New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM children's day offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM children's day offer UPTO 75% Off, Valid Till : 14th Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

पार्वती-कालीसिंध नदी जोड़ो परियोजना 

प्रारम्भिक परीक्षा – पार्वती-कालीसिंध नदी जोड़ो परियोजना
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 1

संदर्भ

पार्वती-कालीसिंध- चंबल लिंक परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल्द ही हस्ताक्षर होने की उम्मीद है।

River-Linking-Projectप्रमुख बिंदु:- 

  • केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के द्वारा नदियों को जोड़ने की परियोजना पर क्रियान्वयन के लिए बनी विशेष समिति की प्रगति की समीक्षा की गई है। 
  • इस समिति के अनुसार, हाल में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। 
  • मध्य प्रदेश में केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के पर्यावरण संबंधी सभी मापदंडों को पूरा कर लिया गया है। 

नदी जोड़ो परियोजना का महत्व:-

  • जल किसी भी देश के सामाजिक-आर्थिक विकास की सबसे महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है,क्योंकि इससे कृषि एवं अन्य क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से जुड़े होते हैं।
  • जल संसाधन के अभाव में कई प्रकार की समस्या जैसे-सूखा, खाद्य एवं जल संकट आदि उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए जल की उपलब्धता बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नदी जोड़ो परियोजना बहुत जरूरी है।
  • जल संसाधनों का विकास तथा प्रबंधन केंद्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल है। 
  • केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से पूरे बुंदेलखंड(जल अभाव क्षेत्र) के लिए वरदान साबित होगा।

पार्वती-कालीसिंध नदी जोड़ो परियोजना:-

Parvati-Kalisindh      

  • यह मध्य प्रदेश और राजस्थान की परियोजना है।  
  • इस परियोजना की घोषणा नदियों को जोड़ने की विशेष समिति ने की थी। 
  • इस परियोजना के तहत पार्वती और कालीसिंध नदियों को आपस में जोड़ा जायेगा। 
  • वर्तमान में मध्य प्रदेश और राजस्थान की नई सरकारों का इससे संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना है।

उद्देश्य :- 

  • इस लिंक परियोजना का उद्देश्य पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) में कालीसिंध, पार्वती, मेज और चाकन जैसे उप-बेसिनों में मानसून अधिशेष जल का उपयोग करना है, जिससे इस क्षेत्र में जल की समस्या ख़त्म हो जाय। 

कालीसिंध नदी :– 

  • यह नदी मध्य प्रदेश के विंध्यांचल रेंज में स्थित देवास जिले से निकलती/उद्गमित होती है, जिसके पश्चात् यह राजस्थान में चंबल नदी से मिल जाती है। 
  • इस नदी की लंबाई लगभग 278 किलोमीटर है।
  • खिवनी वन्यजीव अभयारण्य कालीसिंध नदी पर स्थित है। 
  • यह अभयारण्य मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित है।
  • सहायक नदी:-  इसकी सहायक नदियों में नेवज, परवान और राजस्थान में आहू नदी शामिल है।  

पार्वती नदी :–

  • सीहोर तथा गुना ज़िले से प्रवाहित होते हुए राजस्थान के बाराँ ज़िले से प्रवाहित होते हुए सवाई माधोपुर ज़िले में पाली ग्राम के निकट में चम्बल नदी से मिल जाती है। 
  • यह नदी लगभग 18 किमी मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा का निर्धारण करती है।
  • इस नदी की लम्बाई लगभग 471 किमी है।
  • पार्वती और चंबल नदी के संगम स्थल को प्राचीन काल में त्रिवेणी संगम के नाम से जाना जाता था। यहाँ पर राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य बना हुआ है। 

विशेष तथ्य 

  • वर्तमान में गोदावरी-कृष्णा-पेन्नार-कावेरी लिंक जैसी कुछ अन्य परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। 
  • केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए सहमति बनाने पर उदारता का प्रदर्शन करें।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- निम्नलिखित में से पार्वती-कालीसिंध नदी जोड़ो परियोजना किन राज्यों के मध्य प्रस्तावित है?

(a)  मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के मध्य 

(b)  उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मध्य 

(c)  मध्य प्रदेश और गुजरात के मध्य 

(d)  गुजरात और राजस्थान के मध्य 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न:- पार्वती-कालीसिंध- चंबल लिंक परियोजना क्या हैं? इसके महत्व की विवेचना कीजिए।   

                                 
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X