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मेघनाद देसाई : प्रख्यात अर्थशास्त्री और विचारक

भारतीय मूल के प्रख्यात ब्रिटिश अर्थशास्त्री और यू.के. हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य लॉर्ड मेघनाद देसाई का 29 जुलाई, 2025 को गुरुग्राम में 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया।

मेघनाद देसाई : जीवन परिचय

  • जन्म : 10 जुलाई, 1940 को गुजरात के वडोदरा में 
  • मृत्यु : 29 जुलाई, 2025 को गुरुग्राम में 
  • शिक्षा : मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक एवं स्नातकोत्तर; वर्ष 1963 में पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पी.एच.डी.
  • करियर : लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में वर्ष 1965 से 2003 तक प्रोफेसर, बाद में प्रोफेसर एमेरिटस; यू.के. हाउस ऑफ लॉर्ड्स में वर्ष 1991 से आजीवन पियर
  • पुरस्कार : वर्ष 2008 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित
  • वैवाहिक जीवन : लेखिका एवं स्तंभकार लेडी किश्वर देसाई से विवाहित, जिन्होंने उन्हें ‘अविनाशी रॉकस्टार पति’ के रूप में स्मरण किया।
  • अन्य योगदान : मुंबई में मेघनाद देसाई एकेडमी ऑफ इकोनॉमिक्स की स्थापना; महात्मा गांधी की लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर में प्रतिमा स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका।

अर्थशास्त्र में उनका योगदान 

  • मार्क्सवादी अर्थशास्त्र, वैश्वीकरण और बाजार उदारीकरण पर गहन शोध किया।
  • 1970 के दशक में मार्क्सवादी आर्थिक सिद्धांत पर लेखन शुरू किया और बाद में अर्थमिति (Econometrics) एवं आर्थिक विकास पर काम किया।
  • वर्ष 1981 में मौद्रिकता (Monetarism) पर आलोचनात्मक लेखन किया, जिसमें धन आपूर्ति की भूमिका पर जोर दिया गया।
  • उनकी पुस्तक Marx’s Revenge में तर्क दिया गया है कि वैश्वीकरण अंततः समाजवाद की पुनरुत्थान की ओर ले जाएगा।

प्रसिद्ध पुस्तकें

  • Marxian Economic Theory (1973): मार्क्सवादी अर्थशास्त्र पर उनका पहला प्रमुख कार्य
  • Applied Econometrics (1976): अर्थमिति के व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर
  • Marx’s Revenge: The Resurgence of Capitalism and the Death of Statist Socialism (2002): वैश्वीकरण और समाजवाद के पुनरुत्थान पर तर्क
  • Nehru’s Hero: Dilip Kumar in the Life of India (2004): भारतीय सिनेमा और सांस्कृतिक पहचान पर एक जीवनी, जिसे उन्होंने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि माना
  • The Rediscovery of India (2009): भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पुनर्जनन पर
  • Who Wrote the Bhagavad Gita? (2014): गीता के लेखकत्व पर एक विचारोत्तेजक विश्लेषण
  • The Poverty of Political Economy: How Economics Abandoned the Poor (2022): अर्थशास्त्र के सामाजिक प्रभावों पर उनकी अंतिम पुस्तक

भारत-यू.के. संबंधों में उनकी भूमिका

  • भारत एवं यू.के. के बीच बौद्धिक और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई।
  • भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी और भारतीय राजनीति पर नियमित टिप्पणियां कीं।
  • हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पहले भारतीय मूल के पियर के रूप में भारत-यू.के. संबंधों को बढ़ावा दिया।
  • भारतीय संस्कृति और पहचान के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखी, जिसे पीएम मोदी ने उनकी मृत्यु पर प्रदर्शित किया।
  • उनकी स्वतंत्र एवं स्पष्टवादी टिप्पणियों ने दोनों देशों के बीच नीतिगत और सांस्कृतिक संवाद को समृद्ध किया।
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