भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष स्टेशन से हैम रेडियो का उपयोग करके देश के छात्रों से संवाद किया।
क्या है हैम रेडियो संचार
- हैम रेडियो एक लाइसेंस प्राप्त रेडियो सेवा है जो संचार स्थापित करने के लिए रेडियो तरंगों का उपयोग करती है।
- एक समर्पित आवृत्ति, एक ट्रांसीवर एवं एक एंटीना का उपयोग करके प्रशिक्षित हैम ऑपरेटरों द्वारा दो लाइसेंस प्राप्त हैम के बीच संचार स्थापित किया जा सकता है।
- यह संचार हाइपर-लोकल, ग्लोबल एवं अंतरिक्ष में हो सकता है।
- भारत में 12 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को हैम रेडियो चलाने की अनुमति है।
- इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय लाइसेंस जारी करता है।
- उपयोग : मुख्य रूप से शैक्षणिक व ज्ञान संबंधी उद्देश्यों, आपातकालीन या एस.ओ.एस. (SOS) संचार के लिए।
- अंतरिक्ष एवं पृथ्वी के बीच संचार स्थापित करने के लिए हैम रेडियो का पहली बार इस्तेमाल वर्ष 1983 में किया गया था।
- भारत में हैम रेडियो का उपयोग भुज भूकंप (2001), हिंद महासागर सुनामी (2004), उत्तराखंड बाढ़ (2013) जैसी आपदाओं के दौरान आपातकालीन संपर्क के लिए किया गया था।