New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और चक्रीयता

(प्रारंभिक परीक्षा : समसामयिक घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा : सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3; पशुपालन सम्बंधी अर्थशास्त्र।)

चर्चा में क्यों

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा नई दिल्ली में डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और चक्रीयता पर कार्यशाला का उद्घाटन किया गया।

भारत के डेयरी क्षेत्र  के बारे में

  • भारत का डेयरी क्षेत्र देश के साथ-साथ ग्रामीण विकास और भूमिहीन एवं छोटे किसानों को समृद्ध बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
  • ग्रामीण पलायन की समस्या का समाधान करने के लिए डेयरी एक महत्वपूर्ण विकल्प है।
  • यह क्षेत्र कृषि के अलावा किसानों को अतिरिक्त आय भी प्रदान करता है।
  • भारत वर्तमान में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक और डेयरी उत्पादों के दुनिया के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है।
  • भारतीय डेयरी उद्योग राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 5% का योगदान देता है और प्रत्यक्ष रूप से 8 करोड़ से अधिक किसानों का समर्थन करता है।
  • भारत में प्रमुख डेयरी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब और तमिलनाडु हैं।

डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और चक्रीयता की संभावनाएं 

  • केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री द्वारा डेयरी क्षेत्र में संधारणीयता और चक्रीयता पर कार्यशाला के दौरान डेयरी फार्मिंग में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
  • राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एन.डी.डी.बी.) और नाबार्ड की संपीड़ित बायोगैस परियोजना और सस्टेन प्लस परियोजना के तहत नई वित्तपोषण पहल की शुरूआत की गई है।
  • ​​15 राज्यों के डेयरी सहकारी संघों ने बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए एन.डी.डी.बी. के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
    • देश में करीब 16 करोड़ टन गोबर उपलब्ध है। बायोगैस संयंत्र लगाने की योजना बनाते समय गोबर की आपूर्ति के लिए सहकारी और गैर-सहकारी दोनों क्षेत्रों के किसानों को शामिल किया जाना चाहिए।
  • खाद बनाने के लिए गाय के गोबर का उपयोग किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा।
    • बड़ी मात्रा में उपलब्ध गाय के गोबर का उपयोग जैविक खाद, जैव ईंधन आदि के लिए किया जा सकता है, जिससे उत्पादकता बढ़ेगी।
  • केंद्र सरकार सहकार से शक्ति, सहकार से सहयोग और सहकार से समृद्धि के तीन सूत्रों के साथ-साथ जनकेंद्रित लाभ के सिद्धांत का पालन कर रही है।
  • श्वेत क्रांति 2.0 का मुख्य लक्ष्य डेरी क्षेत्र में  संधारणीयता और चक्रीयता को बढ़ावा देना  है।
    • श्वेत क्रांति 2.0 के तहत हर राज्य व केंद्र शासित प्रदेश में एक राज्यस्तरीय संघ और देश के 80% जिलों में दुग्ध संघ बनाने का लक्ष्य है।

भारतीय डेयरी उद्योग की चुनौतियाँ

  • भारतीय दुधारू पशुओं की कम उत्पादकता
  • भारत में दुग्ध उत्पादन के लिये आगत कीमतों में तीव्र वृद्धि
  • अत्यधिक घरेलू उपभोग के कारण निर्यात में कमी
  • प्रभावी दुग्ध निर्यात नीति का अभाव 
  • दूध की गुणवत्ता जांच और प्राथमिक शीतलन सुविधाओं की कमी

भारत में डेयरी उद्योग के लिए प्रमुख पहल 

  • राष्ट्रीय गोकुल मिशन
  • राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की स्थापना
  • राज्य सहकारी डेयरी संघ
  • राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम 
  • डेयरी उद्यमिता विकास योजना

आगे की राह

  • वर्तमान समय में फार्म से फैक्ट्री तक की संपूर्ण शृंखला गाँव में ही स्थापित किए जाने पर बल दिया जाना चाहिए।
  • गुजरात में माइक्रो ATM के मॉडल से प्रदेश के पशुपालकों को अभूतपूर्व लाभ मिल रहा है, इस मॉडल को नाबार्ड  द्वारा देश के हर जिले तक पहुंचाया जाना चाहिए।
  • सीमांत किसानों को समृद्ध बनाने के लिए गाँव से ग्लोबल तक की यात्रा, समूह से सफलता तक का विश्वास और फार्म से फैक्ट्री तक की पूरी शृंखला विकसित करने की आवश्यकता है।
  • भारत को दुग्ध क्षेत्र में आगतों को नियंत्रित करने हेतु आपूर्ति श्रृंखला की विसंगतियों को दूर कर उसे और अधिक दक्ष बनाना होगा।
  • सहकारी समितियों को डेयरी क्षेत्र में सभी मशीनें बनाने में सक्षम होना चाहिए और उन्हें वैश्विक बाजार में निर्यातकरना चाहिए।
  • डेयरी उपकरण स्थानीय स्तर पर बनाए जाएँ और कार्बन क्रेडिट का लाभ सीधे किसानों को दिया जाना चाहिए।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR