चर्चा में क्यों ?
हालिया स्टडी में सामने आया है कि शराब की बहुत कम मात्रा भी ओरल कैंसर, खासकर बुक्कल म्यूकोसा कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार शराब की एक बूंद भी सेहत के लिए सुरक्षित नहीं है।

स्टडी के प्रमुख बिन्दु:
- शराब का सेवन, चाहे कम मात्रा में ही क्यों न हो, ओरल कैविटी की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है।
- अल्कोहल शरीर में जाकर एसीटैल्डिहाइड नामक विषैले तत्व में बदल जाता है, जो कैंसरकारी (Carcinogenic) होता है।
- यह तत्व डीएनए को क्षति पहुँचाकर कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि को बढ़ावा देता है।
- शोध में यह भी पाया गया कि नियमित न पीने वाले लेकिन कभी-कभार शराब लेने वाले लोग भी जोखिम से बाहर नहीं हैं।
क्या है ओरल कैंसर ?

ओरल कैंसर वह घातक रोग है, जिसमें मुंह (Oral Cavity) की कोशिकाएँ असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेती हैं। यह कैंसर धीरे-धीरे आसपास के ऊतकों को नष्ट करता है और समय पर इलाज न होने पर शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है।
ओरल कैंसर शरीर के किन भागों को प्रभावित करता है ?
- ओरल कैंसर निम्न अंगों में हो सकता है-
- होंठ
- जीभ
- मसूड़े
- गालों की अंदरूनी परत
- तालु - हार्ड और सॉफ्ट पैलेट
- मुंह का तल
- गले का ऊपरी हिस्सा
- भारत में सबसे अधिक पाया जाने वाला प्रकार:
- बुक्कल म्यूकोसा कैंसर (गाल की अंदरूनी सतह का कैंसर)
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ओरल कैंसर के प्रकार
- स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा
- 90% से अधिक ओरल कैंसर इसी प्रकार के होते हैं
- मुंह की सतही कोशिकाओं से शुरू होता है
- वेरुकस कार्सिनोमा
- धीरे बढ़ने वाला, कम फैलने वाला कैंसर
- सालिवरी ग्लैंड कैंसर
- मेलानोमा (दुर्लभ)
- मुंह की पिगमेंटेड कोशिकाओं से
ओरल कैंसर के एडवांस्ड लक्षण:
- तेज दर्द और खून आना
- चेहरे या गर्दन में सूजन
- वजन तेजी से कम होना
- आवाज में बदलाव
- लिम्फ नोड्स का बढ़ना
शराब और ओरल कैंसर के बीच संबंध:
- शराब मुंह की सुरक्षात्मक परत (mucosa) को कमजोर कर देती है।
- इससे तंबाकू जैसे अन्य कैंसरकारी तत्वों का प्रभाव और तेज हो जाता है।
- जो लोग शराब के साथ तंबाकू या गुटखा का सेवन करते हैं, उनमें जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
बचाव के उपाय:
- शराब का सेवन पूरी तरह छोड़ें या न्यूनतम रखें
- तंबाकू और सुपारी से दूरी बनाएँ
- नियमित दंत और मौखिक जांच कराएँ
- संतुलित आहार और अच्छी मौखिक स्वच्छता अपनाएँ
निष्कर्ष:
- नई स्टडी यह स्पष्ट करती है कि कभी-कभार शराब पीना भी सुरक्षित नहीं है।
- ओरल कैंसर जैसे घातक रोग का खतरा सीमित सेवन से भी बढ़ सकता है।
- इसलिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहते हुए शराब को “सामाजिक आदत” मानने के बजाय गंभीर स्वास्थ्य जोखिम के रूप में देखना आवश्यक है।
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प्रश्न. ओरल कैंसर निम्नलिखित में से किन अंगों को प्रभावित कर सकता है ?
(a) होंठ
(b) जीभ
(c) मसूड़े
(d) उपरोक्त सभी
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