मणिपुर में 2 वर्ष के अंतराल के बाद 20 से 24 मई तक शिरुई लिली उत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
शिरुई लिली उत्सव
- क्या है : शिरुई लिली उत्सव मणिपुर सरकार द्वारा आयोजित एक राज्य स्तरीय सांस्कृतिक एवं पारिस्थितिक उत्सव है जो प्रतिवर्ष मई में शिरुई लिली पुष्प के खिलने के दौरान मनाया जाता है।
- उद्देश्य : इसका उद्देश्य शिरुई लिली फूल के संरक्षण को बढ़ावा देना और मणिपुर की सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना तथा पर्यटन को प्रोत्साहित करना है।
- आयोजक : यह उत्सव मणिपुर पर्यटन विभाग द्वारा उखरूल जिले के शिरुई गांव एवं आसपास के क्षेत्रों में आयोजित किया जाता है।
- वर्ष 2025 के लिए थीम : मानवता के लिए सौंदर्य
- पर्यावरणीय एवं सांस्कृतिक महत्व : यह उत्सव स्थानीय जैव-विविधता के संरक्षण का एक संवेदनशील माध्यम है।
- यह स्थानीय तनगा, तांगखुल एवं अन्य जनजातीय समुदायों की परंपराओं को जीवंत बनाए रखने में सहायक है। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था व सामुदायिक पर्यटन को बल मिलता है।

उत्सव की प्रमुख विशेषताएँ
- संगीत एवं प्रदर्शन कलाएँ : लोक संगीत से लेकर रॉक बैंड तक विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ एवं पारंपरिक नृत्य, नाटक और गीतों की झलक
- हस्तशिल्प और कला प्रदर्शनी : मणिपुरी बुनाई, हथकरघा, पारंपरिक परिधान एवं स्थानीय कलाकारों और कारीगरों की प्रदर्शनी
- भोजन और व्यंजन : पारंपरिक मणिपुरी व्यंजन एवं स्थानीय फूड स्टॉलों में स्थानीय स्वादों की विविधता
- साहसिक गतिविधियाँ : ट्रेकिंग, कैंपिंग, रॉक क्लाइम्बिंग एवं पर्यटकों को हरे–भरे शिरुई पर्वतों की सैर

शिरुई लिली पुष्प के बारे में
- परिचय : यह मणिपुर का राजकीय पुष्प है जिसे वैज्ञानिक रूप से लिलियम मैकलिनिया के नाम से जाना जाता है।
- प्राप्ति स्थल : यह एक दुर्लभ एवं गुलाबी-सफेद फूल इंफाल से लगभग 83 किमी. दूर उखरुल जिले में शिरुई हिल रेंज में पाया जाता है।
- नामकरण : वनस्पतिशास्त्री डॉ. फ्रैंक किंगडन वार्ड की पत्नी जीन मैकलिन के नाम पर इसका नाम रखा गया, जिन्होंने वर्ष 1946 में पहली बार इस फूल को देखा था।
- पुष्पन की अवधि : यह फूल प्रतिवर्ष मई एवं जून के बीच पुष्पित होता है और लगभग एक-दो सप्ताह तक ही दिखाई देता है।
- प्रमुख विशेषताएँ : यह फूल केवल शिरुई पर्वत पर ही प्राकृतिक रूप से पाया जाता है, इसलिए इसे एंडेमिक प्रजाति कहा जाता है।
- यह हल्के गुलाबी, सफेद एवं कभी-कभी नीले या बैंगनी रंग का होता है। इस फूल की पंखुड़ियों में चमक होती है।