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ओराक्विक एचसीवी सेल्फ-टेस्ट

संदर्भ 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेपेटाइटिस सी वायरस (HCV) की जाँच के लिए पहली स्व-परीक्षण किट ‘ओराक्विक एचसीवी स्व-परीक्षण’ (OraQuick HCV Self-test) को अनुमोदित किया है। 

ओराक्विक एचसीवी स्व-परीक्षण के बारे में 

  • यह एच.सी.वी. रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट का ही नया संस्करण है, जिसे वर्ष 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने डॉक्टरों के उपयोग के लिए अनुमोदित किया था। 
  • ओराश्योर टेक्नोलॉजीज द्वारा निर्मित यह किट गैर-पेशेवर उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ‘ग्लोबल हेपेटाइटिस रिपोर्ट-2024’ के अनुसार हेपेटाइटिस वैश्विक स्तर पर तपेदिक (TB) के बाद मौत के लिए जिम्मेदार दूसरा प्रमुख संक्रामक रोग है। 
    • रिपोर्ट के अनुसार, भारत हेपेटाइटिस बी एवं सी के मामलों में विश्व में दूसरे स्थान पर है।
    • ऐसे में ओराक्विक एचसीवी स्व-परीक्षण से अधिक लोगों को आवश्यक निदान व उपचार प्राप्त होगा, जिससे एच.सी.वी. उन्मूलन के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा।  

HCV

हेपेटाइटिस के बारे में

  • हेपेटाइटिस एक वायरल संक्रमण है जो मुख्यत: लीवर को प्रभावित करता है। इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जिनसे सिरोसिस एवं यकृत कैंसर तक कुछ घातक बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • हेपेटाइटिस वायरस के पाँच मुख्य प्रकार ए, बी, सी, डी एवं ई है। ये सभी प्रकार लीवर रोग का कारण बनते हैं। हालाँकि, ये संचरण के तरीकों, बीमारी की गंभीरता एवं भौगोलिक वितरण सहित महत्वपूर्ण आधारों पर भिन्न होते हैं। 

हेपेटाइटिस के प्रकार 

हेपेटाइटिस ए (HAV)

  • यह बीमारी स्वत: ठीक हो जाती है और अधिकांशत: दीर्घकालिक जटिलताओं का कारण नहीं बनती है। यह मुख्यत: दूषित भोजन या जल के सेवन से फैलती है।
  • इस बीमारी से उच्च एच.ए.वी. प्रसार वाले क्षेत्रों की यात्रा करने वाले और संक्रमित व्यक्तियों के निकट संपर्क में रहने वाले लोग प्रभावित होते हैं।

हेपेटाइटिस बी (HBV)

  • हेपेटाइटिस बी दुनिया का सबसे आम यकृत संक्रमण है। एच.ए.वी. के विपरीत यह दीर्घकालिक संक्रमण का कारण भी हो सकता है जिससे सिरोसिस व यकृत कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
  • यह मुख्यत: संक्रमित रक्त, यौन संपर्क एवं शिशु के जन्म के दौरान मां से बच्चे में प्रसारित होता है। इसमें नवजात शिशुओं एवं जोखिम वाले व्यक्तियों को टीकाकरण किया जाता है।

हेपेटाइटिस सी (HCV)

  • एच.सी.वी. मुख्यत: संक्रमित रक्त के संपर्क में आने से फैलता है, जो प्राय: असुरक्षित इंजेक्शन विधियों व चिकित्सा उपकरणों से संबद्ध होता है। यह अधिकांश मामलों में दीर्घकालिक संक्रमण का कारण होता है।
  • इसके लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है किंतु एंटीवायरल उपचार उपलब्ध हैं जो कई मामलों में संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।

हेपेटाइटिस डी (HDV) 

  • एच.डी.वी. एक अनोखा प्रकार का हेपेटाइटिस है जो केवल एच.बी.वी. से संक्रमित व्यक्तियों में होता है।
  • इसे वायरल हेपेटाइटिस का सबसे गंभीर रूप माना जाता है और यह एच.बी.वी. से संबंधित यकृत रोग के विकास को तेज कर सकता है। 

हेपेटाइटिस ई (HEV)

  • यह आमतौर पर एक स्व-सीमित बीमारी है किंतु गर्भवती महिलाओं में इस बीमारी के कारण मृत्यु का खतरा अधिक होता है।
  • एच.ई.वी. मुख्यत: कम स्वच्छता वाले क्षेत्रों में दूषित जल के माध्यम से फैलता है। वर्तमान में HEV के लिए कोई विशिष्ट उपचार या टीका नहीं है।
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