भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 6 जून 2025 को अपने परिपत्र के माध्यम से घोषणा की कि जुलाई 2025के पहले सप्ताह से NACH 3.0को लागू किया जाएगा।
यह आवर्ती डिजिटल लेनदेन की प्रणाली में एक महत्वपूर्ण अपग्रेड है, जिसका उद्देश्य तेजी, सुरक्षा और पारदर्शिता के नए मानक स्थापित करना है।
क्या है NACH प्रणाली?
NACH (National Automated Clearing House) एक केंद्रीकृत मंच है जिसका उपयोग वेतन, पेंशन, EMI, सब्सिडी, SIP, म्यूचुअल फंड निवेश, OTT सदस्यता और उपयोगिता बिल जैसे आवर्ती लेनदेनके लिए किया जाता है।
अबNACH 3.0, इस प्रणाली को और अधिक शक्तिशाली, सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बना रहा है।
NACH 3.0 के प्रमुख उद्देश्य
वेतन, ईएमआई और SIP लेनदेन को और तेज़ बनाना
सुरक्षा में सुधार कर डेटा उल्लंघनों को रोकना
बैंकों और उपभोक्ताओं को बेहतर ट्रैकिंग, रिपोर्टिंग और पारदर्शिता प्रदान करना
अधिक मात्रा वाले लेनदेन को सुचारू रूप से संभालना
सुरक्षा में बड़े सुधार
PGP एन्क्रिप्शन: फ़ाइल डाउनलोड के लिए प्राइवेट डेटा को सुरक्षित रखने हेतु
Plain Text File बंद: असुरक्षित एक्सेस को रोकने के लिए
मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA): अतिरिक्त सुरक्षा परत (जल्द लागू)
भूमिका आधारित एक्सेस: सिस्टम में किसको क्या अनुमति है, यह नियंत्रित करना
रियल-टाइम मॉनिटरिंग: संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत अलर्ट और निगरानी
इंटरफेस और कार्यात्मक सुधार
नया GUI (Graphical User Interface): उपयोग में आसान डैशबोर्ड और एकल-स्क्रीन व्यू
फ़ाइल ट्रैकिंग डैशबोर्ड: प्रस्तुत और प्राप्त फाइलों की स्थिति की लाइव निगरानी
सेल्फ-सर्विस पोर्टल: उपयोगकर्ता पासवर्ड रीसेट, खाता प्रबंधन आदि स्वयं कर सकेंगे
एस्केलेशन मैट्रिक्स: बैंक अपनी शिकायत समाधान प्रणाली को अनुकूलित कर सकते हैं
उपभोक्ताओं को प्रमुख लाभ
तेजी से वेतन क्रेडिट और ईएमआई भुगतान, विशेषकर महीने के पहले सप्ताह में
रियल-टाइम ट्रांजैक्शन अलर्ट, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी
विवाद समाधान में तेजी, कम मैन्युअल त्रुटियाँ
डेटा सुरक्षा में मजबूती, जिससे गोपनीयता की रक्षा होगी
बेहतर अधिदेश ट्रैकिंग, जिससे उपभोक्ता लेनदेन पर नज़र रख सकेंगे
प्रश्न :- राष्ट्रीय स्वचालित क्लियरिंग हाउस (NACH) प्रणाली मुख्य रूप से किस प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोग की जाती है?