नागालैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक प्राकृतिक यौगिक ‘सिनैपिक एसिड’ (Sinapic Acid) की पहचान की है जिसे मधुमेह की स्थिति में घाव भरने की प्रक्रिया को उल्लेखनीय रूप से तीव्र करने में सक्षम पाया गया है।
सिनैपिक एसिड के बारे में
- सिनैपिक एसिड एक प्राकृतिक फेनोलिक एसिड यौगिक है जो सिनामिक एसिड (Cinnamic Acid) का व्युत्पन्न (Derivative) है। यह पौधों में स्वाभाविक रूप से पाया जाता है और इसमें कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं।
- इसके मुख्य गुणों में एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidant), एंटिट्यूमर (Antitumor), एंटी-इंफ्लेमेटरी (Anti-inflammatory), एंटीबैक्टीरियल (Antibacterial) एवं न्यूरोप्रोटेक्टिव (Neuroprotective) शामिल हैं।
- यह यौगिक मसालों, खट्टे फलों, बेरी, सब्ज़ियों, अनाजों व तिलहन फसलों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
सिनैपिक एसिड का कार्य तंत्र
शोध के अनुसार, सिनैपिक एसिड SIRT1 pathway को सक्रिय करता है। यह मार्ग ऊतक मरम्मत (Tissue Repair), नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण (Angiogenesis) और सूजन नियंत्रण (Inflammation Control) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार, यह यौगिक घाव भरने की प्रक्रिया को तेज़ व प्रभावी बनाता है।
महत्व और संभावनाएँ
- सिनैपिक एसिड की यह खोज मधुमेह रोगियों के लिए उपचार के क्षेत्र में एक प्राकृतिक, सुरक्षित व प्रभावी विकल्प के रूप में उभर सकती है और विशेषकर ‘डायबिटिक फुट अल्सर’ जैसे घावों के उपचार में एक नई दिशा प्रदान कर सकती है।
- मधुमेह से ग्रस्त व्यक्तियों में घाव भरने की प्रक्रिया अत्यंत धीमी होती है जिससे संक्रमण, नसों की क्षति (Neuropathy), रक्त संचार की समस्या और गंभीर मामलों में अंग विच्छेदन (Amputation) तक की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- इस संदर्भ में सिनैपिक एसिड आधारित उपचार भविष्य में इन जटिलताओं को कम करने में सहायक सिद्ध हो सकता है।
मधुमेह मेलिटस (Diabetes Mellitus) के बारे में
- मधुमेह मेलिटस एक मेटाबोलिक रोग है जिसमें रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है।
- यह स्थिति इंसुलिन हार्मोन के अपर्याप्त उत्पादन या शरीर द्वारा उसके प्रभावी उपयोग में कमी के कारण उत्पन्न होती है।
- विश्व स्तर पर यह एक प्रमुख क्रॉनिक बीमारी है जो लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है।
- लगातार उच्च रक्त शर्करा के स्तर से हृदय, गुर्दे, नसों व आंखों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
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