कारक (Factor) |
विवरण (Explanation) |
उत्पादन लागत (Cost of Production) |
A2, A2+FL, C2 लागत को ध्यान में रखा जाता है:
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मांग-आपूर्ति स्थिति (Demand-Supply Situation) |
किस फसल की कितनी आवश्यकता है और उपलब्धता कितनी है। |
बाजार मूल्य प्रवृत्तियाँ (Market Price Trends) |
पिछली फसलों के बाजार भाव की प्रवृत्ति। |
अंतर-फसल मूल्य समानता (Inter-Crop Price Parity) |
एक फसल की कीमत दूसरी से बहुत अधिक या कम न हो। |
उपभोक्ताओं पर प्रभाव (Impact on Consumers) |
MSP में बढ़ोतरी से उपभोक्ता कीमतों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। |
समग्र अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (Overall Economy Impact) |
महंगाई, सब्सिडी और राजकोषीय भार पर प्रभाव। |
मौसम (Season) |
समय (Timing) |
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खरीफ (Kharif) |
आमतौर पर जून माह में |
रबी (Rabi) |
आमतौर पर अक्टूबर माह में |
यह पूर्व घोषणा किसानों को समय पर निर्णय लेने और सरकारी खरीद से जुड़ने में मदद करती है।
CACP (Commission for Agricultural Costs and Prices) तीन प्रकार की लागत के आधार पर MSP की सिफारिश करता है:
लागत अवधारणा (Cost Concept) |
विवरण (Description) |
A2 |
वह वास्तविक व्यय (Actual Paid-out Cost) जो किसान ने किया हो जैसे: बीज, उर्वरक (Fertilizers), डीज़ल/ईंधन, सिंचाई, बाहरी मज़दूरी आदि। |
A2 + FL |
A2 + अवैतनिक पारिवारिक श्रम (Imputed Cost of Unpaid Family Labour) की लागत। |
C2 |
A2 + FL + स्वामित्व भूमि का किराया (Rental Value of Owned Land) + पूंजीगत परिसंपत्तियों पर ब्याज (Interest on Owned Capital Assets) |
सामान्यतः किसानों की मांग होती है कि MSP को C2 लागत पर आधारित किया जाए, जिससे उन्हें लाभकारी मूल्य मिले।
सरकारी खरीद तंत्र (Procurement Mechanism)
एजेंसी (Agency) |
कार्य (Function) |
FCI (Food Corporation of India) |
गेहूं (Wheat) और धान (Paddy) की प्रमुख खरीद एजेंसी |
NAFED (National Agricultural Cooperative Marketing Federation) |
दलहन (Pulses) और तिलहन (Oilseeds) की खरीद |
Cotton Corporation of India (CCI) |
कपास की खरीद |
राज्य एजेंसियां (State Agencies) |
राज्य-स्तरीय फसलों की खरीद |
प्रमुख खरीदी राज्य (Key Procurement States):- पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि।
अन्य राज्यों में खरीदी सीमित है, जिससे MSP का लाभ समान रूप से नहीं मिल पाता।
समस्या (Issue) |
विवरण (Description) |
सीमित कवरेज (Limited Coverage) |
MSP केवल कुछ फसलों और राज्यों तक ही सीमित है। |
मूल्य विकृति (Price Distortion) |
गेहूं और धान की अधिकता होने से जल संसाधन और पर्यावरण पर दबाव। |
असमानता (Inequity) |
बड़े किसानों को अधिक लाभ मिलता है; छोटे व सीमांत किसान पीछे रह जाते हैं। |
एकफसली खेती (Monoculture) |
विविध फसलें (Diverse Crops) अपनाने से हतोत्साहन, विशेषकर जल-संकट क्षेत्रों में। |
WTO की आपत्ति (WTO Concerns) |
MSP आधारित सरकारी हस्तक्षेप WTO के Agreement on Agriculture (AoA) का उल्लंघन कर सकता है। |
1. पीएम-आशा योजना (PM-AASHA Scheme)
किसानों को लाभ दिलाने हेतु यह तीन घटकों पर आधारित है:
घटक |
विवरण |
PSS (Price Support Scheme) |
राज्य/केन्द्र MSP पर फसल खरीद करते हैं। |
PDPS (Price Deficiency Payment Scheme) |
MSP और बाजार मूल्य में अंतर को सीधे किसान के खाते में भुगतान किया जाता है। |
Private Procurement Model |
निजी एजेंसियों को MSP पर खरीद की अनुमति। |
2. डिजिटल खरीदी (Digital Procurement)
3. ‘One Nation, One MSP’ (प्रस्तावित)
समाधान (Solution) |
कार्यवाही (Action) |
विविधिकरण (Diversification) |
दालें, तिलहन, पोषण अनाज (Millets) जैसे बाजरा आदि को MSP में प्राथमिकता। |
डिजिटल जागरूकता (Digital Awareness) |
मोबाइल अलर्ट्स से MSP और खरीदी केंद्रों की जानकारी। |
बुनियादी ढांचा (Infrastructure) |
गैर-एमएसपी राज्यों में खरीदी केंद्र और भंडारण सुविधाएं विकसित करना। |
प्रत्यक्ष आय समर्थन (Direct Income Support) |
PM-KISAN जैसी योजनाओं को और व्यापक बनाना। |
सततता से जोड़ना (Sustainability Link) |
MSP को जलवायु अनुकूल (Climate-Resilient) और पोषणकारी फसलों से जोड़ना। |
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