेश)

संदर्भ:

हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 10 छावनियों के नागरिक क्षेत्रों को राज्य के संबंधित स्थानीय निकायों (नगर निगम, नगर पालिका) के साथ विलय करने के लिए अधिसूचना जारी की।

local-bodiesमुख्य बिंदु:

  • इन 10 छावनियों में शामिल हैं; 
    • देहरादून और क्लेमेंट टाउन छावनी- उत्तराखंड 
    • फतेहगढ़, बबीना, शाहजहांपुर और मथुरा छावनी- उत्तर प्रदेश
    • देवलाली छावनी- महाराष्ट्र 
    • रामगढ़ छावनी- झारखंड 
    • अजमेर और नसीराबाद छावनी- राजस्थान
  • पहले ही हिमाचल प्रदेश के खास योल छावनी के नागरिक क्षेत्र का नगर निगम, धर्मशाला में विलय कर दिया गया है।
  • 24 जुलाई, 2023 को रक्षा मंत्रालय ने देश के विभिन्न राज्यों में स्थित 58 छावनियों के नागरिक क्षेत्रों को राज्यों के संबंधित स्थानीय निकायों के साथ विलय करने पर विचार करने के लिये राज्य सरकारों को निर्देश दिया था।
    • सैन्य क्षेत्रों को पूर्ण सैन्य नियंत्रण के तहत सैन्य स्टेशनों के रूप में नामित किया जाएगा।

छावनियां और उनकी संरचना:

  • छावनियां सैन्य स्टेशनों से अलग हैं, जिसमें सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण और आवास की व्यवस्था होती है।
  • छावनियां सैन्य के साथ-साथ नागरिक आबादी को भी समायोजित करती हैं।
    • सैन्य स्टेशनों में केवल सैनिकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था होती है।
  • छावनियों को क्षेत्र के आकार और जनसंख्या के आधार पर चार श्रेणियों (क्लास 1 से क्लास 4 तक) में वर्गीकृत किया जाता है। 

छावनियों का प्रशासन:

  • छावनियों का उल्लेख संघ सूची की प्रविष्टि संख्या 3 किया गया है, जो केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।
  • इनका प्रशासन वर्ष 2006 के छावनी अधिनियम द्वारा संचालित होता है, जो 74वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप है।

छावनी बोर्ड:

  • यह बोर्ड छावनी के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है।
  • ये बोर्ड विभिन्न नागरिक कर्तव्यों का पालन करते हैं, जैसे-
    • सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना
    • जल आपूर्ति सुनिश्चित करना 
    • प्राथमिक शिक्षा सुविधाएं प्रदान करना, आदि। 
  • छावनी का स्टेशन कमांडर बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है। 
  • रक्षा संपदा संगठन का मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसका सचिव होता है। 
  • आधिकारिक प्रतिनिधित्व को संतुलित करने के लिए बोर्ड में निर्वाचित और मनोनीत/पदेन सदस्यों का समान प्रतिनिधित्व है।
    • निर्वाचित सदस्यों की संख्या छावनी की श्रेणी के आधार पर 2 से 8 सदस्यों तक होती है।
    • प्रथम श्रेणी की छावनी के छावनी बोर्ड में आठ निर्वाचित नागरिक और आठ सरकारी/सैन्य सदस्य होते हैं। 
    • चतुर्थ श्रेणी की छावनी के छावनी बोर्ड में दो निर्वाचित नागरिक और दो सरकारी/सैन्य सदस्य होते हैं।

छावनियों में नागरिक मुद्दे:

