(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा तथा बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान व निकाय) |
संदर्भ
भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित (Science, Technology, Engineering, Mathematics: STEM) पाठ्यक्रमों में महिलाओं के बढ़ते नामांकन के बावजूद कार्यबल में उनकी भागीदारी (विशेष रूप से STEM उद्योगों में) आनुपातिक रूप से कम बनी हुई है।
STEM में महिला भागीदारी से लाभ
- मैकिन्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट के अनुमानों के अनुसार, भारत के कार्यबल में 6.8 करोड़ और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने से वर्ष 2025 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 700 अरब डॉलर तक की वृद्धि हो सकती है।
- इसी प्रकार, विश्व बैंक का सुझाव है कि 50% महिला कार्यबल भागीदारी दर प्राप्त करने से सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में 1% की वृद्धि हो सकती है।
STEM में महिला भागीदारी से संबंधित मुद्दे
STEM रोज़गार में लैंगिक अंतराल
- भारत में STEM स्नातकों में 43% महिलाएँ हैं जो वैश्विक स्तर पर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक अनुपात है।
- फिर भी, STEM कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी केवल 27% है जिससे STEM क्षेत्र द्वारा प्रदान किए जाने वाले करियर के अवसरों तक महिलाओं की पहुँच सीमित हो जाती है।
- महिला समर्थन की कमी के कारण विभिन्न चरणों में उनके योगदान में गिरावट दर्ज़ की गई है।
कार्यस्थल की चुनौतियाँ
- नियुक्ति एवं पदोन्नति में लैंगिक पूर्वाग्रह
- सीमित मार्गदर्शन के अवसर एवं रोल मॉडल
- कार्य-जीवन संतुलन की कमी और कठोर कार्यस्थल संरचनाएँ
सामाजिक एवं संरचनात्मक बाधाएँ
- विज्ञान एवं तकनीक को पुरुषों से जोड़ने वाली रूढ़िवादिता
- पारिवारिक अपेक्षाओं और देखभाल करने वाली भूमिकाओं से महिलाओं के करियर विकास में बाधा
- नेटवर्क एवं संसाधनों तक पहुँच का अभाव
STEM में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयास
नीतिगत प्रोत्साहन
- विज्ञान में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संस्थानों के परिवर्तन हेतु लैंगिक उन्नति (Gender Advancement for Transforming Institutions: GATI) ढाँचा
- लचीले कार्य, मातृत्व लाभ और कार्य पर वापसी कार्यक्रमों के लिए कॉर्पोरेट पहल
- किरण एवं नव्या जैसी योजनाओं का संचालन
- नई शिक्षा नीति (NEP), 2020 ने STEM क्षेत्र में उच्च प्रतिधारण एवं अवसरों का मार्ग प्रशस्त किया है।
- शिक्षा मंत्रालय (MoE) ने शिक्षा को कौशल विकास एवं जीवन कौशल प्रशिक्षण के साथ एकीकृत किया है।
- केंद्रीय बजट में लैंगिक बजट का हिस्सा वित्त वर्ष 2024-25 के 6.8% से बढ़कर वित्त वर्ष 2025-26 में 8.8% हो गया है जिसमें लैंगिक-विशिष्ट कार्यक्रमों के लिए ₹4.49 लाख करोड़ का आवंटन किया गया है।
- केंद्रीय बजट 2025-26 में महिला उद्यमियों के लिए सावधि ऋण, नए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान और प्रौद्योगिकी-संचालित कौशल में निवेश की शुरुआत की गई है।
उद्योग की ग्रहणशीलता में वृद्धि
- कंपनियाँ नवाचार एवं समस्या-समाधान के लिए विविधता के महत्त्व को पहचान रही हैं।
- कुछ कंपनियाँ STEM भूमिकाओं के लिए विशेष रूप से तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं डाटा विज्ञान क्षेत्र में महिलाओं की सक्रिय रूप से भर्ती कर रही हैं।
आगे की राह
- शिक्षा से लेकर रोज़गार तक मार्गदर्शन, नेटवर्किंग, पारिवारिक सहयोग जैसी समग्र सहायता प्रणाली का विकास
- लैंगिक-संवेदनशील नीतियाँ : लचीले कार्य समय, उत्पीड़न-रोधी उपाय और पुनः प्रवेश कार्यक्रम
- मानसिकता में बदलाव : मीडिया, पाठ्यक्रम और आउटरीच के माध्यम से लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देना
- नेतृत्व के अवसर : महिलाओं को STEM क्षेत्रों में नेतृत्व की भूमिकाएँ निभाने के लिए प्रोत्साहित करना