New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June.

निकोबार परियोजना

(प्रारंभिक परीक्षा के लिए - निकोबार परियोजना, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह)
(मुख्य परीक्षा के लिए, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र:3 - बुनियादी ढाँचा, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

चर्चा में क्यों 

  • केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने निकोबार परियोजना के लिए ग्रेट निकोबार द्वीप में 130.75  वर्ग किमी क्षेत्र के वन के डायवर्जन के लिए सैद्धांतिक  मंजूरी प्रदान कर दी है।
  • यह क्षेत्र, घने जंगलों वाले ग्रेट निकोबार द्वीप का लगभग 15% है, जो लगभग 900 वर्ग किमी में फैला हुआ है।

निकोबार परियोजना

  • नीति आयोग की ग्रेट निकोबार विकास योजना का उद्देश्य, ग्रेटर निकोबार के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
  • इस परियोजना में एक अंतर्राष्ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेंट टर्मिनल, एक ग्रीनफील्ड अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक बिजली संयंत्र  तथा एक टाउनशिप कॉम्प्लेक्स का निर्माण शामिल है। 
  • इस योजना के अंतर्गत, बायोस्फीयर रिजर्व की सीमाओं के भीतर कुल 244 वर्ग किमी हरे-भरे जंगल और तटीय क्षेत्रों का उपयोग शामिल है।
  • प्रस्तावित संयुक्त सैन्य-नागरिक, दोहरे उपयोग वाला हवाई अड्डा भारतीय नौसेना के परिचालन नियंत्रण में होगा।
  • इस परियोजना पर होने वाला अनुमानित व्यय लगभग 72,000 करोड़ रुपए है।
  • इस परियोजना के लिए, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO), नोडल एजेंसी है।
  • परियोजना क्षेत्र गैलाथिया बे नेशनल पार्क और कैंपबेल बे नेशनल पार्क के 10 किमी के दायरे में आता है।
    • हालांकि, यह राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास अधिसूचित पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र के बाहर स्थित है।
  • नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ (NBWL) की स्थायी समिति ने,  बंदरगाह और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पूरे गैलाथिया बे वन्यजीव अभयारण्य को गैर-अधिसूचित कर दिया।
  • भारतीय प्राणी सर्वेक्षण (ZSI), भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) और सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (SACON) ने जैव विविधता पर परियोजना के प्रभाव का विश्लेषण किया और पाया, कि परियोजना स्थल, द्वीपों के जीवों तथा वनस्पति को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

निकोबार परियोजना से जुड़ी चिंताएं

  • इस परियोजना के लिए प्राचीन वर्षावनों में लगभग 8.5 लाख पेड़ काटे  जाएंगे, तथा लगभग 12 से 20 हेक्टेयर मैंग्रोव कवर का विनाश होगा।
  • प्रस्तावित परियोजना  स्थल से लगभग 10 हेक्टेयर प्रवाल आवरण को स्थानांतरित करना होगा।
    • कुल 20,668 प्रवाल कालोनियों में से लगभग 16,150 को स्थानांतरित किया जाएगा। 
  • परियोजना के विकास के दौरान होने वाली गतिविधियों से स्थानीय  शोम्पेन और निकोबारी जनजाति के मूल निवासी भी प्रभावित होंगे।
  • लेदरबैक समुद्री कछुए, निकोबार मेगापोड(निकोबार द्वीपसमूह का एक उड़ान रहित पक्षी), निकोबार मकाक और खारे पानी के मगरमच्छ जैसे कुछ दुर्लभ जीव भी इस परियोजना से प्रभावित होंगे।

निकोबार परियोजना का महत्व

  • योजना में बुनियादी ढांचे (बंदरगाह, हवाई अड्डे, आदि) का निर्माण शामिल है, इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
  • इससे क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाएं पैदा करने में मदद मिलेगी, जिससे आय सृजन में वृद्धि होगी। 
  • विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के विकास से, अंतर-द्वीप कनेक्टिविटी में सुधार करने में मदद मिलेगी। 
  • यह स्वास्थ्य सेवा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, और पर्याप्त वायु, समुद्र और वेब बुनियादी ढांचे के लिए सस्ती अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण करेगा।
  • यह डिजिटल इंडिया पहल के एक हिस्से के रूप में टेलीमेडिसिन और टेली-एजुकेशन, जैसी ई-गवर्नेंस सेवाओं के वितरण की सुविधा प्रदान करेगा।
  • निकोबार द्वीप, मलक्का जलडमरूमध्य के निकट स्थित है, यह क्षेत्र में भू-राजनीतिक हितों को पूरा करने के लिए मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण की मांग करता है।
  • इस द्वीप में, भारत की एकमात्र त्रि-सेवा कमान(अंडमान एवं निकोबार कमान) भी स्थित है।

