(प्रारंभिक परीक्षा: समसामयिक घटनाक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान) |
संदर्भ
सितंबर 2025 में एशिया के कई हिस्सों ने सुपर टाइफून ‘रगासा’ नामक एक अत्यंत खतरनाक एवं असाधारण तूफान का सामना किया। यह तूफान वर्ष 2025 का सबसे तीव्र उष्णकटिबंधीय चक्रवात रहा, जिसकी स्थायी हवाओं की अधिकतम गति 280 किमी/घंटा तक पहुंच गई। इसने हांगकांग एवं दक्षिणी चीन को बुरी तरह प्रभावित किया और लाखों लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।
सुपर टाइफून रगासा
- रगासा श्रेणी 5 का सुपर टाइफून है जिसे अब तक के सबसे शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय चक्रवातों में गिना जा रहा है।
- इसकी शुरुआत प्रशांत महासागर में हुई और यह धीरे-धीरे ताइवान, फिलीपींस, हांगकांग एवं दक्षिणी चीन की ओर बढ़ता गया।
- इस तूफान की गति एवं दबाव इस हद तक पहुँच गया कि यह पृथ्वी पर चक्रवातों की अधिकतम संभावित तीव्रता की सीमा तक लगभग पहुँच गया था।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि रगासा ने चक्रवातों की पारंपरिक सीमाओं को चुनौती दी।

संबंधित मुख्य तथ्य
- अधिकतम हवा की गति: 280 किमी/घंटा
- समुद्र स्तर में वृद्धि: 3 मीटर से अधिक (हांगकांग के तटीय क्षेत्रों में)
- वर्ग: श्रेणी 5 सुपर टाइफून
- स्थिति: ‘डर्टी साइड’ (Right-front Quadrant) में
- किसी तूफ़ान का ‘डर्टी साइड’ उत्तरी गोलार्ध के उष्णकटिबंधीय चक्रवात या हरिकेन के दाएँ-अग्र चतुर्थांश को संदर्भित करता है, जहाँ घूर्णनशील वायु गति तूफ़ान की आगे की गति में जुड़ जाती है, जिससे शक्तिशाली हवाएँ, तूफ़ानी लहरें एवं ऊँचे बवंडर का ख़तरा पैदा होता है।
- विनाश की क्षमता: ऐतिहासिक स्तर की
- वायुदाब: अत्यधिक निम्न
प्रभावित क्षेत्र
- ताइवान: कम-से-कम 14 लोगों की मौत
- फिलीपींस (उत्तर) : 2 मौतें
- हांगकांग: तेज हवाएं, भारी बारिश, समुद्र तटीय बाढ़
- दक्षिणी चीन: 20 लाख लोगों की आपातकालीन निकासी
- आस-पास के तटीय क्षेत्र: भारी नुकसान, बिजली एवं संचार सेवाएँ बाधित
प्रभाव
- जानमाल की क्षति: दर्जनों मौतें और हजारों लोग घायल
- बुनियादी ढांचा ध्वस्त: इमारतें, पुल, सड़कें और बिजली ग्रिड क्षतिग्रस्त
- परिवहन बाधित: हवाई उड़ानें रद्द, जहाजरानी सेवाओं में बाधा
- आर्थिक नुकसान: अरबों डॉलर का अनुमानित नुकसान
- मानव जीवन पर प्रभाव: लाखों लोग बेघर, जल व बिजली की कमी
रगासा की तीव्रता का कारण
- गर्म समुद्री सतह का तापमान: प्रशांत महासागर का तापमान सामान्य से लगभग 1.5°C अधिक था, जिससे तूफान को अधिक ऊर्जा मिली।
- जलवायु परिवर्तन: वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण चक्रवात अधिक तीव्र एवं दीर्घकालिक हो रहे हैं।
- पथ (Track): रगासा की दिशा ऐसी थी कि यह लंबे समय तक समुद्र पर बना रहा, जिससे इसकी शक्ति कम नहीं हुई।
- डर्टी साइड का प्रभाव: तूफान का विनाशकारी हिस्सा हांगकांग और दक्षिणी चीन के ऊपर से गुज़रा, जिससे तबाही में वृद्धि हो गयी।
निष्कर्ष (Conclusion)
सुपर टाइफून रगासा वर्ष 2025 का सबसे शक्तिशाली तूफान होने के साथ-साथ आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की भी चेतावनी है। जैसे-जैसे महासागरों का तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे ऐसे तूफानों की तीव्रता एवं आवृत्ति भी बढ़ रही है। इस संकट से निपटने के लिए वैश्विक जलवायु प्रयास, मजबूत आपदा प्रबंधन एवं पूर्व चेतावनी प्रणाली को अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
इसे भी जानिए!
चक्रवात : एक परिचय
- चक्रवात एक वायुमंडलीय प्रणाली होती है, जिसमें केंद्र में कम वायुदाब और चारों ओर घूमती हुई तेज हवाएँ होती हैं।
- यह प्रणाली प्राय: समुद्री क्षेत्रों में बनती है और भारी वर्षा, बाढ़ एवं तेज हवाएँ लेकर आती है।
निर्माण
- जब समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक होता है तो वहाँ की गर्म एवं नम हवा ऊपर उठती है।
- नीचे की ओर निम्न वायुदाब बनता है और आस-पास की हवा उस स्थान की ओर बढ़ती है।
- यह प्रक्रिया चक्रवातीय घूर्णन प्रणाली बनाती है। जब यह प्रणाली मजबूत हो जाती है तो यह चक्रवात में परिवर्तित हो जाती है।
- महासागर से मिलने वाली ऊर्जा से यह और भी शक्तिशाली बन जाता है।
वर्गीकरण
सैफिर-सिम्पसन स्केल के अनुसार चक्रवातों का वर्गीकरण:
- कैटेगरी 1 : हवा की गति: 119–153 किमी/घंटा
- कैटेगरी 2 : हवा की गति: 154–177 किमी/घंटा
- कैटेगरी 3 : हवा की गति: 178–208 किमी/घंटा
- कैटेगरी 4 : हवा की गति: 209–251 किमी/घंटा
- कैटेगरी 5 : हवा की गति: 252 किमी/घंटा और उससे अधिक
- जब टाइफून कैटेगरी 5 स्तर पर पहुंचता है, तो उसे सुपर टाइफून कहा जाता है।
प्रकार
चक्रवातों को उनके स्थान के आधार पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है:
उत्पत्ति क्षेत्र के आधार पर तूफानों/चक्रवातों के नाम
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उत्पत्ति क्षेत्र
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नाम
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चीन सागर व प्रशांत महासागर
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टाइफून
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कैरेबियन सागर व अटलांटिक महासागर
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हरिकेन
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पश्चिम अफ्रीका एवं अमेरिका
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टोरनाडो
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उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया
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विली-विलीज
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हिंद महासागर क्षेत्र
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उष्णकटिबंधीय चक्रवात
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