New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

शैलो फेक डीपफेक की अपेक्षा अधिक चिंतनीय

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, डीपफेक, शैलो फेक
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 (कंप्यूटर

संदर्भ:

वर्ष 2024 में विभिन्न देशों में होने वाले चुनावों में गलत सूचनाओं के प्रसार के लिए न केवल ​​​​पारंपरिक तकनीक, डीपफेक और जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता से खतरा है, बल्कि शैलो फेक अधिक चिंता का विषय है।

Deepfake

मुख्य बिंदु:

  • वर्ष 2024 में लगभग 50 देशों में चुनाव होने हैं।
  • इन देशों में दुनिया की आधी आबादी रहती है।

चुनावों में गलत सूचनाओं का प्रयोग:

  • विश्व आर्थिक मंच की वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2024 के अनुसार, गलत सूचना और दुष्प्रचार के जोखिम का सामना करने में भारत पहले स्थान पर है।
  • AI तकनीक के आगमन से पूर्वगलत सूचनाओं के प्रसार के लिए चित्रों और वीडियो को बनाने हेतु कुछ पारंपरिक तकनीकों का प्रयोग किया जाता था। 
    • यह तकनीक बहुत अच्छी नहीं थी लेकिन उनसे गलत सूचनाओं का प्रसार हो जाता था।
  • डीपफेक और जनरेटिव कृत्रिम बुद्धिमत्ता ने गलत सूचनाओं के प्रसार को ज्यादा बेहतर बनाया।
  • वर्तमान में ऐसी सूचनाओं के प्रसार में शैलो फेक (Shallow fake or cheap fake)  ने ज्यादा चिंता उत्पन्न कर दी है।
  • शैलो फेक ऐसे चित्र, वीडियो और वॉयस क्लिप हैं, जिन्हें बनाने के लिए AI तकनीक की जरूरत नहीं होती है।
    • इन्हें सरल सॉफ़्टवेयर टूल का उपयोग करके बनाया जाता है।
  • शैलो फेक में वीडियो को सामान्य रूप से बदला या संपादित किया जाता है। 
  • इन्हें आसानी से बनाया जा सकता है।

डीपफेक और शैलो फेक में अंतर: 

  • डीपफेक में गलत सूचनाओं के प्रसार के लिए AI की सहायता से यथार्थ चित्र, वीडियो और ऑडियो को बनाया जाता है या उनमें बदलाव किया जाता है।
  • शैलो फेक वर्तमान में उपलब्ध तकनीकों की सहायता से बनाए जाते हैं।
  • इसके द्वारा निम्नलिखित कार्य किए जा सकते हैं;
    • किसी चित्र में पारंपरिक परिवर्तन। 
    • किसी व्यक्ति के भाषण पैटर्न को बदलने के लिए वीडियो को धीमा करना।
    • पहले से मौजूद चित्र या वीडियो के बारे में गलतफहमी फैलाना कि वह किसी विशेष समय या स्थान का है, जबकि वह उस समय या स्थान का नहीं होता है। 
      • उदाहरण- भूमि अधिकारों को लेकर पिछले वर्षों के विरोध प्रदर्शन के चित्रों का उपयोग किसी अन्य स्थान पर आगे के विरोध प्रदर्शन के रूप में किया जा सकता है।

शैलो फेक का चुनावी प्रक्रिया पर प्रभाव:

  • शैलो फेक चुनावी प्रक्रिया को दुष्प्रभावित कर सकता है। 
  • उदाहरण के लिए
    • मतपेटियों पर दावे के लिए चित्रों को एक प्रसंग से दूसरे प्रसंग में बदला जा सकता है।
    • उसे भ्रामक व्यख्या के साथ प्रस्तुत किया जा सकता है (जैसे- वोट धोखाधड़ी का दावा करना)। 
    • वीडियो को धीमा कर उम्मीदवार को शारीरिक रूप से अक्षम दिखाना। 
  • नई AI तकनीकों को अपनाने के कारण शैलो फेक चुनावी प्रक्रिया को अधिक दुष्प्रभावित कर सकते हैं; क्योंकि-
    • ऑडियो के विषय को बदल सकते हैं। 
    • नकली आवाज के छोटे प्रतिदर्श बनाए जा सकते हैं।
    • ऑडियो को उच्च स्तर की सटीकता के साथ प्रस्तुत किया जा सकता है। 
    • वीडियो को किसी भी स्थान से लिया जा सकता है। 
    • चुनाव के दौरान प्रसारित सामग्री बहुत कम समय में प्रभाव डाल सकती है।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. ऑडियो के विषय को बदल सकते हैं। 
  2. नकली आवाज के छोटे प्रतिदर्श बनाए जा सकते हैं।
  3. ऑडियो को उच्च स्तर की सटीकता के साथ प्रस्तुत किया जा सकता है। 
  4. वीडियो को किसी भी स्थान से लिया जा सकता है। 

उपर्युक्त में से कितना/कितने परिवर्तन सतही फेक की सहायता से किया जा सकता है?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) केवल तीन

(d) सभी चारो

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न:

प्रश्न: शैलो फेक किस प्रकार चुनावी प्रक्रिया पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं? विवेचना कीजिए।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR