New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Teachers Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना

(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन, प्रश्नपत्र-2, शासन व्यवस्था & सामाजिक न्याय; केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन) 

संदर्भ

  • हाल ही में, महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण से संबंधित ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ के क्रियान्वयन के 5 वर्ष पूर्ण हुए। हालाँकि, यह योजना अभी तक निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल नहीं हो सकी है।
  • कोविड महामारी के कारण लगभग 260 लाख महिलाओं की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमज़ोर हुई है। ऐसे में, इस योजना में तत्काल सुधार की आवश्यकता है, ताकि इस योजना से अधिकाधिक महिलाएँ लाभान्वित हो सकें। 

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना 

  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत 1 जनवरी, 2017 में हुई। यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इसे ‘महिला एवं बाल विकास मंत्रालय’ द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस योजना को मातृत्व सहयोग योजना के नाम से भी जाना जाता है।
  • इस योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पहले जीवित बच्चे के जन्म पर 5000 रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। 
  • इसके तहत गर्भवती महिलाओं को सीधे उनके बैंक खाते में नकद लाभ प्रदान किया जाता है ताकि बढ़ी हुई पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा किया जा सके और वेतन हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति की जा सके। 

उद्देश्य

  • श्रमिक महिलाओं की मज़दूरी के नुकसान की भरपाई के लिये मुआवज़ा देना और उनके उचित आराम और पोषण को सुनिश्चित करना।
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार करना।

पी.एम.एम.वी.वाई. के समक्ष विद्यमान चुनौतियाँ

  • इस योजना में भारत सरकार द्वारा लक्षित लाभार्थियों के वार्षिक अनुमान में वर्षों से कोई परिवर्तन नहीं हुआ, जबकि जनसंख्या एवं प्रजनन दर में वृद्धि हो रही है।
  • इस योजना का कार्यान्वयन दायरा संकुचित हो रहा है। जागरूकता की कमी और प्रक्रियागत बाधाएँ भी इसके समक्ष चुनौतियाँ प्रस्तुत करती हैं। 
  • वर्तमान पंजीकरण फॉर्म में तीन किश्तों में से प्रत्येक के लिये माँ और बच्चे का सुरक्षा कार्ड, पति का आधार कार्ड, बैंक पासबुक और पंजीकरण फॉर्म की आवश्यकता होती है, जिसके परिणामस्वरूप आवेदन में देरी होने, खारिज या लंबित रह जाने की समस्या आती है।
  • वर्ष 2021-22 के लिये महिला एवं बाल विकास के समग्र बजट में 20% की कटौती की गई। पी.एम.एम.वी.वाई. के लिये बजट आवंटन भी घटा दिया गया है।

पी.एम.एम.वी.वाई. के अनुरूप राज्यों की योजनाएँ 

  • पी.एम.एम.वी.वाई. के बावजूद ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने मातृत्व लाभ के लिये मातृत्व पात्रता योजना के रूप में राज्य-विशिष्ट योजनाओं को लागू करने का विकल्प चुना।
  • तमिलनाडु द्वारा ‘डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी मैटरनिटी बेनिफिट स्कीम’ व के.सी.आर. किट, जिसमें बेबी ऑयल, साबुन, मच्छरदानी और कपड़े जैसी वस्तुएँ शामिल हैं, के माध्यम से माताओं को लाभ प्रदान किया जा रहा है। 
  • ओडिशा में एक दशक से अधिक समय से चल रही ममता योजना के तहत दो जीवित बच्चों के जन्म पर मातृत्व लाभ के रूप में 5,000 रुपए सशर्त नकद हस्तांतरण की सुविधा प्रदान की गई है।
  • ओडिशा में वर्ष 2020-21 के अंतर्गत पी.एम.एम.वी.वाई. के अंतर्गत कवर किये गए लाभार्थियों की संख्या में 52% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि ममता योजना के अंतर्गत सभी किश्तें प्राप्त करने वाली महिलाओं में 57% की वृद्धि देखी गई।

आगे की राह 

  • इस योजना के तहत मातृत्व लाभ को दूसरे बच्चे के जन्म तक बढ़ाया जाना चाहिये। इससे असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को विशेष लाभ होगा, क्योंकि ये प्रत्येक बच्चों के जन्म के दौरान आर्थिक एवं पोषण संबंधी मामले में अधिक संवेदनशील होती हैं।
  • चूँकि, इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य आंशिक वेतन मुआवज़ा प्रदान करना है, अतः मातृत्व लाभ की राशि में वृद्धि की जानी चाहिये। इस योजना द्वारा एक वर्ष में प्रदान की गई 5,000 रुपए की वर्तमान पात्रता एक माह की मनरेगा मजदूरी दर (202 प्रतिदिन) की हानि के बराबर है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X