चर्चा में क्यों?
पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गोवा के "ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान" केन्द्र में "सागर भवन" और "पोलर भवन" का उद्घाटन किया।

सागर भवन और पोलर भवन
- इन दोनों की कुल लागत लगभग ₹55 करोड़ है।
- ये दोनों भवन ध्रुवीय अनुसंधान और समुद्र संबंधी अध्ययन के लिए अत्याधुनिक वैज्ञानिक केंद्र हैं।
- इनमें विश्व स्तरीय आइस कोर प्रयोगशालाएं शामिल हैं।
- विश्व स्तर पर इन प्रयोगशालाओं को अग्रणी माना जा रहा है।
- ये केंद्र अंटार्कटिका, आर्कटिक और हिमालयी क्षेत्रों के जलवायु एवं पर्यावरणीय डेटा के दीर्घकालिक अध्ययन में सहायक होंगे।
- तकनीकी क्षमताएं:
- आइस कोर के नमूनों को -20 डिग्री सेल्सियस से नीचे सुरक्षित रखने की क्षमता।
- ध्रुवीय बर्फ की परतों से हजारों वर्षों का जलवायु डेटा निकालने में सक्षम।
NCPOR के बारे में :
- पूरा नाम: National Centre for Polar and Ocean Research
- अधीनस्थ मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
- उद्देश्य: ध्रुवीय क्षेत्रों में अनुसंधान, वैज्ञानिक अभियानों का प्रबंधन, जलवायु एवं समुद्र विज्ञान अध्ययन।
प्रश्न: ध्रुवीय भवन और सागर भवन में किस प्रकार की अत्याधुनिक प्रयोगशाला शामिल है?
(a) सौर ऊर्जा प्रयोगशाला
(b) AI अनुसंधान प्रयोगशाला
(c) आइस कोर प्रयोगशाला
(d) समुद्री जैवविविधता प्रयोगशाला
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