New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Mid November Offer offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Mid November Offer offer UPTO 75% Off, Valid Till : 21st Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

न्योकुम युलो उत्सव

(प्रारंभिक परीक्षा : कला एवं संस्कृति)

चर्चा में क्यों

  • हाल ही में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अरुणाचल प्रदेश के कामले जिले के बोआसिमला में आयोजित न्योकुम युलो उत्सव को संबोधित किया।
  • उत्सव के दौरान माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाली अरुणाचल प्रदेश की पहली महिला कबाक यानो को सम्मानित किया गया।

न्योकुम महोत्सव के बारे में

  • परिचय: यह भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्य की न्यीशी जनजाति द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है।
  • प्रारंभ: यह वर्ष 1967 में अरुणाचल प्रदेश के लोअर सुबनसिरी जिले में जोरम गांव से शुरू हुआ था।
  • तात्पर्य: न्योकुम शब्द दो शब्दों के मेल से बना है - न्योक का अर्थ है भूमि (पृथ्वी) और कुम का अर्थ है सामूहिकता या एकजुटता। 
    • इसलिए, न्योकुम त्यौहार की व्याख्या ब्रह्मांड के सभी देवी-देवताओं को आमंत्रित करने के रूप में की जा सकती है, जिसमें न्योकुम देवी मुख्य देवता हैं, जो किसी विशेष समय पर किसी विशेष स्थान पर आते हैं।
  • उद्देश्य: पृथ्वी पर सभी मनुष्यों की समृद्धि एवं खुशी और फसलों की बेहतर उत्पादकता की प्राप्ति के लिए कामना।
  • विशेषताएँ
    • इस उत्सव में किसी मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है। 
    • न्योकुम उत्सव में मुख्य प्रार्थना संरचना बांस की एक अस्थायी स्थापना होती है, जिसे युगांग कहा जाता है। 
    • युगांग के साथ बलि के जानवर भी बंधे होते हैं। जैसे गाय, मुर्गे और बकरी।
    • न्युभ या पारंपरिक पुजारी त्योहार के अनुष्ठान के लिए आवश्यक सामान के साथ विशिष्ट सफेद पोशाक पहनते हैं, जिसमें "अरो" नामक तलवार भी शामिल है।

यह भी जानें

न्यीशी जनजाति के बारे में

  • परिचय : न्यीशी समुदाय अरुणाचल प्रदेश का सबसे बड़ा जातीय समूह है।
  • आबादी : इस समुदाय की आबादी लगभग 3,00,000 है।
  • धर्म: वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, 31% न्यीशी ईसाई धर्म जबकि 29% हिंदू धर्म का पालन करते हैं। 
    • अन्य लोग अपने स्थानीय धर्म, डोनी पोलो का पालन करते हैं, इस धर्म में सूर्य (डोनी) और चंद्रमा (पोलो) को दिव्य सत्ता के रूप में पूजते हैं।
  • वितरण: यह अरुणाचल प्रदेश के निम्न जिलों में फैले हैं : क्रा दादी, कुरुंग कुमेय, पूर्वी कामेंग, पश्चिमी कामेंग, पापुम पारे, केई पन्योर, लोअर सुबनसिरी, कामले व पक्के केसांग जिले।
    • यह असम के सोनितपुर और उत्तरी लखीमपुर जिलों में भी रहते हैं।
  • भाषा: न्यीशी भाषा सिनो-तिब्बती परिवार से संबंधित है।
  • सामाजिक प्रथा : इस समुदाय में बहुविवाह प्रचलित है। पितृवंशीय प्रथाओं का पालन करने के साथ ही  महिलाओं का सम्मान किया जाता है।
  • आजीविका: यह झूम कृषि करते हैं, जिसे न्यीशी में ‘रेट रुंग-ओ’ कहा जाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X