सुरक्षात्मक उपाय

  • पर्यावरण समिति ने अधिकारियों को जंगल और समुद्र के किनारे को जोड़ने वाले आठ स्थानों पर वन्यजीव गलियारे बनाने का निर्देश दिया है।
  • स्वदेशी समुदायों पर प्रभाव की संभावना की निगरानी के लिए शीर्ष स्तर की सुविधाओं के साथ एक विशेष इकाई स्थापित की जाएगी।
  • एक उपयुक्त शमन रणनीति सुनिश्चित करने के लिए कछुओं और उनके आवासों पर गहन मूल्यांकन और अनुसंधान किया जाएगा।
  • पेड़ों के भीतर रहने वाली प्रजातियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पेड़ों की कटाई चरणबद्ध तरीके से की जानी चाहिए।
  • बैटरी, कीटनाशकों, ऑर्गेनोक्लोरीन आदि सहित खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों का निपटान सुरक्षित तरीके से किया जाना चाहिये।
  • परियोजना से उत्पन्न कचरे का या तो पुनर्नवीनीकरण और पुन: उपयोग किया जाना चाहिए, या सुरक्षित निपटान के लिए ग्रेट निकोबार द्वीप समूह से मुख्य भूमि तक सावधानी से ले जाया जाना चाहिए।

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह 

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के  केंद्रशासित प्रदेश है।
  • ये बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है, और भौगोलिक दृष्टि से दक्षिण पूर्व एशिया का हिस्सा है।
  • 10  डिग्री चैनल ( Ten Degree Channel) अंडमान और निकोबार द्वीपों को अलग करता है।
  • यह द्वीपसमूह 265 बड़े और छोटे द्वीपों से बना है, जिनमें से अधिकांश द्वीप मूल और अल्ट्राबेसिक ज्वालामुखियों पर स्थित तृतीयक बलुआ पत्थर, चूना पत्थर और शैल से बने है।
    • कुछ द्वीप प्रवाल भित्तियों से घिरे हुए हैं । उनमें से कई घने जंगलों से आच्छादित हैं, अधिकांश पहाड़ी द्वीप है।
  •  2011 की भारत की जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 379,944 है।
  • अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर दक्षिण अंडमान में स्थित है।
  • निकोबार द्वीप समूह में ग्रेट निकोबार सबसे बड़ा है, यह सबसे दक्षिणी द्वीप है और इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप के बहुत करीब है। 
  • पोर्ट ब्लेयर के उत्तर में वैरन ज्वालामुखी द्वीप हैं , ये भारत में स्थित एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।
  • उत्तरी अंडमान द्वीप में सैडल चोटी (737 मीटर) इस द्वीपसमूह की सबसे ऊंची चोटी है।
  •  ये द्वीप भारत को बंगाल की खाड़ी में एक भू-सामरिक लाभ प्रदान करते है, और दक्षिण पूर्व एशिया तक पहुंच प्रदान करते है।
  •  ये दुनिया के प्रमुख चोक-पॉइंट्स में से एक, मलक्का जलडमरूमध्य के करीब स्थित है।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारतीय मुख्य भूमि की तुलना में पूर्वी एशिया के अधिक निकट होने के कारण, इन्हे निर्यात हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।
  •  2018 में अंडमान के रोस, नील तथा हेवलॉक द्वीप का नाम क्रमशः नेताजी सुभाष चन्द्र बोस द्वीप, शहीद द्वीप तथा स्वराज द्वीप कर दिया गया।
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, 5 PVTG (Particularly Vulnerable Tribe Group) पाई जाती है, जिसमें ग्रेट अंडमानी, ओंग्स, शोम्पेन और जारवा तथा नॉर्थ सेंटेनलीज़ शामिल है।
  • इन द्वीपों पर लगभग सभी प्रकार के वन, जैसे उष्‍णकटिबंधीय आर्द्र सदाबहार वन, उष्‍णकटिबंधीय अर्द्ध सदाबहार वन, आर्द्र पर्णपाती तथा तटवर्ती और दलदली वन पाए जाते है।
  • इन द्वीपों में 96 वन्‍य जीव अभयारण्‍य, नौ राष्‍ट्रीय पार्क तथा एक जैव संरक्षित क्षेत्र (बायो रिजर्व केन्द्र) स्थित है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR