पुरातत्वविदों ने हरियाणा में अरावली की पहाड़ियों के बीच स्थित मंगरबानी (Mangar Bani) क्षेत्र में प्रागैतिहासिक काल से संबंधित औजारों की खोज की है। यह खोज न केवल भारतीय उपमहाद्वीप में प्रारंभिक मानव जीवन के महत्वपूर्ण साक्ष्य उपलब्ध कराती है बल्कि यह उत्तर भारत के प्रागैतिहासिक काल के अध्ययन में एक नए युग का आरंभ भी है।
हालिया खोज के बारे में
- पुरातत्वविदों की एक टीम ने मंगरबानी और उसके आसपास के क्षेत्रों जैसे बंधवारी और अनंगपुर में निम्न पुरापाषाण काल (Lower Palaeolithic Age) से संबंधित 200 से अधिक औज़ार खोजे हैं।
- इस खोज में न केवल तैयार औज़ार मिले हैं बल्कि औज़ार निर्माण के अवशेष (Lithic Debitage) भी पाए गए हैं, जो इस बात का प्रमाण हैं कि यह क्षेत्र केवल औज़ारों के उपयोग का नहीं, बल्कि निर्माण का भी केंद्र था।

खोज से संबंधित प्रमुख बिंदु
- औज़ारों की प्रकृति: खोजे गए औज़ारों में हैंड एक्स (Hand Axes), क्लीवर (Cleavers), स्क्रेपर (Scrapers) आदि शामिल हैं। इन औज़ारों को स्थानीय रूप से उपलब्ध बलुआ पत्थर (Sandstone) और क्वार्टजाइट (Quartzite) से तैयार किया गया है।
- औज़ारों का उपयोग : इन औज़ारों का उपयोग जानवरों के मांस को काटने, लकड़ी को छीलने, खाल साफ करने और अन्य दैनिक गतिविधियों में किया जाता था।
- काल निर्धारण : विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह स्थल ऐच्युलियन काल (Acheulean : निम्न पुरापाषाण काल का एक चरण) के उत्तरार्ध से संबंधित है जिसकी संभावित समयावधि 5 लाख से 2 लाख वर्ष के बीच है।
- औद्योगिक स्थल (Factory Site) : यह स्थान संभवतः औज़ार निर्माण का एक केंद्र था जिससे स्पष्ट होता है कि यहाँ पर मानव ने स्थायी बस्ती का विकास किया और औज़ारों का उत्पादन किया।