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पराग जैन को रॉ (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया

चर्चा में क्यों?

  • वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पराग जैन को 1 जुलाई 2025 से भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का नया प्रमुख नियुक्त किया गया है। 
  • इन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में खुफिया समन्वय और रणनीतिक योजना में अहम भूमिका निभाई थी, जिसके चलते उन्हें यह पद सौंपा गया।

ऑपरेशन सिंदूर: 

  • 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे।
  • भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में सटीक जवाबी कार्रवाई की, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया।
  • यह एक बहु-एजेंसी गुप्त मिशन था जिसमें हवाई निगरानी, वास्तविक समय खुफिया और सीमावर्ती समन्वय शामिल था।
  • 4 दिन की झड़पों के बाद 10 मई 2025 को संघर्षविराम हुआ।

पराग जैन: रॉ प्रमुख के रूप में नई जिम्मेदारी

आईपीएस पृष्ठभूमि:

  • 1989 बैच के पंजाब कैडर के अधिकारी, जिन्होंने पंजाब में उग्रवाद के दौरान SSP और DIG पदों पर कार्य किया।

रॉ में अनुभव:

  • 20 वर्षों से अधिक का कार्यकाल, पाकिस्तान डेस्क, आतंकवाद विरोध, और प्रवासी चरमपंथ पर गहरी पकड़।
  • श्रीलंका और कनाडा में विदेश पदस्थापन, जहां उन्होंने खालिस्तानी नेटवर्क पर कार्रवाई की।

एविएशन रिसर्च सेंटर (ARC):

  • रॉ की टोही शाखा के प्रमुख के रूप में काम किया।
  • हवाई निगरानी और सिग्नल इंटरसेप्शन में अग्रणी भूमिका।
  • ऑपरेशन सिंदूर में ARC की तकनीकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही।

कार्यभार और कार्यकाल

  • 1 जुलाई 2025 से पराग जैन रॉ प्रमुख का कार्यभार संभालेंगे।
  • वे रवि सिन्हा का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून 2025 को समाप्त होगा।
  • प्रारंभिक कार्यकाल: 2 वर्ष (आवश्यकतानुसार बढ़ाया जा सकता है)।

रणनीतिक महत्त्व

  • जैन की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब भारत को:
    • पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद,
    • आंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क,
    • प्रवासी चरमपंथ, और
    • तकनीकी खुफिया चुनौतियों का सामना है।
  • उनका तकनीकी खुफिया, AI-आधारित निगरानी, और ड्रोन इंटेलिजेंस में अनुभव भारत की भविष्य की खुफिया रणनीति को मजबूती देगा।

RAW – रिसर्च एंड एनालिसिस विंग

  • RAW – Research and Analysis Wing भारत की बाहरी (विदेशी) खुफिया एजेंसी है। 
  • इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी गतिविधियों की निगरानी, और विदेशों में भारत के हितों की रक्षा करना है।

स्थापना:

  • वर्ष 1968 में भारत-चीन युद्ध (1962) और भारत-पाक युद्ध (1965) के बाद, खुफिया तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए इसकी स्थापना की गई।
  • इसके पहले प्रमुख थे रामेश्वर नाथ काव

मुख्य कार्य:-

  1. विदेशों में खुफिया जानकारी जुटाना (जैसे - आतंकवाद, सैन्य गतिविधियां, राजनीतिक हलचल)
  2. सीमा पार खतरों की निगरानी करना
  3. विदेशी जासूसी और घुसपैठ की जानकारी देना
  4. भारत की विदेश नीति को खुफिया समर्थन देना
  5. रणनीतिक मिशनों का संचालन (जैसे – ऑपरेशन सिंदूर, ऑपरेशन मीकायॉनमार)

संरचना व नियंत्रण:

  • यह प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अधीन कार्य करती है।
  • इसका संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) की निगरानी में होता है।
  • रॉ का प्रमुख सामान्यतः IPS अधिकारी होता है।

प्रश्न :-हाल ही में भारत की बाहरी खुफिया एजेंसी RAW के नए प्रमुख के रूप में किसे नियुक्त किया गया है?

(a) रवि सिन्हा

(b) अरविंद कुमार

(c) संजीव त्रिपाठी

(d) पराग जैन

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