संदर्भ
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने जहाजों व बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए एक डेडिकेटेड बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Port Security: BoPS) के गठन से संबंधित समीक्षा बैठक की।
बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो के बारे में
- BoPS का गठन Bureau of Civil Aviation Security (BCAS) की तर्ज पर मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 2025 (Merchant Shipping Act, 2025) की धारा 13 के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा।
- इस ब्यूरो का नेतृत्व एक महानिदेशक करेंगे और यह केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अधीन काम करेगा।
- यह ब्यूरो जहाजों और बंदरगाहों पर सुविधाओं की सुरक्षा से संबंधित नियामक एवं निरीक्षण कार्यों के लिए उत्तरदायी होगा।
- BoPS का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के एक वरिष्ठ अधिकारी (वेतन स्तर-15) करेंगे।
- एक वर्ष की ट्रांजिशन अवधि के दौरान नौवहन महानिदेशक (DGS/DGMA), BoPS के महानिदेशक के रूप में कार्य करेंगे।
बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो के कार्य
- BoPS सुरक्षा संबंधी सूचनाओं का समयबद्ध विश्लेषण, संग्रहण और आदान-प्रदान सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान होगा।
- इसमें बंदरगाहों की IT अवसंरचना को डिजिटल खतरों से सुरक्षित रखने के लिए डेडिकेटेड प्रभाग भी शामिल होगा।
सुरक्षा ढाँचे में CISF की भूमिका
- बंदरगाहों की सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने के उद्देश्य से केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को बंदरगाह सुविधाओं हेतु Recognised Security Organisation (RSO) नामित किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी बंदरगाहों का सुरक्षा मूल्यांकन और सुरक्षा योजनाएं तैयार करना है।
- इसके अलावा CISF को बंदरगाहों की सुरक्षा में लगी निजी सुरक्षा एजेंसियों (PSAs) को प्रशिक्षण देने और उनकी क्षमता निर्माण करने का भी काम दिया गया है।
- इन एजेंसियों को प्रमाणित किया जाएगा तथा इस क्षेत्र में केवल लाइसेंस प्राप्त निजी सुरक्षा एजेंसी ही कार्य करें। वस्तुतः यह सुनिश्चित करने के लिए उचित नियामक उपाय लागू किए जाएंगे।