भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) ने भारत एवं यूरोप के बीच घरेलू भुगतान प्रणालियों (UPI व TIPS) को आपस में जोड़ने के प्रारंभिक चरण की शुरुआत पर सहमति जताई है।
RBI-ECB समझौते के बारे में
इस पहल का मुख्य उद्देश्य भारत एवं यूरो क्षेत्र (Euro Zone) के बीच क्रॉस-बॉर्डर रेमिटेंस को तीव्र, सस्ता व सुरक्षित बनाना है।
मुख्य बिंदु
- RBI और ECB ने डिजिटल भुगतान प्रणालियों के इंटरलिंकिंग पर सहमति जताई।
- ECB के अनुसार, यह कदम यूरोपीय व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए वैश्विक भुगतान को सरल बनाने का हिस्सा है।
- भारत यूरो क्षेत्र से रेमिटेंस प्राप्त करने वाले शीर्ष 10 देशों में शामिल है।
- भारत एवं यूरोपीय संघ वर्ष 2025 के अंत तक एक दीर्घकालिक व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं।
- भारत द्वारा अफ्रीका व दक्षिण अमेरिका के देशों के साथ भी UPI आधारित डिजिटल भुगतान प्रणाली विकसित करने पर बातचीत जारी है।
क्या है TIPS
- पूर्ण नाम : TARGET Instant Payment Settlement (TIPS)
- परिचय : यह यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा विकसित एक रियल-टाइम इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम है जिसका उपयोग यूरोप में त्वरित धन स्थानांतरण के लिए किया जाता है।
विशेषताएँ
- 24×7 रियल-टाइम भुगतान
- सुरक्षित व तेज़ अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन
- यूरो क्षेत्र के बैंकों व डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध
- व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए बैकएंड भुगतान अवसंरचना
- RBI इसी प्रणाली को भारत के UPI से जोड़ने की दिशा में कार्यरत
इसका प्रभाव
- भारत एवं यूरोप के बीच पैसे भेजने की प्रक्रिया त्वरित (कुछ सेकेंड) में हो सकेगी, जिससे लाखों भारतीयों को लाभ मिलेगा।
- UPI-TIPS इंटरलिंकिंग से ट्रांजेक्शन शुल्क काफी कम हो सकता है जिससे छात्रों, प्रवासी भारतीयों और व्यवसायों को फायदा होगा।
- यह पहल भारत-EU व्यापार समझौते को गति देगी और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करेगी।
- UPI को ‘ग्लोबल पेमेंट स्टैंडर्ड’ बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम साबित हो सकता है।
- यूरोप में रहने वाले भारतीयों के लिए यह प्रणाली सबसे बड़ा बदलाव होगी, जैसे- पैसे भेजने में आसानी, बैंकिंग देरी खत्म और ट्रांसफर की पारदर्शिता में वृद्धि।