चर्चा में क्यों
हाल ही में, सोवियत रूस के पूर्व राष्ट्रपति मिखाइल गोर्बाचेव की मृत्यु हो गई। उनके सिर पर एक बड़ा एवं गहरा लाल धब्बा था, जिसे ‘पोर्ट वाइन स्टेन’ (Port Wine Stain) कहते हैं।

क्या होता है पोर्ट वाइन स्टेन
- पोर्ट वाइन स्टेन त्वचा पर गुलाबी या बैंगनी रंग का एक जन्मचिह्न या पैदाइशी निशान (Birthmark) होता है। इसे ‘नेवस फ्लेमियस’ (Nevus Flammeus) भी कहते हैं।
- अधिकांशत: पोर्ट वाइन स्टेन हानिरहित होते हैं किंतु कभी-कभी ये एक अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थिति का संकेत कर सकते हैं।
- पोर्ट वाइन स्टेन प्राय: अन्य किसी लक्षण या समस्या का कारण नहीं बनते हैं। ये दाग आमतौर पर लाल या गुलाबी रंग के रूप में शुरू होते हैं तथा समय के साथ गहरे बैंगनी या भूरे रंग में बदल सकते हैं।
- पोर्ट वाइन स्टेन वाली त्वचा पर खरोंच या चोट लगने पर रक्तस्राव का खतरा अधिक होता है।
- यह दाग आजीवन रहता है तथा रंग एवं बनावट में परिवर्तन के साथ कुछ मामलों में यह आयु बढ़ने के साथ हल्का भी हो सकता है।
कारण
- पोर्ट वाइन स्टेन रक्त वाहिकाओं के असामान्य विकास के कारण होता है, जिसे कभी-कभी केशिका विकृति (Capillary Malformation) भी कहते हैं। गर्भावस्था के प्रारंभ में उत्परिवर्तन (Mutation) के कारण यह दाग विकसित हो होता है।
- केशिकाएँ अत्यधिक संकीर्ण होती हैं किंतु पोर्ट वाइन स्टेन में ये अत्यधिक विस्तृत हो जाती हैं, जिससे उनमें रक्त एकत्र हो जाता है। रक्त का यह संग्रह पोर्ट वाइन स्टेन को विशिष्ट रंग देता है।
- यह समस्या प्रति 350 बच्चों में से लगभग 1 बच्चे में होती है और लड़कों की तुलना में लड़कियों में अधिक पाई जाती है।
- दुर्लभ मामलों में पोर्ट वाइन स्टेन चेहरे पर एक गंभीर संवहनी (Vascular) स्थिति के साथ पाए गए हैं जिसे ‘स्टर्ज वेबर सिंड्रोम’ (Sturge Weber Syndrome) कहते हैं, जो मानसिक मंदता, ग्लूकोमा से अंधापन या स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
- हाल के वर्षों में, पोर्ट वाइन स्टेन को दूर करने के लिये लेजर तकनीकों का उपयोग करना संभव हो गया है, हालाँकि इसके परिणाम हमेशा सही नहीं रहते हैं।