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राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड

(प्रारंभिक परीक्षा : राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : मुख्य फसलें एवं देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न, कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता, भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन)

संदर्भ 

  • केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 14 जनवरी, 2025 को नई दिल्ली से राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड (National Turmeric Board : NTB) का उद्घाटन किया। 
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्तूबर 2023 में इसके गठन की घोषणा की थी। अब हल्दी को मसाला बोर्ड से बाहर निकालकर हल्दी के लिए एक विशिष्ट बोर्ड बना दिया गया है। 

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के बारे में 

  • मुख्यालय : निजामाबाद (तेलंगाना)
    • तेलंगाना का निजामाबाद हल्दी की खेती के लिए प्रसिद्ध माना जाता है।
    • हल्दी की खेती और उत्पादन के अंतर्गत अधिकतम क्षेत्र तेलंगाना राज्य में है
  • प्रथम अध्यक्ष : पल्ले गंगा रेड्डी 
  • क्रियान्वयन : प्रतिवर्ष केंद्र सरकार द्वारा बजट में विशेष धनराशि का आवंटन, मूल्य स्थिरीकरण कोष की स्थापना और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान की स्थिति में फसल बीमा सुनिश्चित करना

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की संरचना 

  • हल्दी बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त आयुष मंत्रालय, औषधि‍ विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग और वाणिज्य विभाग के प्रतिनिधियों को भी नामित किया गया है। 
  • हल्दी उत्‍पादन में शीर्ष दो राज्यों ‘महाराष्ट्र’ एवं ‘तेलंगाना’ तथा लकाडोंग हल्दी के लिए प्रसिद्ध ‘मेघालय’ के राज्य सरकार के प्रतिनिधि (रोटेशन के आधार पर) अनुसंधान में शामिल राष्ट्रीय/राज्य संस्थानों, चुनिंदा हल्दी किसानों और निर्यातकों के प्रतिनिधि भी बोर्ड में शामिल होंगे।
    • बोर्ड के सचिव की नियुक्ति वाणिज्य विभाग द्वारा की जाएगी।

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के कार्य 

  • हल्दी से संबंधित मामलों पर नेतृत्व प्रदान करना और प्रयासों को बढ़ाना
  • हल्दी क्षेत्र के विकास व प्रगति में मसाला बोर्ड एवं अन्य सरकारी एजेंसियों के साथ अधिक समन्वय की सुविधा प्रदान करना
  • हल्दी के आवश्यक एवं चिकित्सीय गुणों के बारे में जागरूकता पैदा करना
  • हल्दी का उत्पादन बढ़ाने के तरीकों और नए बाजारों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रसद एवं आपूर्ति श्रृंखला को बढ़ावा देना

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के उद्देश्य 

  • हल्दी के बारे में जागरूकता व उपभोग को बढ़ाना तथा निर्यात बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए बाजार विकसित करना 
  • नए उत्पादों में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना
  • मूल्यवर्धित हल्दी उत्पादों के लिए पारंपरिक ज्ञान को विकसित करना 
  • देश में हल्दी एवं हल्दी उत्पादों का विकास व वृद्धि करना
    • बोर्ड की गतिविधि से भारत से हल्दी निर्यात वर्ष 2030 तक बढ़कर 1 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 
  • हल्दी उत्पादन और निर्यात की गुणवत्ता एवं सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना

भौगोलिक संकेतक (GI Tag) प्राप्त हल्दी 

                      हल्दी 

राज्य 

वैगांव/ वाइगांव हल्दी (WAIGAON TURMERIC)

महाराष्ट्र

सांगली हल्दी (SANGLI TURMERIC)

महाराष्ट्र

इरोड हल्दी (ERODE TURMERIC)

तमिलनाडु

कंधमाल हल्दी (KANDHMAL TURMERIC)

ओड़िसा 

लाकाडोंग हल्दी (LAKADONG TURMERIC)

मेघालय

हल्दी से संबंधित प्रमुख तथ्य एवं उत्पादन के लिए अनुकूल परिस्थिति 

  • वैज्ञानिक नाम : करकुमा लोंगा
  • पौधे की लंबाई : 3 से 5 फीट 
  • प्रमुख कृषि क्षेत्र : उष्णकटिबंधीय क्षेत्र, जैसे- एशिया में भारत व चीन  
  • उत्पादन : समुद्र तल से लेकर 1500 मीटर की ऊँचाई तक 
  • उपयुक्त तापमान : 20 से 35 0C के मध्य  
  • आवश्यक वार्षिक वर्षा : 1500 मिमी. या उससे अधिक 
  • उपयुक्त मृदा : 4.5 से 7.5 पीएच मान और अच्छी जल निकासी वाली रेतीली या चिकनी दोमट मृदा 
  • अधिक व्यावसायिक महत्त्व वाली किस्में : अलेप्पी (केरल), मद्रास (पेरियानादान), लाकाडोंग (मेघालय) 
  • हल्दी का अन्य नाम : गोल्डन स्पाइस
  • हल्दी को पीला रंग प्रदान करने वाला यौगिक : करक्यूमिन 
    • लाकाडोंग में 6.8 से 7.5% तक करक्यूमिन पाया जाता है। 
  • करक्यूमिनॉयड्स : हल्दी में पाए जाने वाले प्राकृतिक फेनोलिक यौगिकों का एक वर्ग
    • कुछ प्रमुख करक्यूमिनॉयड्स इस प्रकार हैं : करक्यूमिन (Curcumin), डेमेथोक्सीकरक्यूमिन (Demethoxycurcumin), बिस्डेमेथोक्सीकरक्यूमिन (Bisdemethoxycurcumin) एवं साइक्लोकरक्यूमिन (Cyclocurcumin)

हल्दी उत्पादन की स्थिति 

  • भारत विश्व में हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक है। हल्दी के विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 62% से अधिक है।
    • भारतीय हल्दी के लिए प्रमुख निर्यात बाजार बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका एवं मलेशिया हैं। 
    • वर्ष 2023-24 के दौरान 226.5 मिलियन डॉलर मूल्य की 1.62 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात किया गया।
  • भारत में हल्दी की 30 से अधिक किस्में उगाई जाती हैं और यह देश के 20 से अधिक राज्यों में उगाई जाती है। हल्दी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक एवं तमिलनाडु हैं।
    • देश में उगाई जाने वाली अधिकतर किस्में स्थानीय क्षेत्र के नाम से ही जानी जाती हैं। इसकी कुछ लोकप्रिय किस्में हैं- दुग्गिराला, तेकुरपेटा, सुगंधम, अमलापुरम, इरोड, अल्लेप्पी, मूवट्टुपुझा और लाकाडोंग।
  • पिछले वर्ष देश में 3.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती की गई थी, जिसमें 10.74 लाख टन उत्पादन हुआ था, जो वैश्विक हल्दी उत्पादन का 70% से अधिक था।
  • भारत में मसालों एवं मसालों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्रफल में हल्दी का हिस्सा लगभग 6% है।

हल्दी की उपयोगिता 

  • धार्मिक समारोहों में और मसाले, करी पाउडर, पारंपरिक दवा, कॉस्मेटिक एवं डाई के रूप में
  • आयुर्वेद, पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणालियों एवं पूर्वी एशियाई चिकित्सा प्रणालियों में 
  • त्वचा, ऊपरी श्वसन पथ, जोड़ों एवं पाचन तंत्र संबंधी विकारों के उपचार में  
  • विभिन्न प्रकार की स्थितियों, जैसे- गठिया, पाचन विकार, श्वसन संक्रमण, एलर्जी, यकृत रोग, अवसाद आदि में आहार अनुपूरक के रूप में

मसाला बोर्ड

  • मसाला बोर्ड अधिनियम, 1986 की धारा (3) के तहत 26 फरवरी, 1987 को एक सांविधिक निकाय के रूप में मसाला बोर्ड का गठन किया गया था।
  • मसाला बोर्ड इलायची उद्योग के विकास एवं मसाला बोर्ड अधिनियम, 1986 की अनुसूची में सूचीबद्ध 52 मसालों (हल्दी सहित) के निर्यात संवर्धन के लिए जिम्मेदार है।
  • मसाला बोर्ड का मुख्यालय कोच्चि में है और भारतीय मसाला अनुसंधान संस्थान कोझीकोड (कालीकट) में स्थित है। 

राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड

विवरण

जानकारी

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 14 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया। 

मुख्य उद्देश्य

भारत के हल्दी उत्पादन, विपणन और निर्यात को बढ़ावा देना।

मुख्यालय

तेलंगाना के निजामाबाद में स्थित।

पहला अध्यक्ष

पल्ले गंगा रेड्डी  

बोर्ड में सदस्य

आयुष मंत्रालय, औषधि विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग, वाणिज्य विभाग के प्रतिनिधि नामित।

बोर्ड के प्रतिनिधि

महाराष्ट्र, तेलंगाना, और मेघालय के प्रतिनिधि बोर्ड में शामिल होंगे।

लक्ष्य

अगले 5 वर्षों में हल्दी का उत्पादन दोगुना कर 20 लाख टन तक पहुंचाना।

बोर्ड की प्राथमिकताएं

  • हल्दी किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना।
  • हल्दी उत्पादन और निर्यात की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करना।
  • नए हल्दी उत्पादों के अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित करना।
  • अंतरराष्ट्रीय बाजारों में व्यापार को बढ़ावा देना।
  • माल संग्रहण और आपूर्ति श्रृंखला के लिए उपाय।

हल्दी बोर्ड के लाभ

  • हल्दी उत्पादकों की आय में वृद्धि।
  • भारत के हल्दी निर्यात की वैश्विक पहचान।
  • नए व्यापारिक अवसर।
  • अर्थव्यवस्था में मसालों के योगदान को बढ़ावा।

हल्दी (Turmeric)

  • वैज्ञानिक नाम: Curcuma longa
  • परिवार: Zingiberaceae
  • उपयोग: स्वास्थ्य, सौंदर्य और रसोई।

हल्दी के गुण

  • एंटी-इंफ्लेमेटरी: सूजन कम करता है।
  • एंटीऑक्सीडेंट: मुक्त कणों से शरीर को बचाता है।
  • एंटीसेप्टिक: घावों को भरने में मदद करता है।
  • पाचन में सुधार: अपच को कम करता है।
  • इम्यूनिटी बूस्टर: प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

भारत में हल्दी उत्पादन (2023-24)

  • 3 लाख 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में हल्दी की खेती।
  • 10 लाख 74 हजार टन हल्दी का उत्पादन।

वैश्विक स्थिति

भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है।

भारत की वैश्विक हिस्सेदारी

62%

निर्यात (2023-24)

226.5 मिलियन डॉलर मूल्य की 1.62 लाख टन हल्दी और हल्दी उत्पादों का निर्यात।

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