New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

वाहनों से नैनो-कण का उत्सर्जन स्वास्थ्य के लिए खतरा

प्रारम्भिक परीक्षा – वायु प्रदूषण,नैनों-कण
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ

  • एक अध्ययन के अनुसार, दिल्ली की हवा में, विशेष रूप से सड़कों के किनारे के वातावरण में नैनो-कण का खतरनाक स्तर पाया गया है, जिसका सीधा संबंध वाहनों से निकलने वाले धुएं से है और इससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं।

कारण

  • दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण का प्रमुख कारण वाहनों से निकलने वाले धुएं हैं इसके अतिरिक्त अन्य स्रोतों में बायोमास (लकड़ी, पराली आदि) जलाना, सर्दियों में घरों को गर्म रखने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ईंधन और आतिशबाजी शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण, दिल्ली में लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है और पार्टिकुलेट मैटर लोड अक्सर निर्धारित सीमा से अधिक हो जाता है।
  • 'अर्बन क्लाइमेट' पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन को उत्तर पश्चिमी दिल्ली में बवाना रोड पर किया गया था, जो दिल्ली को हरियाणा के रोहतक से जोड़ता है। 
  • अध्ययन में 10 से 1000 एनएम (नैनो मीटर) तक के सूक्ष्म प्रदूषण कण पाए गए। 
  • दिल्ली में सड़क किनारे वातावरण में सूक्ष्म कणों की सांद्रता मानव गतिविधियों, विशेष रूप से वाहन द्वारा होने वाले उत्सर्जन में वृद्धि या कमी के साथ बदलती रहती है।
  • अध्ययन के अनुसार, 10 से 1000 एनएम आकार के नैनोकण का सबसे अधिक असर सड़क किनारे के स्थानों पर पाया गया। अध्ययन के मुताबिक, जब हवा की गति तेज होती है, तो ये कण सड़क के नजदीकी क्षेत्रों में फैल जाते हैं जिससे आस-पास रह रहे लोगों का जोखिम बढ़ जाता है।

नैनो-कण से प्रभाव

  • नैनो-कण मनुष्य के फेफड़ों, रक्त और मस्तिष्क  को प्रभावित करते हैं।

  • नैनों-कण से होने वाले वायु प्रदूषण के अल्पकालिक और दीर्घकालिक संपर्क से कई प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं, जिनमें स्ट्रोक, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, श्वासनली, ब्रोन्कस और फेफड़ों के कैंसर, गंभीर अस्थमा और निचले श्वसन संक्रमण शामिल हैं।
  • विश्व  स्वास्थ्य संगठन  (WHO) वायु प्रदूषण के संपर्क और टाइप 2 मधुमेह, मोटापा, प्रणालीगत सूजन, अल्जाइमर रोग और मनोभ्रंश के बीच संबंधों का प्रमाण प्रदान करता है। वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से शरीर के हर अंग पर असर पड़ सकता है।

नैनोकण से प्रभावित लोग

  • दिल्ली जैसे शहर में सड़कों से लगे आवासीय क्षेत्र नैनोकण से अधिक प्रभावित होते है सड़कों के किनारे काम करने वाले लोगों, जैसे - पुलिसकर्मी, सड़क किनारे वस्तुएं बेचने वाले, वाहन चालक और आसपास रहने वाले लोगों पर इसका प्रभाव अधिक होता है।

क्या हैं नैनो-कण

  • नैनो-कण, बेहद सूक्ष्म कण होते हैं, जिनका व्यास अक्सर 10 से 1000 नैनोमीटर (NM) के बीच होता है। ये कण PM 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रो मीटर से कम व्यास के कण) या PM 10 की तुलना में बहुत छोटे आकार के होने के कारण मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक हैं।
  • मनुष्य के बाल से 600 गुना बारीक होने के कारण ये नैनो-कण हमारे फेफड़ों, रक्त और यहां तक कि मस्तिष्क में भी प्रवेश कर सकते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित में से नैनो-कण के संदर्भ में दिये गए कथनों पर विचार कीजिए :

  1. ये बेहद सूक्ष्म कण होते हैं, जिनका व्यास 10 से 100 नैनोमीटर (NM) के बीच होता है।
  2. PM 2.5 या PM 10 की तुलना में बहुत छोटे आकार सूक्ष्म कण मानव स्वास्थ्य के लिए अनुकूल होते हैं। 
  3. सूक्ष्म कण मनुष्य के बाल से 600 गुना बारीक होते हैं। 

उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीन

(d) कोई भी नहीं

उत्तर: (a)

मुख्य परीक्षा प्रश्न : सूक्ष्म कण प्रदूषण क्या हैं ? इसके निर्माण एवं प्रभावों की चर्चा कीजिए।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR