New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Special Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 06 Nov., 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

भारत में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की स्थिति

प्रारम्भिक परीक्षा : NRHM, अल्मा आटा घोषणा, UHC, PHC
मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:2- स्वास्थ्य और इससे संबंधित विषय। 

संदर्भ 

  • यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) और भारत में इसके कार्यान्वयन से यह सवाल उठता है कि क्या भारत स्वास्थ्य को एक बुनियादी मानव अधिकार के रूप में मानता है, जिसे भारत का संविधान जीवन के अधिकार के तहत गारंटी देता है। 

प्रमुख बिन्दु 

  • स्वास्थ्य का अधिकार प्रत्येक मनुष्य के मौलिक अधिकारों में से एक है।
  • भारत का संविधान जीवन के अधिकार की गारंटी देता है, जिसमें बुनियादी मानव अधिकार के रूप में स्वास्थ्य का अधिकार भी शामिल है।

स्वास्थ्य की परिभाषा क्या है ?

  • WHO के अनुसार, स्वास्थ्य के अंतर्गत मानसिक, सामाजिक कल्याण और शारीरिक फिटनेस से परे बीमारी और अक्षमता की अनुपस्थिति और खुशी की उपस्थिति शामिल होती है ।  

भारत में स्वास्थ्य की स्थिति क्या है?

  • भारत में स्वास्थ्य सेवा की वास्तविकता आदर्श से बहुत दूर है। 
  • नेशनल हेल्थ प्रोफाइल 2021 के अनुसार, भारत में प्रति 1,000 जनसंख्या पर केवल 0.55 डॉक्टर और 0.8 नर्स हैं, जो कि WHO द्वारा अनुशंसित न्यूनतम 1 डॉक्टर और 2.5 नर्स प्रति 1,000 जनसंख्या से काफी कम है।
  • इसके अलावा, भारत का सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च उसके सकल घरेलू उत्पाद का केवल 1.28% है, जो कई देशों की तुलना में बहुत कम है।
  • संवैधानिक गारंटी के बावजूद, भारत में स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सार्वभौमिक नहीं है।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार, भारत में केवल 51.9% महिलाओं को पूर्ण प्रसव पूर्व देखभाल प्राप्त हुई और 12-23 महीने की आयु के केवल 61.3% बच्चों को सभी बुनियादी टीकाकरण प्राप्त हुए।

प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर अल्मा आटा घोषणा:

  • अल्मा आटा घोषणा, 1978 प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है , जिसमें सभी नागरिकों के लिए न्यूनतम देखभाल के आठ घटकों को सूचीबद्ध किया गया था।
  • इसके अंतर्गत सभी स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियों और बीमारियों की रोकथाम को अनिवार्य कर दिया, जिसमें सरकारी संसाधनों का उपयोग करने वाले सभी के लिए टीकाकरण और मामूली बीमारियों और दुर्घटनाओं का इलाज शामिल है, विशेष रूप से गरीबों के लिए।
  • कुछ घटकों को बाहर किया गया जैसे - मानसिक बीमारियों सहित पुरानी बीमारियों और उनकी जांच और उपचार को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल से लगभग बाहर रखा गया । 
  • भारत में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM), जिसने एक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल मॉडल का संचालन किया,जो UHC को प्राप्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम था।

प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (पीएचसी) और सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल (यूएचसी) के बीच अंतर

  • दोनों के मध्य मुख्य अंतर यह है कि PHC स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के भीतर देखभाल का एक स्तर है, जबकि UHC सभी व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल तक पहुँच सुनिश्चित करने का एक व्यापक लक्ष्य है।
  • PHC आमतौर पर प्राथमिक देखभाल स्तर पर प्रदान किया जाता है, जबकि UHC में प्राथमिक से माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के सभी स्तर शामिल होते हैं।
  • PHC बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं और स्वास्थ्य संवर्धन पर केंद्रित है, जबकि UHC का लक्ष्य सभी व्यक्तियों को व्यापक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करना है।

वर्ष 2000 तक सबके लिए स्वास्थ्य

  • हॉफडैन महलर द्वारा वर्ष 2000 तक सभी के लिए स्वास्थ्य का नारा प्रस्तावित किया गया था और 1977 में विश्व स्वास्थ्य सभा द्वारा इसका समर्थन किया गया।
  • भारत ने अपनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 1983 के माध्यम से वर्ष 2000 तक 'सभी के लिए स्वास्थ्य' लक्ष्य के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X