संदर्भ
23-24 मई, 2025 तक दिल्ली में राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट, 2025 का आयोजन किया गया।
राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 के बारे में
- आयोजन : पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) द्वारा आयोजित
- स्थान एवं तिथि : भारत मंडपम, नई दिल्ली
- उद्घाटन : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा
- उद्देश्य : पूर्वोत्तर भारत को निवेश एवं व्यापार के लिए हॉटस्पॉट के रूप में स्थापित करना और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना।
- शामिल राज्य : अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा
प्रमुख विशेषताएँ
- निवेश लक्ष्य : दो दिनों के आयोजन में 5 लाख करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य
- प्रमुख क्षेत्र : कृषि, खाद्य प्रसंस्करण एवं संबद्ध क्षेत्र; वस्त्र, हथकरघा एवं हस्तशिल्प; शिक्षा एवं कौशल विकास; स्वास्थ्य देखभाल; सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएँ; बुनियादी ढांचा एवं रसद; पर्यटन एवं आतिथ्य; मनोरंजन व खेल; ऊर्जा
- प्रतिभागी : राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय निवेशक, उद्योगपति तथा 50 से अधिक देशों के 100 से अधिक विदेशी प्रतिनिधि।
पूर्वोत्तर भारत की रणनीतिक महत्ता
- अष्टलक्ष्मी : पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर को भारत की विविधता का प्रतीक और ‘अष्टलक्ष्मी’ के रूप में संबोधित किया।
- भू-राजनीतिक स्थिति :
- आसियान एवं बांग्लादेश-भूटान-नेपाल (BBN) बाजारों के लिए प्रवेश द्वार।
- क्षेत्रीय व्यापार एवं कनेक्टिविटी को बढ़ावा।
- विकास का दृष्टिकोण :
- 'EAST' का अर्थ: एम्पावर, एक्ट, स्ट्रेंथ, ट्रांस्फॉर्म
- पूर्वी भारत का विकास विकसित भारत के लिए आवश्यक
निवेश एवं नीतिगत पहल
प्रमुख निवेश प्रतिबद्धताएँ
- अडानी समूह: अगले 10 वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश
- अन्य उद्योगपतियों द्वारा ग्रीन एनर्जी, सीमेंट एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश की घोषणा
नीतिगत ढांचा
- निवेशकों के लिए प्रोत्साहन और नीति ढांचे की जानकारी
- औद्योगिक एवं क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां
आर्थिक प्रभाव
- रोजगार सृजन एवं आर्थिक सशक्तिकरण
- क्षेत्र को विनिर्माण और सेवा हब के रूप में स्थापित करना
चुनौतियाँ
- बुनियादी ढांचा : सड़क, रेल एवं डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार की आवश्यकता
- सुरक्षा : क्षेत्र में अस्थिरता एवं सीमा विवादों का प्रभाव
- जागरूकता : निवेशकों के बीच पूर्वोत्तर की संभावनाओं के बारे में कम जानकारी
- पर्यावरणीय चिंताएँ : सतत विकास एवं पर्यावरण संरक्षण का संतुलन
महत्व
- आर्थिक विकास : पूर्वोत्तर को वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करने से भारत की जी.डी.पी. में योगदान बढ़ेगा।
- क्षेत्रीय एकीकरण : एक्ट ईस्ट नीति के तहत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और व्यापार को बढ़ावा।
- सामाजिक-आर्थिक समावेशन : रोजगार सृजन व स्थानीय समुदायों का सशक्तिकरण।
- भू-रणनीतिक लाभ : भारत की दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ साझेदारी को मजबूत करना।
- सतत विकास : हरित ऊर्जा एवं पर्यावरण-अनुकूल परियोजनाओं पर जोर।
निष्कर्ष
राइजिंग नॉर्थईस्ट इन्वेस्टर्स समिट, 2025 पूर्वोत्तर भारत के आर्थिक एवं रणनीतिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह समिट इस क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता को उजागर करने, निवेश आकर्षित करने तथा भारत की एक्ट ईस्ट नीति को मजबूत करने में सहायक होगी।
इसे भी जानिए!
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राज्य
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प्रमुख विशिष्टता
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अरुणाचल प्रदेश
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- व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य प्राकृतिक रेशम की सभी चार किस्मों- ‘शहतूत, एरी, मूगा एवं ओक टसर’ का उत्पादन
- भारत में कीवी फल का शीर्ष उत्पादक राज्य
- भारत में बड़ी इलायची का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक
- भारत में ऑर्किड की लगभग एक हजार प्रजातियों में से 500 से अधिक अकेले अरुणाचल प्रदेश में
- अरुणाचल प्रदेश का तवांग मठ एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एवं सबसे पुराना मठ
- ईटानगर, पासीघाट, तेजू एवं जीरो में 4 हवाई अड्डे
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असम
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- असम में लगभग 172 वर्ष पुराना चाय उद्योग
- भारत में चाय उत्पादन में 50% से अधिक का योगदान
- भारत के सभी पूर्वोत्तर राज्यों एवं पड़ोसी देशों, जैसे- बांग्लादेश, भूटान एवं आसियान देशों के लिए प्रवेश द्वार
- पूर्वोत्तर में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान एवं मानस वन्य जीवन अभयारण्य नामक दो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
- भारत का सबसे लंबा पुल ‘भूपेन हजारिका’ स्थित
- केवल असम में ही उगाए जाने वाले एरी सिल्क, व्हाइट पैट सिल्क एवं गोल्डन मूगा सिल्क के लिए प्रसिद्ध
- भारत का सबसे पुराना तेल उत्पादक राज्य
- भारत में कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस के सर्वाधिक भंडार
- एशिया का सबसे पुराना तेल कुआँ डिगबोई में 1901 में खोदा गया
- रबर की खेती में भारत में तीसरे स्थान पर
- देश के कुल बांस स्टॉक के 60% के साथ देश में बांस की सर्वाधिक मात्रा
- 12 राष्ट्रीय जलमार्ग और एक अंतर्देशीय कंटेनर डिपो
- 7 हवाई अड्डे- गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, जोरहाट, सिलचर, लखीमपुर, तेजपुर एवं रूपसी
- दो ट्रांस एशियाई राजमार्गों (AH-1 एवं AH-2) का भी हिस्सा
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मणिपुर
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- विश्व में जैव विविधता के केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त
- 70% से अधिक भौगोलिक क्षेत्र वन क्षेत्र के अंतर्गत
- प्रमुख वन उत्पादों में इमारती लकड़ी, जलाऊ लकड़ी एवं बांस
- पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में हस्तशिल्प इकाइयों एवं शिल्पकारों की सर्वाधिक संख्या
- भारत में पैशन फ्रूट (Passion Fruit) का सबसे बड़ा उत्पादक
- भारत में कीवी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और मैंडरिन (Mandarin), अंजीर एवं जैतून का प्रमुख उत्पादक
- दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान ‘केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान’
- पोलो खेल का आविष्कार मणिपुर में और दुनिया का सबसे पुराना पोलो मैदान इम्फाल में स्थित
- उपोष्णकटिबंधीय जलवायु एवं मृदा कॉफी, चाय व रबर बागानों के लिए उपयुक्त
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मेघालय
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- कोयला, चूना पत्थर, यूरेनियम, क्ले, सिलिमेनाइट एवं ग्रेनाइट जैसे संसाधनों से समृद्ध
- स्ट्रॉबेरी का अग्रणी उत्पादक
- 7-9% तक कर्क्यूमिन वाली लाकडोंग हल्दी मेघालय में स्थानिक
- भारत में सर्वाधिक गुफाओं के कारण गुफा पर्यटन के लिए आदर्श
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मिजोरम
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- लैंड ऑफ़ ब्लू माउंटेन के रूप में प्रसिद्ध
- साक्षरता के मामले में भारत में तीसरे स्थान पर
- बांस उत्पादन में दूसरे स्थान पर
- स्ट्रॉबेरी उत्पादन में दूसरे स्थान पर
- बागवानी फसलों के लिए अनुकूल जलवायु
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नागालैंड
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- दुनिया की फाल्कन राजधानी (Falcon Capital) के रूप में विख्यात
- पृथ्वी पर सबसे तीखी मिर्च (नागा चिली) वाला राज्य
- भारत का तीसरा सबसे बड़ा कोबाल्ट भंडार
- 600 मिलियन मीट्रिक टन कच्चे तेल का भंडार
- चूना पत्थर, प्राकृतिक गैस जैसे खनिज संसाधनों में भी प्रचुर
- टैपिओका का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक
- जैव विविधता के संबंध में दुनिया के 25 हॉट स्पॉट में से एक और मेगा जैव विविधता वाला राज्य
- त्यौहारों की भूमि (लैंड ऑफ़ फेस्टिवल) के रूप में प्रसिद्ध
- राज्य की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी
- 17 जनजातीय समूह और लगभग 60 अलग-अलग बोलियाँ
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सिक्किम
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- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भारत (दुनिया) के प्रथम पूर्ण जैविक राज्य के रूप में प्रमाणित
- प्रमुख कृषि उत्पाद बड़ी इलायची, अदरक, हल्दी, कीवी आदि
- 315 ग्लेशियर झील और दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी 'माउंट कंचनजंगा' स्थित
- पूर्वोत्तर राज्यों में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय
- दवा निर्माण का भी केंद्र
- बड़ी इलायची का सबसे बड़ा उत्पादक
- पर्यटन मंत्रालय द्वारा 'देश में सबसे सुरक्षित पर्यटन स्थल' का पुरस्कार
- पलजोर नामग्याल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स/खेलो इंडिया स्पोर्ट्स सेंटर, बाईचुंग भूटिया स्टेडियम, खेल गांव, एथलेटिक्स के लिए रेशीथांग आदि
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त्रिपुरा
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- प्राकृतिक गैस के विशाल भंडार
- चावल एवं गेहूँ जैसी मुख्य फ़सलों के साथ-साथ क्वीन अनानास, कटहल व सुपारी जैसे फलों का भी उत्पादन
- रबर एवं चाय आधारित उद्योगों के बाद सीमेंट व इस्पात उद्योग का स्थान
- पूर्वोत्तर क्षेत्र में दूसरा सर्वाधिक आबादी वाला राज्य
- सिक्किम के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र में दूसरा विद्युत अधिशेष राज्य
- रबर उत्पादन के अंतर्गत क्षेत्रफल में दूसरा और रबर उत्पादन में दूसरा स्थान
- भारत की सबसे बड़ी बांस टाइल/फर्श इकाई बांस पार्क, अगरतला में कार्यरत
- ऐतिहासिक स्थल ‘उनाकोटि’ में हिंदू देवी-देवताओं की जटिल चट्टान नक्काशी
- भारत की सबसे बड़ी झीलों में से एक ‘डंबूर झील’ स्थित
- उज्जयंत पैलेस, उदयपुर ओल्ड राजबाड़ी, पुष्पबंता पैलेस एवं नीरमहल पैलेस (वाटर पैलेस) जैसे ऐतिहासिक महल
- तीन हवाई अड्डे- महाराजा बीर बिक्रम हवाई अड्डा (अगरतला), कैलाशहर हवाई अड्डा और खोवाई हवाई अड्डा
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