  • छावनियों में कई प्रतिबंध हैं, जिनमें किसी भी निर्माण गतिविधि या कुछ सड़कों के उपयोग पर प्रतिबंध शामिल हैं। 
  • छावनियों के अंदर रहने वाले गैर-सैन्य पृष्ठभूमि के नागरिकों को आसानी से होम लोन नहीं मिलता है क्योंकि इसे रक्षा भूमि माना जाता है। 
  • सामान्य क्षेत्रों में लागू होने वाली कुछ सरकारी योजनाएं जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना आदि छावनियों में रहने वाले लोगों पर लागू नहीं होती हैं।
  • अपने घर में अतिरिक्त मंजिलों का निर्माण या बुनियादी मरम्मत करवाना भी छावनियों में रहने वाले नागरिकों के लिए एक समस्या है क्योंकि इसके लिए अनेक अनुमतियों की आवश्यकता होती है।
  • सुरक्षा के कारण छावनियों के अंदर आवाजाही पर भी प्रतिबंध था।
  • वर्ष 2018 में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने छावनी सड़कों को सार्वजनिक उपयोग के लिए खोल दिया।

सेना द्वारा विरोध:

  • छावनियों को खत्म करने या उनकी सडकों को खोलने को लेकर सेना ने अपना विरोध व्यक्त किया है। 
  • सेना के अनुसार, यह न केवल प्रशिक्षण को प्रभावित करेगा बल्कि इस क्षेत्र में सुरक्षा खतरा भी उत्पन्न करेगा।
  • मूल रूप से सिविल आबादी को सशस्त्र बलों की सहायता के लिए छावनी क्षेत्रों में रहने की अनुमति दी गई थी 
    • किंतु बढ़ती आबादी के कारण अतिक्रमण की संभावना बढ़ गई है।
  • भू-माफियाओं (जो अक्सर स्थानीय राजनीति से जुड़े होते हैं) द्वारा छावनियों में अतिक्रमण और भूमि हड़पने की संभावना बढ़ जाएगी। 
  • आतंकवाद और भारत विरोधी ताकतों से भी इस क्षेत्र की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
  • सेना के प्रशिक्षण, लामबंदी और प्रशासन को सुरक्षा दृष्टिकोण से अवांछित तत्वों के सामने प्रकट नहीं किया जाना चाहिए।

शेकातकर समिति:

  • वर्ष 2016 में शेकातकर की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञों की एक समिति के सिफारिशों के अनुसार, 
    • छावनी बोर्ड को नागरिक प्रतिनिधियों के साथ काम करना जारी रखना चाहिए।
    • बोर्ड का अध्यक्ष एक सेवारत अधिकारी होना चाहिए।
    • मुख्य कार्यकारी अधिकारी को स्थानीय सैन्य प्राधिकरण के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। 

 शहरी नियोजन विशेषज्ञों की राय:

  • शहरी नियोजन पर आधारित एक गैर-लाभकारी संस्था अर्बन सेंटर मुंबई के अनुसार, छावनियां औपनिवेशिक विरासत का एक हिस्सा हैं।
    • इन्हें स्थानीय आबादी को नियंत्रित करने के लिए सेना के लिए प्रत्येक शहर या कस्बे में निर्मित किया गया था।
    • यह उद्देश्य आजादी के बाद समाप्त हो गया। 
    • वर्तमान में बहुत से छावनी क्षेत्रों का उपयोग प्रशिक्षण और शिक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
    • इस बात का पता लगाने की आवश्यकता है कि वर्तमान में किन छावनियों में केवल प्रशिक्षण दिया जाता है और किनमें प्रशिक्षण और शिक्षा दोनों दिया जाता है।
      • इसके आधार पर छावनियों को शहर और कस्बों की योजनाओं में एकीकृत करने की आवश्यकता है।
      • सभी छावनी शहरी नियोजन के लिए निषिद्ध क्षेत्र नहीं हो सकते हैं और उन्हें रक्षा बलों के साथ-साथ नागरिक आबादी को सहजीवी तरीके से रहना चाहिए।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: छावनी बोर्ड के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. छावनी का स्टेशन कमांडर बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है। 
  2. रक्षा संपदा संगठन का मुख्य कार्यकारी अधिकारी इसका सचिव होता है। 

 नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: क्या सरकार द्वारा छावनियों के नागरिक क्षेत्रों को राज्य के संबंधित स्थानीय निकायों के साथ विलय करना चाहिए। विवेचना कीजिए।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR