प्रारंभिक परीक्षा- पर्यूषण 2023( Paryushan 2023) मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-1 |
चर्चा में क्यों
पर्यूषण पर्व 12 सितंबर2023 से शुरू हो कर 20 सितंबर 2023 को समाप्त हुआ।
प्रमुख बिंदु
- पर्यूषण पर्व जैन धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो दिगंबर और श्वेतांबर दोनों समुदायों द्वारा मनाया जाता है।
- यह जैनियों के लिए गहन चिंतन, पश्चाताप और मुक्ति का समय होता है।
- पर्यूषण पर्व, जैन समाज का एक महत्वपूर्ण पर्व है।
- जैन धर्मावलंबी भाद्रपद मास में पर्यूषण पर्व मनाते हैं।
- पर्यूषण पर्व की समाप्ति पर क्षमायाचना पर्व मनाया जाता है।
- पर्यूषण जैन समुदाय के लोगों के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में से एक है। दिगंबर और श्वेतांबर दोनों ही इस त्यौहार को बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं।
महत्व:
- जैन समुदाय के बीच पर्यूषण पर्व का बहुत महत्व है। वे इस त्यौहार को बड़ी श्रद्धा से मनाते हैं।
- श्वेतांबर जैन समुदाय आठ दिनों तक त्यौहार मनाता है, जबकि दिगंबर जैन समुदाय इसे दस दिनों तक मनाता है।
- इसके अलावा नौवें दिन गणेश चतुर्थी होती है।
- इस शुभ त्योहार के दौरान लोग एक-दूसरे को आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इस पर्व को क्षमापर्व के नाम से भी जाना जाता है।
- आध्यात्मिक महत्व: पर्युषण पर्व व्यक्तियों को सद्गुण विकसित करने के लिए प्रेरित करता है।
- इसमें उपवास, तपस्या, ध्यान और आत्म-चिंतन, आत्मा शुद्धि का लक्ष्य और भविष्य के अपराधों से बचने की शपथ लेना शामिल है।
- यह धार्मिकता और आध्यात्मिक शुद्धता की तलाश करने का समय है, अंततः मोक्ष का लक्ष्य है।
- पर्यूषण के पांच कर्तव्य: इनमें संवत्सरी (क्षमा और सुलह), केशलोचन (आत्मनिरीक्षण और आत्म-सुधार), प्रतिक्रमण (पिछले गलत कामों के लिए माफी मांगना), तपस्या (आध्यात्मिक विकास के लिए प्रतिबद्धता), आत्म-आलोचना और पिछली गलतियों के लिए माफी शामिल है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- पर्यूषण पर्व जैन धर्म के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो केवल दिगंबर समुदाय द्वारा मनाया जाता है।
- पर्यूषण के पांच कर्तव्य संवत्सरी , केशलोचन , प्रतिक्रमण , तपस्या, आत्म-आलोचना शामिल है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (b)
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स्रोत; टाइम्स ऑफ इंडिया