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न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या है ? इतिहास , गणना, लाभ, समस्याएं एवं समाधान

  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत में किसानों को मूल्य अस्थिरता (Price Volatility) और शोषण (Exploitation) से बचाने हेतु एक महत्वपूर्ण कृषि मूल्य निर्धारण तंत्र (Agricultural Pricing Mechanism) है।
  • MSP यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी (Guaranteed Minimum Price) मिले, जिससे कष्टपूर्ण बिक्री (Distress Selling) से बचा जा सके और मूलभूत आय (Basic Income) सुनिश्चित हो।

Minimum-Support-Price

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) क्या है? (What is MSP?)

  • MSP वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसलें खरीदती है, चाहे बाजार मूल्य कुछ भी हो।
  • यह किसानों के लिए सुरक्षा कवच (Safety Net) की तरह कार्य करता है, ताकि बाजार में कीमत गिरने पर भी उन्हें नुकसान न हो।
  • यह मूल्य बुवाई के मौसम से पहले घोषित (Announced before sowing season) किया जाता है, ताकि किसान उसकी जानकारी के आधार पर फसल चयन (Cropping Decisions) कर सकें।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का इतिहास और भूमिका (History & Role):

  • MSP की शुरुआत 1960 के दशक में की गई थी और तब से यह भारत की कृषि मूल्य नीति (Agriculture Price Policy) का एक केंद्रीय हिस्सा बन गया है।
  • यह खाद्य सुरक्षा (Food Security), आय स्थिरता (Income Stability) और ग्रामीण कल्याण (Rural Welfare) को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)  के अंतर्गत कवर की गई फसलें (Crops Covered Under MSP)

(कुल: 22 फसलें + 2 अतिरिक्त)

खरीफ फसलें (Kharif Crops - 14):

  • अनाज (Cereals): धान (Paddy), ज्वार (Jowar), बाजरा (Bajra), मक्का (Maize), रागी (Ragi)
  • दलहन (Pulses): अरहर (Tur/Arhar), मूंग (Moong), उड़द (Urad)
  • तिलहन (Oilseeds): मूंगफली (Groundnut), सोयाबीन (Soyabean), सूरजमुखी (Sunflower), तिल (Sesamum), नीगेर बीज (Niger seed)
  • अन्य: कपास (Cotton)

रबी फसलें (Rabi Crops - 6):

  • अनाज: गेहूं (Wheat), जौ (Barley)
  • दलहन: चना (Gram), मसूर (Lentil)
  • तिलहन: सरसों/रेपसीड (Rapeseed/Mustard), केसर (Safflower)

व्यावसायिक फसलें (Commercial Crops - 2):

  • जूट (Jute), कोप्रा (Copra)

अतिरिक्त फसलें (Additional Crops - 2):

  • तोरिया (Toria) – सरसों के आधार पर MSP निर्धारित
  • नारियल गिरी (De-husked Coconut) – कोप्रा के आधार पर MSP

MSP निर्धारण की प्रक्रिया (MSP Fixation Mechanism)

सिफारिश – कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) द्वारा

  • MSP के निर्धारण के लिए Commission for Agricultural Costs and Prices (CACP) मुख्य निकाय है। यह कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) के अधीन कार्य करता है।
  • CACP निम्नलिखित कारकों (Factors) को ध्यान में रखकर सिफारिश करता है:

कारक (Factor)

विवरण (Explanation)

उत्पादन लागत (Cost of Production)

A2, A2+FL, C2 लागत को ध्यान में रखा जाता है:

  • A2: नकद व प्रकार्य खर्च (Cash & Kind)
  • A2+FL: पारिवारिक श्रम सहित
  • C2: भूमि किराया व पूंजीगत लागत सहित

मांग-आपूर्ति स्थिति (Demand-Supply Situation)

किस फसल की कितनी आवश्यकता है और उपलब्धता कितनी है।

बाजार मूल्य प्रवृत्तियाँ (Market Price Trends)

पिछली फसलों के बाजार भाव की प्रवृत्ति।

अंतर-फसल मूल्य समानता (Inter-Crop Price Parity)

एक फसल की कीमत दूसरी से बहुत अधिक या कम न हो।

उपभोक्ताओं पर प्रभाव (Impact on Consumers)

MSP में बढ़ोतरी से उपभोक्ता कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

समग्र अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (Overall Economy Impact)

महंगाई, सब्सिडी और राजकोषीय भार पर प्रभाव।

स्वीकृति – आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) द्वारा

  • अंतिम निर्णय कैबिनेट कमेटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स (Cabinet Committee on Economic Affairs - CCEA) द्वारा लिया जाता है, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।

MSP की घोषणा का समय (Timing of MSP Announcement):

  • MSP साल में दो बार घोषित की जाती है:

मौसम (Season)

समय (Timing)

खरीफ (Kharif)

आमतौर पर जून माह में

रबी (Rabi)

आमतौर पर अक्टूबर माह में

यह पूर्व घोषणा किसानों को समय पर निर्णय लेने और सरकारी खरीद से जुड़ने में मदद करती है।

MSP लागत गणना (Cost Calculations used by CACP)

CACP (Commission for Agricultural Costs and Prices) तीन प्रकार की लागत के आधार पर MSP की सिफारिश करता है:

लागत अवधारणा (Cost Concept)

विवरण (Description)

