भारत-सिंगापुर समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास- सिम्बेक्स 2025
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारतीय नौसेना के युद्धपोत सिंगापुर पहुँचे हैं, जहाँ वे इस माह के अंत में आयोजित होने वाले 32वें सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास (SIMBEX) में हिस्सा लेंगे।
भारत की ओर से चार स्वदेशी युद्धपोत भाग ले रहे हैं-
आईएनएस दिल्ली
आईएनएस सतपुड़ा
आईएनएस किल्टन
आईएनएस शक्ति
इन पोतों की कमान पूर्वी नौसैनिक बेड़े के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग, रियर एडमिरल सुशील मेनन के पास है।
सिम्बेक्स का परिचय
सिम्बेक्स भारत और सिंगापुर के बीच होने वाला एक वार्षिक समुद्री सैन्य अभ्यास है जिसकी शुरुआत वर्ष 1994 में हुई थी।
इसे पहले "लायन किंग अभ्यास" के नाम से जाना जाता था।
यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच विश्वास, आपसी तालमेल और संचालन क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
अभ्यास सामान्यतः दो चरणों में होता है-
पहला, Harbour Phase, जिसमें बंदरगाह पर संयुक्त योजना, पेशेवर वार्ताएं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता है।
दूसरा, Sea Phase, जिसमें समुद्र में युद्धाभ्यास, निगरानी, वायु व सतही संचालन और Search & Rescue (SAR) अभ्यास शामिल होते हैं।
इस अभ्यास का प्रमुख उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ करना, गैर-राज्य खतरों जैसे समुद्री डकैती, तस्करी और आतंकवाद से निपटने में सहयोग विकसित करना तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त, सुरक्षित और नियम आधारित समुद्री मार्गों को सुनिश्चित करना है।
प्रश्न. सिम्बेक्स (SIMBEX) अभ्यास का आयोजन किन दो देशों की नौसेनाओं के बीच होता है?