New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM August End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 29th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM August End Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 29th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

पश्चिम बंगाल में मनरेगा गतिरोध: कानूनी और राजनीतिक बाधाएँ

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2:  संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।)

संदर्भ 

पश्चिम बंगाल में मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act : MGNREGA) के भुगतान को फिर से शुरू करने के निर्देश देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के बावजूद, राज्य और केंद्र सरकार दोनों ने कार्रवाई करने में अनिच्छा दिखाई है, जिससे लाखों ग्रामीण मज़दूर प्रभावित हुए हैं।

पृष्ठभूमि

  • मार्च 2023 में, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दिशानिर्देशों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए, मनरेगा के तहत पश्चिम बंगाल को मिलने वाली धनराशि रोक दी थी।
  • कलकत्ता उच्च न्यायालय (जुलाई 2025) ने वास्तविक लाभार्थियों को भुगतान और मज़दूरी वितरण फिर से शुरू करने का आदेश दिया, और देरी की आलोचना करते हुए कहा कि इससे आजीविका का अधिकार प्रभावित होता है।

केंद्र-राज्य आरोप- प्रत्यारोप

  • केंद्र सरकार ने धनराशि जारी करने से पहले जॉब कार्डों के भौतिक सत्यापन और अनियमितताओं को सुधारने पर बल दिया है।
  • राज्य सरकार ने केंद्र पर राजनीतिक कारणों से धनराशि रोकने का आरोप लगाने के साथ ही कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद तुरंत धनराशि देने की माँग की है।

निहितार्थ

आजीविका संकट

मनरेगा के क्रियान्वन न होने के कारण 1 करोड़ से ज़्यादा ग्रामीण परिवार प्रभावित होते हैं, जिनमें से कई लोग, कृषि अवधि के बाद प्राथमिक आय के स्रोत के रूप में मनरेगा पर निर्भर रहते हैं।

संघीय तनाव

केंद्र-राज्य संबंधों और सहकारी संघवाद, विशेषकर केंद्र प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन में तनाव को उजागर करता है।

क़ानूनी निगरानी बनाम कार्यपालिका की इच्छाशक्ति

न्यायिक आदेशों और प्रवर्तन तंत्रों के साथ कार्यपालिका के अनुपालन पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

शासन और जवाबदेही

भ्रष्टाचार, सत्यापन में देरी और कल्याणकारी योजनाओं के वितरण में नौकरशाही की अड़चनों के मुद्दों को उजागर करता है।

इसे भी जानिए

मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम)

  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (NREGA) वर्ष 2005 में अधिसूचित किया गया।
    • इस अधिनियम को 2 फ़रवरी, 2006 से लागू किया गया। इसके अंतर्गत पहले चरण में इसे 200 ज़िलों में अधिसूचित किया गया।
  • वर्ष 2007 में इसके तहत 130 अन्य ज़िलों को सम्मिलित किया गया। 1 अप्रैल, 2008 को इसमें शेष ज़िलों को भी शामिल कर लिया गया।
  • वर्तमान में यह योजना शत-प्रतिशत शहरी आबादी वाले ज़िलों को छोड़कर पूरे देश में लागू है।
  • भारत सरकार द्वारा 31 दिसंबर, 2009 को इस अधिनियम में संशोधन कर इसका नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम कर दिया गया है।

योजना का उद्देश्य

  • प्रत्येक परिवार को एक वित्तीय वर्ष में कम-से-कम 100 दिनों का गारंटी युक्त रोज़गार प्रदान कर ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुरक्षा को बढ़ाना तथा सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना।
  • कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से सामाजिक रूप से वंचित वर्ग; विशेषकर महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय को अधिकार संपन्न बनाना।
  • पंचायती राज संस्थाओं को मज़बूत कर ज़मीनी स्तर पर लोकतंत्र को सुदृढ़ करना।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X