New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 5th Dec., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

प्रोजेक्ट वर्षा

प्रोजेक्ट वर्षा

भारत द्वारा प्रोजेक्ट वर्षा (Project Varsha) के अंतर्गत वर्ष 2026 में पहला समर्पित परमाणु पनडुब्बी बेस ‘आई.एन.एस. वर्षा’ चालू करने की योजना है। साथ ही, भारत तीसरी परमाणु ऊर्जा संचालित पनडुब्बी ‘आई.एन.एस. अरिदमन’ को चालू करने की योजना भी बना रहा है।

प्रोजेक्ट वर्षा के बारे में

  • क्या है : भारतीय नौसेना द्वारा शुरू की गई एक वर्गीकृत नौसैनिक बुनियादी ढाँचा परियोजना
  • उद्देश्य : अत्याधुनिक परमाणु पनडुब्बी बेस आई.एन.एस. वर्षा का निर्माण करना
  • अवस्थिति : आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम से लगभग 50 किमी. दक्षिण में रामबिल्ली के पास 
  • उद्देश्य : बंगाल की खाड़ी एवं हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की समुद्री सैन्य क्षमताओं को बढ़ाना और चीन के सामरिक विस्तार के प्रति अवरोधक एवं संतुलन का कार्य करना

प्रमुख विशेषताएँ

  • गुप्त तैनाती के लिए अंडरवाटर पनडुब्बी बाड़ एवं सुरंगें।
  • 12 परमाणु पनडुब्बियों को पार्क करने की क्षमता।
  • हवाई निगरानी एवं उपग्रह द्वारा पहचान से सुरक्षा प्रदान करना।
  • इससे उन्नत परमाणु अवसंरचना तक पहुंच संभव होगी।

सामरिक महत्व

  • अपनी परमाणु पनडुब्बियों की परिचालन तत्परता और सुरक्षा सुनिश्चित करके, प्रोजेक्ट वर्षा भारत की द्वितीयक हमलावर (Second Strike) क्षमता को बढ़ाता है। यह एक विश्वसनीय परमाणु निवारक बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • मलक्का जलडमरूमध्य जैसे प्रमुख अवरोध बिंदुओं तक पनडुब्बी की तीव्र पहुँच सुनिश्चित होगी। यह चीन की दोहरे उपयोग वाली नौसैनिक सुविधाओं का मुकाबला करता है।

आई.एन.एस. अरिदमन के बारे में

  • परिचय : उन्नत प्रौद्योगिकी पोत परियोजना के अंतर्गत 7,000 टन की परमाणु ऊर्जा चालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी (SSBN)
  • निर्माण : शिपबिल्डिंग सेंटर, विशाखापत्तनम द्वारा BARC एवं DRDO के सहयोग से
  • उद्देश्य : निवारक गश्त के दौरान गहरे समुद्र में बिना निगरानी में आए कार्य करना
  • प्रारंभ : वर्ष 2025 में चालू होने की उम्मीद 
    • इससे भारत का परमाणु त्रिकोण मजबूत होगा।

प्रमुख विशेषताएँ

  • अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में अधिक K-4 बैलिस्टिक मिसाइल (3,500 किमी रेंज) ले जाने में सक्षम।
  • भारत के पहले दो एस.एस.बी.एन., आई.एन.एस. अरिहंत एवं आई.एन.एस. अरिघाट से अधिक उन्नत।
  • भारत के अंतर्जलीय परमाणु निरोधक घटक का हिस्सा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR