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केरल में फार्मास्युटिकल कचरे का वैज्ञानिक निपटान

चर्चा में क्यों ?

  • केरल ड्रग्स कंट्रोल विभाग nPROUD’ (New Programme for Removal of Unused Drugs) पहल शुरू करने जा रहा है 
  • इसके साथ ही केरल भारत का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है जो वैज्ञानिक रूप से घरेलू स्तर पर Expired और अनुपयोगी दवाओं के संग्रह और निपटान की व्यवस्था करेगा।

Drugs

nPROUD पहल 

nPROUD

इस कार्यक्रम को कोझिकोड कॉर्पोरेशन और उल्लियरी पंचायत (जिला कोझिकोड) में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा और फिर इसे पूरे राज्य में लागू किया जाएगा।

 चरण 1: घरेलू संग्रहण

  • निर्धारित समय पर अधिकारी घर-घर जाकर अनुपयोगी दवाओं को एकत्र करेंगे।

 चरण 2: स्थायी संग्रहण केंद्र

  • सार्वजनिक स्थानों पर विशेष नीले रंग के डस्टबिन लगाए जाएंगे, जहां नागरिक अपनी अनुपयोगी दवाओं को डाल सकेंगे।

चरण 3: स्थानीय निकायों के साथ समन्वय

  • हरिता कर्म सेना (ग्रीन टास्क फोर्स) और स्थानीय स्व-सरकारी संस्थाएं संग्रहण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।

कचरे का सुरक्षित निपटान:-

  • संग्रहित दवाओं को केरल एनवायरो इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (KEIL) भेजा जाएगा, जो राज्य और केंद्रीय पर्यावरण प्राधिकरणों द्वारा अनुमोदित एक कचरा उपचार सुविधा है। 
  • यह सुनिश्चित करेगा कि फार्मास्युटिकल कचरा पर्यावरणीय मानकों और कानूनी प्रावधानों के अनुरूप नष्ट किया जाए।

दवाओं के सुरक्षित निपटान की आवश्यकता क्यों?

  • अवैज्ञानिक तरीके से Expired और अनुपयोगी दवाओं का निपटान गंभीर पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संकट पैदा कर सकता है।
  • अनुपयोगी दवाओं का गलत निपटान:-अधिकांश लोग दवाओं को कूड़े में फेंक देते हैं या नालियों में बहा देते हैं, जिससे ये मिट्टी और जल स्रोतों में मिल जाती हैं।
  •  स्वास्थ्य पर प्रभाव:- इस तरह के प्रदूषण से एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) बढ़ता है, जिससे संक्रमणों का इलाज कठिन हो जाता है।
  • पर्यावरणीय खतरा:- फार्मास्युटिकल कचरे का अवैज्ञानिक निपटान पेयजल और खाद्य श्रृंखला को दूषित कर सकता है, जिससे जीवमंडल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • nPROUD पहल इस समस्या को दूर करने के लिए एक संरचित और वैज्ञानिक प्रणाली विकसित करेगी, जिससे दवाओं का निपटान जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के तहत किया जा सकेगा।

प्रश्न  - nPROUD पहल किससे संबंधित है ?

(a) ट्रांसजेंडर समुदाय को रोजगार अवसर 

(b) ट्रांसजेंडर समुदाय के बच्चों को शिक्षा का अवसर

(c) फार्मास्युटिकल कचरे का वैज्ञानिक निपटान

(d) प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित लोगों को रोजगार अवसर

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