New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM July Exclusive Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

संरक्षित क्षेत्र व्यवस्था

प्रारंभिक परीक्षा

(भारतीय राजव्यवस्था)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2: सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध)

संदर्भ 

17 दिसंबर, 2024 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर, नागालैंड एवं मिजोरम राज्यों के लिए संरक्षित क्षेत्र व्यवस्था (Protected Area Regime :PAR) को फिर से लागू कर दिया है। 

संरक्षित क्षेत्र व्यवस्था से तात्पर्य 

  • भारत में पी.ए.आर. उन विनियमों व नीतियों के समूह को संदर्भित करती है जो देश के कुछ संवेदनशील या रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विदेशियों की आवाजाही को प्रतिबंधित करती हैं। 
  • इन क्षेत्रों को संरक्षित क्षेत्र के रूप में नामित किया गया है और इनमें प्रवेश करने तथा रहने के लिए विदेशी नागरिकों को विशेष परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।

उद्देश्य

  • राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करना और संवेदनशील क्षेत्रों में अनधिकृत विदेशी प्रभाव को रोकना।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों और उन क्षेत्रों में विदेशियों की आवाजाही को नियंत्रित करना, जहां भू-राजनीतिक कारकों या आंतरिक गड़बड़ियों के कारण सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं।

विदेशी (संरक्षित क्षेत्र) आदेश, 1958

विदेशी (संरक्षित क्षेत्र) आदेश, 1958 भारत के संरक्षित क्षेत्रों में विदेशियों के प्रवेश एवं ठहरने को नियंत्रित करता है। यह निर्दिष्ट करता है कि कोई भी विदेशी व्यक्ति केंद्र सरकार या किसी अधिकृत एजेंसी द्वारा जारी परमिट के बिना संरक्षित क्षेत्र में न ही प्रवेश कर सकता और न ही ठहर सकता है।

निर्दिष्ट संरक्षित क्षेत्र

  • संरक्षित क्षेत्रों में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के वे हिस्से शामिल हैं जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं, जातीय तनावों या सुरक्षा संबंधी मुद्दों से निकटता के कारण संवेदनशील माना जाता है।
  • इस आदेश के तहत संरक्षित क्षेत्रों में मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड एवं अरुणाचल राज्य का संपूर्ण क्षेत्र के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान व उत्तराखंड के कुछ क्षेत्र शामिल हैं।
  • विदेशी (प्रतिबंधित क्षेत्र) आदेश, 1963 इन प्रावधानों को पूरे अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह तथा सिक्किम (आंशिक रूप से संरक्षित क्षेत्र और आंशिक रूप से प्रतिबंधित क्षेत्र के रूप में) तक विस्तारित करता है ।

पी.ए.आर. को संरक्षित क्षेत्रों, जहां कड़े नियंत्रण लागू होते हैं और प्रतिबंधित क्षेत्रों जहां विदेशियों पर अधिक विशिष्ट प्रतिबंध होते हैं, में विभाजित किया जा सकता है।

पी.ए.आर. में छूट के कारण 

  • दिसंबर 2010 को मणिपुर, मिजोरम एवं नागालैंड में संरक्षित क्षेत्र व्यवस्था में निम्नलिखित कारणों से ढील दी गई थी-
    • सुरक्षा स्थिति में सुधार को ध्यान में रखते हुए और 
    • राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक प्रयास के रूप में। 
  • यह छूट शुरू में एक वर्ष के लिए दी गई थी किंतु इसे दिसंबर 2022 तक कई बार बढ़ाया गया। वर्ष 2022 में इसे पाँच अन्य वर्षों के लिए 31 दिसंबर, 2027 तक बढ़ा दिया गया था।

छूट वापस लेने का कारण

  • सुरक्षा चिंताएं : गृह मंत्रालय ने इन राज्यों, विशेषकर मणिपुर के सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के कारण छूट वापस लेने का निर्णय लिया है।
    • मई 2023 से मणिपुर में आदिवासी कुकी-ज़ो और मैतेई समुदायों के बीच काफी जातीय हिंसा हुई है।
  • बढ़ता प्रवास : फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद 40,000 से अधिक शरणार्थी मिजोरम भाग गए और लगभग 4,000 शरणार्थी मणिपुर में प्रवेश कर गए।
    • ये शरणार्थी मुख्यत: कुकी-चिन-ज़ो जातीय समूह से संबंधित हैं, जो मणिपुर और मिज़ोरम दोनों में स्थानीय आबादी के साथ सांस्कृतिक व जातीय संबंध साझा करते हैं।
  • सीमा पार आवागमन : यह क्षेत्र म्यांमार के साथ 1,643 किमी. लंबी सीमा साझा करता है जो अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर व मिजोरम से होकर गुजरती है।
    • फलतः यह क्षेत्र सीमा पार प्रवास के लिए संवेदनशील हो गया है।

विदेशियों के लिए नई पंजीकरण

  • विदेशी व्यक्तियों को, जिस राज्य या जिले में वे जा रहे हैं, वहां पहुंचने के 24 घंटे के भीतर विदेशी पंजीकरण अधिकारी (FRO) के पास पंजीकरण कराना आवश्यक है।
  • अब से पूर्व में म्यांमार के नागरिकों को संरक्षित क्षेत्र परमिट (PAP) आवश्यकता से छूट दी गई थी, यदि उनके पास ई-पर्यटक वीज़ा या कोई अन्य वीज़ा था। किंतु वर्तमान में उन्हें भी पंजीकरण की आवश्यकता है।
  • ध्यातव्य है कि फ्री मूवमेंट व्यवस्था (FMR) को जनवरी 2024 में गृह मंत्रालय द्वारा निलंबित कर दिया गया था। यह व्यवस्था भारत-म्यांमार सीमा के 16 किलोमीटर के भीतर रहने वाले लोगों को दोनों देशों के बीच स्वतंत्र रूप से आवाजाही की अनुमति देती थी।

विदेशी नागरिक विभिन्न माध्यमों से पी.ए.पी. के लिए आवेदन कर सकते हैं, जैसे:

  • विदेश स्थित भारतीय मिशन
  • गृह मंत्रालय
  • जिला मजिस्ट्रेट
  • राज्यों के रेजिडेंट कमिश्नर
  • गृह आयुक्त

पी.ए.पी. में शामिल आवश्यक मुख्य विवरण

  • प्रवेश का स्थान
  • निवास की जगह
  • ठहरने की अवधि
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR