New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम,1951 की धारा 126

प्रारंभिक परीक्षा - जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126
मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ

सन्दर्भ 

  • हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से मेघालय के उपमुख्यमंत्री पर एक वीडियो पोस्ट को हटाने के लिए कहा गया।  
  • क्योंकि इस वीडियो की सामग्री जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के प्रावधानों का उल्लंघन कर रही थी। 

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126

  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 किसी निर्वाचन क्षेत्र में मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान, टेलीविजन या इसी तरह के उपकरण या किसी अन्य माध्यम से किसी भी चुनावी मामले को प्रदर्शित करने पर रोक लगाती है।
  • धारा 126 (1 ) के अनुसार मतदान के समापन के लिए निर्धारित समय से 48 घंटे पहले की अवधि के दौरान -
    • धारा 126(1)(ए) - कोई भी व्यक्ति किसी चुनाव के संबंध में किसी सार्वजनिक सभा या जुलूस को आयोजित, उपस्थित या संबोधित नहीं करेगा।
    • धारा 126(1)(बी) - कोई भी व्यक्ति सिनेमैटोग्राफ, टेलीविजन या इसी तरह के अन्य माध्यमों से जनता को कोई चुनावी सामग्री प्रदर्शित नहीं करेगा।
    • धारा 126(1)(सी) - कोई भी व्यक्ति किसी भी मतदान क्षेत्र में जनता के लिए किसी भी चुनाव मामले का प्रचार नहीं करेगा।
  • धारा 126(2) के अनुसार – 
    • जनप्रतिनिधित्‍व अधिनियम की धारा 126(1) के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के लिए दो वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम,1951

  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 भारतीय संसद का एक अधिनियम है जो संसद के सदनों और प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के सदनों के लिए चुनाव कराने का प्रावधान करता है।
  • इसमें निम्नलिखित बिषयों से संबंधित प्रावधान शामिल हैं -
    • संसद के सदनों और प्रत्येक राज्य के विधानमंडल के सदनों या सदनों के चुनावों का संचालन।
    • संसद के सदनों और राज्य के विधानमंडल के सदनों की सदस्यता के लिए योग्यताएं और अयोग्यताएं।
    • चुनावों में या उनके संबंध में भ्रष्ट आचरण और अन्य अपराध।
    • चुनावों के संबंध में या उससे उत्पन्न होने वाले संदेहों और विवादों का निर्णय।
    • रिक्त सीटों पर उपचुनाव।
    • राजनीतिक दलों का पंजीकरण।
    • चुनाव कराने के लिए प्रशासनिक बुनियादी ढांचा।
  • जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 दोषी व्यक्तियों को चुनाव लड़ने से रोकती है।
    • परन्तु ऐसे व्यक्ति जिन पर केवल मुक़दमा चल रहा है, वे चुनाव लड़ने के लिये स्वतंत्र हैं, चाहे उन पर लगा आरोप कितना भी गंभीर हो।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(1) और (2) के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई सदस्य (सांसद अथवा विधायक) अस्पृश्यता, हत्या, बलात्कार, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के उल्लंघन, धर्म, भाषा या क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करना, भारतीय संविधान का अपमान करना, प्रतिबंधित वस्तुओं का आयात या निर्यात करना, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना जैसे अपराधों में लिप्त होता है, तो उसे इस धारा के अंतर्गत अयोग्य माना जाएगा तथा 6 वर्ष की अवधि के लिये अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 8(3) के प्रावधानों के अनुसार यदि कोई सदस्य उपर्युक्त अपराधों के अलावा किसी भी अन्य अपराध के लिये दोषी साबित किया जाता है तथा उसे न्यूनतम दो वर्ष से अधिक के कारावास की सज़ा सुनाई जाती है तो उसे दोषी ठहराए जाने की तिथि से आयोग्य माना जाएगा तथा ऐसे व्यक्ति को सज़ा समाप्त होने की तिथि के बाद 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिये अयोग्य माना जाएगा।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X