नीरज चोपड़ा बने टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल
चर्चा में क्यों ?
13 मई 2025 को रक्षा मंत्रालय के सैन्य मामलों के विभाग ने अधिसूचना जारी कर बताया कि ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि प्रदान की गई है। यह रैंक 16 अप्रैल 2025 से प्रभावी मानी गई है।
यह सम्मान नीरज चोपड़ा की भारतीय एथलेटिक्स में उत्कृष्ट उपलब्धियों और राष्ट्रीय गौरव बढ़ाने के लिए दिया गया है।
नीरज चोपड़ा: भारत के स्वर्ण पुत्र
जन्म:खंडरा गांव, पानीपत, हरियाणा
उपलब्धियाँ:
टोक्यो ओलंपिक 2020 (आयोजित 2021): स्वर्ण पदक
पेरिस ओलंपिक 2024: रजत पदक
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, बुडापेस्ट 2023:विश्व चैंपियन
पहले भारतीय सेना मेंसूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत रह चुके हैं।
मानद रैंक क्या होती है?
यह रैंक टेरिटोरियल आर्मी विनियम, 1948 की धारा 31 के तहत प्रदान की जाती है।
यह उन विशिष्ट नागरिकों को दी जाती है जिन्होंने देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया हो।
इससे सम्मानित व्यक्ति सांकेतिक सैन्य आयोजनों और परेडों में भाग ले सकते हैं।
टेरिटोरियल आर्मी: भारत की दूसरी पंक्ति की सैन्य शक्ति
क्या है टेरिटोरियल आर्मी?
टेरिटोरियल आर्मी एक अर्द्धसैनिक बल है जिसे भारत की ‘सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस’ कहा जाता है।
यह बल नियमित सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करता है।
इसकी भूमिका मुख्यतः प्राकृतिक आपदाओं, युद्धकालीन स्थिति और आवश्यक सेवाओं की बहाली में होती है।
इतिहास और स्थापना
टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना 18 अगस्त 1948 को हुई थी।
इसे औपचारिक रूप से 9 अक्टूबर 1949 को भारत के पहले गवर्नर जनरलसी. राजगोपालाचारीने शुरू किया।
तभी से 9 अक्टूबर को 'टेरिटोरियल आर्मी डे'के रूप में मनाया जाता है।
प्रमुख व्यक्ति जो TA का हिस्सा रहे
प्रश्न :- टेरिटोरियल आर्मी (TA) की स्थापना किस वर्ष की गई थी?