14 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस (Partition Horrors Remembrance Day) पर भारत के इतिहास के उस सबसे दुखद अध्याय के दौरान असंख्य लोगों द्वारा झेले गए दुख और पीड़ा को याद किया। वर्ष 2021 में भारत सरकार ने 14 अगस्त को यह दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के बारे में
- यह दिवस प्रत्येक वर्ष 14 अगस्त को मनाया जाता है। इसके आयोजन का उद्देश्य विभाजन के दर्दनाक अनुभवों को याद करना और उनकी पीड़ा को सम्मानित करना है।
- यह दिवस वर्ष 1947 में भारत के विभाजन के दौरान हुए सामूहिक नरसंहार, हिंसा एवं प्रवास के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए समर्पित है।
विभाजन का इतिहास
- 14/15 अगस्त, 1947 को भारत और पाकिस्तान का विभाजन हुआ, जो एक बहुत ही दर्दनाक एवं कष्टकारी घटना साबित हुई।
- विभाजन के दौरान लगभग 10-15 मिलियन लोग अपनी धार्मिक एवं जातीय पहचान के कारण बेघर हो गए थे।
- विभाजन जनित हिंसा में लाखों लोगों की जान चली गई और लाखों लोग शरणार्थी बनकर अपने घरों से दूर हो गए। विभाजन ने देश को सांस्कृतिक एवं मानसिक रूप से गहराई से आघात पहुँचाया।
- भारत विभाजन ब्रिटिश सरकार की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति और मुस्लिम लीग द्वारा ‘द्वि-राष्ट्र सिद्धांत’ की मांग में निहित थी। 3 जून, 1947 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत विभाजन की योजना प्रस्तुत की।
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के माध्यम से ब्रिटिश भारत को दो स्वतंत्र डोमिनियन (अधिराज्य) के रूप में भारत एवं पाकिस्तान में विभाजित कर दिया गया।
- इस विभाजन का परिणाम अनियोजित एवं त्वरित प्रवासन के रूप में सामने आया। लगभग 1.5 से 2 करोड़ लोग विस्थापित हुए और 10 से 20 लाख लोग सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए।
उद्देश्य
- विभाजन के दौरान हुए अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन को याद करना
- विभाजन के शिकार हुए परिवारों एवं पीड़ितों को याद करना और सम्मानित करना
- इस दिवस के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना
- युवा पीढ़ी को विभाजन के इतिहास के बारे में जागरूक करना और उन घटनाओं से सीखने के लिए प्रेरित करना
महत्व
- यह दिवस देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
- विभाजन के समय के मानवता के उल्लंघन को याद करने से हम भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सावधान रहते हैं।
- यह दिन भारत-पाकिस्तान संबंधों और उनके इतिहास पर सोचने का एक अवसर प्रदान करता है।