विधि एवं न्याय मंत्रालय ने समलैंगिक समुदाय से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है।
पैनल के बारे में
- कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता के साथ इसके अन्य सदस्यों में गृह मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, कानून एवं न्याय मंत्रालय, महिला व बाल विकास मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार विकास मंत्रालय के सचिव शामिल हैं।
- यह समिति यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाएगी कि समलैंगिक समुदाय को वस्तुओं और सेवाओं, सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुँच में किसी भी तरह के भेदभाव का सामना न करना पड़े या उन्हें किसी भी तरह की हिंसा का खतरा न हो।
- केंद्र सरकार के विधायी विभाग द्वारा निर्धारित संदर्भ की शर्तों के आधार पर, समिति यह सुनिश्चित करने के उपायों पर विचार करेगी कि समलैंगिक लोगों को अनैच्छिक चिकित्सा उपचार और सर्जरी के अधीन न किया जाए, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य को कवर करने के लिए मॉड्यूल भी शामिल हैं।
- समिति को आवश्यकता पड़ने पर विशेषज्ञों और अन्य अधिकारियों को भी शामिल करने की भी अनुमति प्राप्त है।
- समिति के कार्य-क्षेत्र में समलैंगिक जोड़ों या साझेदारियों को मान्यता देने का स्पष्ट उल्लेख नहीं है, तथापि उसे अन्य संबंधित मुद्दों पर विचार करने का अधिकार दिया गया है, जिन्हें वह आवश्यक समझे।