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मनरेगा- मजदूरी का जाति के आधार पर विभाजन

(प्रारंभिक परीक्षा- भारतीय राज्यतंत्र और शासन, मुख्य परीक्षा; सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2, विषय- सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय)

संदर्भ

हाल ही में, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को मनरेगा के अंतर्गत किये जाने वाले भुगतान को चालू वित्त वर्ष (2021-22) से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य के लिये अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित करने के लिये कहा है।

निर्णय के पक्ष में तर्क

मनरेगा की मजदूरी का जाति के आधार पर विभाजन करने से अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के लिये किये जाने वाले बजटीय व्यय से होने वाले लाभों का आकलन करने में सहायता प्राप्त होगी। 

निर्णय से संबंधित चिंताएँ

  • भुगतान विधि मे परिवर्तन किये जाने से भुगतान प्रणाली के जटिल होगी तथा श्रमिकों को वेतन मिलने में विलंब होगा जिसका खामियाजा मजदूरों को उठाना पड़ेगा।  साथ ही, भुगतान प्रणाली में परिवर्तन से योजना के वित्त-पोषण में कमी आने की संभावना है।
  • मनरेगा के सभी श्रमिकों को एकसमान मजदूरी का भुगतान किया जाता है, अतः सरकार की इस नीति का कोई सकारात्मक उद्देश्य नहीं प्रतीत होता है।  
  • मनरेगा माँग आधारित सार्वभौमिक कार्यक्रम है। इसमें किसी प्रकार के जातिगत वर्गीकरण से कानून के कमज़ोर होने की संभावना है।  
  • मनरेगा के अंतर्गत अभी भी 100% सीधे बैंक खातों में भुगतान के लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में मजदूरी का जाति के आधार पर विभाजन प्रक्रिया को और जटिल एवं विलंबित करेगा। 
  • इस निर्णय के द्वारा योजना को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की अधिक आबादी वाले ज़िलों तक सीमित करने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

नरेगा( महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोगार गारंटी योजना)  

  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (NREGA ) वर्ष 2005 में अधिसूचित किया गया। इस अधिनियम को 2 फ़रवरी 2006 से लागू किया गया तथा पहले चरण में इसे 200 ज़िलों में अधिसूचित किया गया।
  • वर्ष 2007 में इसमें 130 अन्य ज़िलों को सम्मिलित किया गया। 1 अप्रैल, 2008 को इसमें शेष बचे ज़िलों को भी शामिल कर लिया गया। (वर्तमान में इस योजना को शत-प्रतिशत शहरी आबादी वाले ज़िलों को छोड़कर पूरे देश में लागू किया गया है।
  • भारत सरकार द्वारा 31 दिसंबर, 2009 को इस अधिनियम में संशोधन कर इसका नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम कर दिया गया है।     

ोजना का उद्देश्य

  • प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का गारंटीयुक्त रोगार प्रदान कर ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना तथा सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना है।
  • कानूनी प्रक्रिया से सामाजिक रूप से वंचित वर्ग; विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अधिकार संपन्न बनाना   
  • पंचायती राज संस्थाओं को मज़बूत कर ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र को सुदृढ़ करना 

हत्त्वपूर्ण उपबंध 

    • यह माँग आधारित कार्यक्रम है इसमें माँग किये जाने पर कार्य उपलब्ध कराए जाने तथा किये गए कार्य के लिये मजदूरी के भुगतान में विलंब होने की स्थिति में भत्ता और मुआवजा दोनों देने का कानूनी प्रावधान है।  
    • काम माँगने वाले व्यक्ति को यदि उसके रोज़गार की माँग से संबंधित आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर रोज़गार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वह बेरोजगारी भत्ता पाने का हकदार होगा। 
    • इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 में, 6.9 करोड़ परिवारों को रोज़गार दिया गया तथा इस प्रक्रिया में 305.71 करोड़ कार्य दिवस सृजित किये गए।
  • योजना के अंतर्गत सृजित किये गए कुल श्रम दिवसों में महिलाओं की भागीदारी औसतन 52.6 प्रतिशत है, जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के परिवारों का कुल योगदान 38 प्रतिशत है

योजना के अंतर्गत कराए जाने वाले प्रमुख कार्य 

    • ूखे से बचाव के लिये वनारोपण एवं वृक्षारोपण 
    • सिंचाई के लिये सूक्ष्म और लघु सिंचाई परियोजनाओ सहित नहरों का निर्माण 
    • परंपरागत जल निकायों का पुनर्जीवीकरण 
    • ग्रामीण पेयजल संबंधी कार्य 
    • भूमि विकास
  • ग्रामीण स्वच्क्षता संबंधी कार्य  

नरेगा के सुदृढ़ीकरण के लिये शुरू की गई प्रमुख पहलें

  • जियो-मनरेगा : प्रभावी निगरानी, बेहतर स्पष्टता एवं पारदर्शिता के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2016-17 में जियो-मनरेगा नामक विशिष्ट पहल को प्रारंभ किया गया है। इसमें मनरेगा के अंतर्गत सृजित की गई सभी परिसंपत्तियों की जियो टैगिंग के लिये अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है।     
    • जी.आई.एस. आधारित योजना : मनरेगा के अंतर्गत भौगौलिक सुचना प्रणाली (GIS) उपकरणों का उपयोग करते हुए समेकित प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन कार्यों की योजना बनाई गई है।  
    • सॉफ्टवेयर फॉर एस्टीमेट कैलकुलेशन युसिंग रूरल रेट्स फॉर अम्प्लोयमेंट (SECURE – Softwere for Estimate Calculation Using Rural Rates for Employment)- यह एक ऑनलाइन एप्लिकेशन है। इसे विशेष रूप से मनरेगा कार्यों के लिये अनुमान गणना हेतु बनाया गया है। यह अनुमान मनरेगा से संबंधित कार्यों के लिये प्रत्येक राज्यों, ज़िलों या ब्लॉक के लिये दर्ज किये गए मानक दरों एवं कार्यों के नमूनों पर आधारित है।
  • उपरोक्त पहलों के अतिरिक्त जॉब कार्डों का सत्यापन एवं नियमित अद्यतनीकरण, मामलों के रिकॉर्ड/ कार्य की फाइलों का रखरखाव, सात रजिस्टर रखना एवं उन्हे अद्यतन करना, टिकाऊ नागरिक सूचना पट्ट लगाने पर जोर तथा सामाजिक लेखा परीक्षा एवं आंतरिक लेखा परीक्षा पर जोर जैसे कदम उठाए गए हैं।
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