New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

सर्वेक्षण पोत संधायक (Survey Ship Sandhyak)

प्रारंभिक परीक्षा – सर्वेक्षण पोत संधायक
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों 

सर्वेक्षण पोत संधायक का पहला जहाज भारतीय नौसेना को 04 दिसंबर 2023  को सौंपा गया।

Survey-Ship-Sandhyak

प्रमुख बिंदु 

  • गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता में बनाए जा रहे चार सर्वेक्षण पोतों (survey vessels large) में से पहला संधायक भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
  • चार सर्वेक्षण पोतों  के लिए अनुबंध  पर 30 अक्टूबर 2018 को हस्ताक्षर किये गये थे।
  • SVL(survey vessels large) पोतों को मेसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता द्वारा इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग क्लासिफिकेशन सोसाइटी के नियमों के अनुसार डिजाइन और निर्मित किया गया है।
  • यह पोत सर्वेक्षण के अलावा द्वितीयक भूमिका में सेना को सीमित सुरक्षा प्रदान करेंगे और युद्ध व आपातकालीन स्थिति के दौरान अस्पताल के रूप में कार्य करता है।
  • संधायक जहाज लगभग 3,400 टन के विस्थापन और 110 मीटर लंबा है। यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण पोत है।
  • अभी इस पोत का काम बंदरगाह या हार्बर तक पहुंचने वाले मार्गों का सम्पूर्ण तटीय और डीप-वॉटर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करना है। साथ ही, नौवहन चैनलों या मार्गों का निर्धारण करना है।
  • इसके परिचालन क्षेत्र में ईईजेड (EEZ), एक्‍सटेंडेड कॉन्टिनेंटल शेल्फ तक की समुद्री सीमाएं शामिल हैं।
  • इस पोत का उपयोग रक्षा और सिविलियन वर्क जैसे कि समुद्र विज्ञान और भूभौतिकीय डेटा भी एकत्रित करने के लिए  भी किया जाएगा।
  • संधायक अत्याधुनिक हाइड्रोग्राफिक उपकरणों जैसे डेटा अधिग्रहण और प्रसंस्करण प्रणाली, स्वायत्त अंडरवाटर वाहन, रिमोट चालित वाहन, डीजीपीएस लॉन्ग रेंज पोजिशनिंग सिस्टम, डिजिटल साइड स्कैन सोनार से युक्त है।
  • दो डीजल इंजनों द्वारा संचालित यह पोत 18 समुद्री मील से अधिक की गति से चल सकता है।
  • इस पोत के निर्माण की प्रक्रिया 12 मार्च 2019 को आरंभ हुई और इसे 5 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया गया।
  • यह पोत बंदरगाह और समुद्र में व्यापक परीक्षणों से गुजर चुका है। इसके पश्चात  दिसंबर 2023 को भारतीय नौसेना को सौंपा गया।
  • लागत की दृष्टि से संधायक में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है।
  • संधायक की सुपुर्दगी भारत सरकार और भारतीय नौसेना द्वारा 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में दिए जा रहे प्रोत्साहन की पुष्टि करती है। 
  • संधायक के निर्माण के दौरान कोविड और अन्य भू-राजनीतिक चुनौतियों के बावजूद इसको शामिल किया जाना, हिंद महासागर क्षेत्र में राष्ट्र की समुद्री ताकत बढ़ाने की दिशा में बड़ी संख्या में हितधारकों, एमएसएमई और भारतीय उद्योग के सहयोगपूर्ण प्रयासों का परिणाम है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए 

  1. सर्वेक्षण पोत संधायक का पहला जहाज भारतीय नौसेना को 04 दिसंबर 2023  को सौंपा गया।
  2. गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता में बनाए जा रहे चार सर्वेक्षण पोतों  में से पहला संधायक भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
  3.  संधायक जहाज लगभग 3,400 टन के विस्थापन और 110 मीटर लंबा है एवं यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा सर्वेक्षण पोत है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों 

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: – सर्वेक्षण पोत संधायक के प्रमुख विशेषताओं की विवेचना कीजिए।

स्रोत : pib

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X