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पश्मीना शॉल

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  • पश्मीना शब्द फारसी शब्द 'पश्म' से आया है जिसका अर्थ है मुलायम सोना। 
  • यह विशिष्ट डाई अवशोषक गुण के अलावा अपनी गर्मी, हल्के वजन और कोमलता के लिए जाना जाता है।
  • पश्मीना शॉल को मुगल साम्राज्य के दिनों में रैंक और कुलीनता की वस्तुओं के रूप में प्रसिद्धि मिली।
  • पश्मीना चांगथांगी बकरी से प्राप्त होता है।
    • चांगथांगी जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के ऊंचाई में स्वदेशी बकरी की एक विशेष नस्ल है।
    • इन बकरियों को चांगपा खानाबदोशों द्वारा पाला जाता है।
    • इन बकरियों को अल्ट्रा-फाइन कश्मीरी ऊन के लिए पाला जाता है, जिसे एक बार बुने के बाद पश्मीना के रूप में जाना जाता है। 
    • चांगथांगी बकरियों में एक मोटा अंडरकोट होता है जो पश्मीना ऊन का स्रोत है
    •  चांगथांगी बकरियां सर्दियों के दौरान अपने शरीर से ऊन की ऊपरी परत खुद त्याग देती हैं, इन्हें अलग से काटना नहीं पड़ता है। 
  • पश्मीना को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा दुनिया का सबसे महंगा कपड़ा होने की मान्यता दी गई है।
  • पश्मीना शॉल को भौगोलिक संकेतक भी प्राप्त है।
  • भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा पश्मीना उत्पादों की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिये भारतीय मानक प्रमाणन भी निर्धारित किये गए हैं।
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