A2

वह वास्तविक व्यय (Actual Paid-out Cost) जो किसान ने किया हो जैसे: बीज, उर्वरक (Fertilizers), डीज़ल/ईंधन, सिंचाई, बाहरी मज़दूरी आदि।

A2 + FL

A2 + अवैतनिक पारिवारिक श्रम (Imputed Cost of Unpaid Family Labour) की लागत।

C2

A2 + FL + स्वामित्व भूमि का किराया (Rental Value of Owned Land) + पूंजीगत परिसंपत्तियों पर ब्याज (Interest on Owned Capital Assets)

सामान्यतः किसानों की मांग होती है कि MSP को C2 लागत पर आधारित किया जाए, जिससे उन्हें लाभकारी मूल्य मिले।

सरकारी खरीद तंत्र (Procurement Mechanism)

एजेंसी (Agency)

कार्य (Function)

FCI (Food Corporation of India)

गेहूं (Wheat) और धान (Paddy) की प्रमुख खरीद एजेंसी

NAFED (National Agricultural Cooperative Marketing Federation)

दलहन (Pulses) और तिलहन (Oilseeds) की खरीद

Cotton Corporation of India (CCI)

कपास की खरीद

राज्य एजेंसियां (State Agencies)

राज्य-स्तरीय फसलों की खरीद

प्रमुख खरीदी राज्य (Key Procurement States):- पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि।
अन्य राज्यों में खरीदी सीमित है, जिससे MSP का लाभ समान रूप से नहीं मिल पाता।

MSP के उद्देश्य (Objectives of MSP)

  • कष्टपूर्ण बिक्री को रोकना (Prevent Distress Selling)
    → जब बाजार भाव गिर जाए तब MSP सुरक्षा देता है।
  • जोखिम न्यूनीकरण (Risk Mitigation)
    → उत्पादन लागत का उचित मूल्य देकर किसानों को जोखिम से बचाना।
  • खाद्य सुरक्षा के अनुरूप फसल उत्पादन (Aligned Production)
    → आवश्यक खाद्यान्न की सुनिश्चितता के लिए फसल चयन को प्रोत्साहित करना।
  • लाभकारी आय सुनिश्चित करना (Ensure Remunerative Income)
    → किसानों को न्यूनतम लाभ मिलना सुनिश्चित करना।
  • क्षेत्रीय एवं फसल विविधिकरण (Promote Diversification)
    → केवल गेहूं-धान पर निर्भरता कम करना और अन्य फसलें उगाने के लिए प्रेरित करना।

MSP प्रणाली से जुड़ी प्रमुख समस्याएँ (Key Issues with MSP System)

समस्या (Issue)

विवरण (Description)

सीमित कवरेज (Limited Coverage)

MSP केवल कुछ फसलों और राज्यों तक ही सीमित है।

मूल्य विकृति (Price Distortion)

गेहूं और धान की अधिकता होने से जल संसाधन और पर्यावरण पर दबाव।

असमानता (Inequity)

बड़े किसानों को अधिक लाभ मिलता है; छोटे व सीमांत किसान पीछे रह जाते हैं।

एकफसली खेती (Monoculture)

विविध फसलें (Diverse Crops) अपनाने से हतोत्साहन, विशेषकर जल-संकट क्षेत्रों में।

WTO की आपत्ति (WTO Concerns)

MSP आधारित सरकारी हस्तक्षेप WTO के Agreement on Agriculture (AoA) का उल्लंघन कर सकता है।

हाल के सरकारी प्रयास एवं सुधार (Recent Government Efforts & Reforms)

1. पीएम-आशा योजना (PM-AASHA Scheme)

किसानों को लाभ दिलाने हेतु यह तीन घटकों पर आधारित है:

घटक

विवरण

PSS (Price Support Scheme)

राज्य/केन्द्र MSP पर फसल खरीद करते हैं।

PDPS (Price Deficiency Payment Scheme)

MSP और बाजार मूल्य में अंतर को सीधे किसान के खाते में भुगतान किया जाता है।

Private Procurement Model

निजी एजेंसियों को MSP पर खरीद की अनुमति।

2. डिजिटल खरीदी (Digital Procurement)

  • e-NAM (National Agriculture Market) का प्रयोग मूल्य खोज (Price Discovery) और राष्ट्रीय कृषि बाजार की पहुंच के लिए किया जा रहा है।

3. ‘One Nation, One MSP’ (प्रस्तावित)

  • पूरे भारत में एक समान MSP लागू करने की योजना ताकि सभी किसानों को समान लाभ मिले।

भविष्य की संभावना  (Way Forward)

समाधान (Solution)

कार्यवाही (Action)

विविधिकरण (Diversification)

दालें, तिलहन, पोषण अनाज (Millets) जैसे बाजरा आदि को MSP में प्राथमिकता।

डिजिटल जागरूकता (Digital Awareness)

मोबाइल अलर्ट्स से MSP और खरीदी केंद्रों की जानकारी।

बुनियादी ढांचा (Infrastructure)

गैर-एमएसपी राज्यों में खरीदी केंद्र और भंडारण सुविधाएं विकसित करना।

प्रत्यक्ष आय समर्थन (Direct Income Support)

PM-KISAN जैसी योजनाओं को और व्यापक बनाना।

सततता से जोड़ना (Sustainability Link)

MSP को जलवायु अनुकूल (Climate-Resilient) और पोषणकारी फसलों से जोड़ना।

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